वर्ष 2015-16 से 2019-21 की अवधि के दौरान भारत में रिकॉर्ड 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से मुक्त हुए। नीति आयोग के “राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांकः एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023” में यह दावा किया गया है।36 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों और 707 प्रशासनिक जिलों के लिए बहुआयामी गरीबी संबंधी अनुमान प्रदान करने वाली इस रिपोर्ट के मुताबिक, बहुआयामी गरीबों के अनुपात में सबसे अधिक कमी उत्तर प्रदेश में आई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।