इन दिनों पूरे देश में मज़दूरों के कानूनों पर चर्चा चल रही है, मुख्य कारण है केन्द्र सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को श्रम संहिताओं में बदलना. इसके बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है और अब तक यह स्पष्ट हो गया है कि यह पूरी प्रक्रिया श्रम कानूनों को कम़जोर करते हुए मज़दूरों के जीवन को बाजार के हवाले करने की ही कवायद है, जिससे कॉर्पोरेट्स को मजदूरों के श्रम का शोषण कर मुनाफा कमाने की खुली छूट मिल जाएगी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड.19 से रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे. अब तक टीका लगवाने की आयुसीमा 45 वर्ष थी. इसके साथ ही सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
केरल हाईकोर्ट का कहना है कि पूरी तरह से योग्य महिला को इस आधार पर रोजगार से वंचित नहीं रखा जा सकता कि वह महिला है और रोजगार की प्रकृति के अनुरूप उसे रात के समय काम करना पड़ेगा। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हालिया आंकड़ों के मुताबिक देश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 76.1 फीसदी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है. ऐसे केंद्रों को भारत के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. यह 30 बेड का अस्पताल होता है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा टाल दी गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा मंत्री और मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें यह फैसला लिया गया है. सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा को टाल दिया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे प्रवासी बच्चों की संख्या और उनकी स्थिति से उसे अवगत कराएं. न्यायालय ने ये निर्देश उस याचिका पर दिया, जिसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच प्रवासी बच्चों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि कोविड-19 संकट की गंभीरता के चलते केंद्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी और इस दौरान प्रवासी बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए और सबसे संवेदनशील स्थिति में हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
भारत में कोरोना संकट तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही देश के कई हिस्से में वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का दौर शुरू हो गया है. इसके बाद भारत के जॉब मार्केट में चिंता बढ़ गई है. एक निजी रिसर्च फर्म ने अपने आंकड़ों में यह जानकारी दी है. 11 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में भारत में बेरोजगारी की दर 8.6% पर पहुंच गई. इससे 2 हफ्ते पहले यह 6.7 फ़ीसदी पर थी.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
मार्च 2021 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.52 फीसदी पर पहुंच गई है. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच आम आदमी के लिए इस वजह से और मुसीबत खड़ी हो सकती है. इस बीच औद्योगिक उत्पादन घटने की भी सूचना है. फरवरी 2021 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 3.6 फीसदी की कमजोरी दर्ज की गई है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली के मुकाबले ज्यादा ताकतवर लग रही है. इसे काबू में करने की कोशिशें नाकाफी साबित हुई हैं. ऐसे में फिर से लॉकडाउन की चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच, उद्योग जगत का मानना है कि आंशिक लॉकडाउन भी काफी नुकसानदेह साबित होगी. प्रमुख उद्योग चैंबर के एक सर्वे से इस बात के संकेत मिले हैं. ज्यादातर सीईओ का मानना है कि आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाये जाने से श्रमिकों के साथ-साथ वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हो सकती है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, कंज्यूमर और ऑटो सेक्टर की कंपनियां कोरोनावायरस के संकट के दौर में फिर से लेबर माइग्रेशन की चिंता से जूझने लगी हैं. देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केस और उसे रोकने के लिए लगाए जा रहे प्रतिबंध और लॉक डाउन की वजह से मजदूरों की रोजी-रोटी पर असर पड़ सकता है. रेस्टोरेंट्स और रिटेल सेक्टर की बात करें तो मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में रिवर्स माइग्रेशन शुरू हो चुका है.