• हर बच्चे के साथ अलग से समय बिताएं • अपने बच्चे की जरूरतों को सुनें • अच्छा व्यवहार करने पर बच्चे की करें प्रशंसा • किशोर-किशोरियों की पसंद का रखें ख्याल दिन व् दिन कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. इसको लेकर लोगों के मन में डर भी बढ़ता जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में बच्चे एवं किशोर भी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। बच्चों एवं किशोरों के स्कूल एवं कॉलेज बंद हों के कारण वे घर पर बैठने को मजबूर हैं। बाल्यवस्था एवं किशोरवस्था उत्साह एवं उर्जा का समय होता है। ऐसे में यदि उन्हें अचानक घर पर बैठना पड़ जाए तो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर यह प्रतिकूल असर भी डालता है। इसलिए ऐसे समय में जरुरी है कि घर के माता-पिता बच्चों एवं किशोरों को अधिक समय दें। उनकी समस्या सुनें एवं उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय व्यतीत करें ताकि उनके ऊपर संक्रमण का डर हावी ना हो सके. इसको लेकर पेरेंटिंग फॉर लाइफ लॉन्ग हेल्थ, द यूरोपियन रिसर्च काउंसिल, यूनिसेफ,सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, द लीवरहुलम ट्रस्ट, द इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च काउंसिल एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अन्य संस्थाओं के सहयोग से दिशा-निर्देश जारी किया गया है। ऑडियो पर क्लिक कर सुने विस्तृत रिपोर्ट। श्रोताओं 9278701369 पर मिस कॉल कर स्वास्थ्य, पोषण कोविड 19 और जिले की हर छोटी बड़ी खबर सुने और 3 नंबर का बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी साझा करे। यदि आप समार्टफोन उपयोगकर्ता है! तो मोबाईल वाणी एप्प् प्ले स्टोर से डाउनलोड कर जिले से संबंधित हर छोटी बड़ी खबर को एप्प् पर सुने और लाल वाली माइक बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी रिकार्ड करे। धन्यवाद