जिला बोकारो से जे एम् रंगीला जी और उनके साथ है फूलमती देवी जी जो मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बाल विवाह समाज में पहले संस्कृति सभ्यता,जो सतयुग,द्वापर,त्रेता में हो रही थी उसका उपयोग न कर के पच्छमी सभ्यता का उपयोग कर रहे हैं जिसके कारण बाल विवाह को रोकना असंभव हो गया है। बाल विवाह के कई दुष्परिणाम है अगर किसी लड़की की अठारह वर्ष से पहले विवाह हो जाता है, तो उसके साथ कई तरह दोहन किया जाता है।वे अपनी जिम्मेवारी को सही से नहीं निभा पाती हैं। और ऐसे में यदि समय से पहले बच्चा हो जाता है तो जच्चा और बच्चा दोनों कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ता है और अंत में नारी का अस्तित्व खत्म हो जाता है।