दिल्ली के सीमापुरी से सबाना मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि लड़कियों को ससुराल और मायके दोनों जगह हक़ मिलना चाहिए

दिल्ली के जहांगीरपुरी से दुर्गेश ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हम लोग समाज में देखते हैं,जब किसी शादी शुदा महिला के पति की मृत्यु हो जाती है तो, ससुराल द्वारा उसको किसी भी प्रकार का कोई हिस्सा नहीं दिया जाता है। इनका विचार है कि महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलना चाहिए।

दिल्ली के नई सीमापुरी से किरण ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला भूमि अधिकार पर अपनी राय साझा किया।किरण ने बताया कि महिलाओं को उनकी ससुराल और मायके की प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलना चाहिए

दिल्ली के सीमापुरी से अर्चना मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को अपने प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलना चाहिए क्योंकि उनका अपना कोई घर नहीं हैं। ससुराल और मायके में उनको अधिकार देने से मना करते हैं इसलिए उनका अपना एक घर होना चाहिए।

दिल्ली से शिला मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए। मायके में उनके भाई और कोई देख रेख नहीं करते हैं इसलिए उनको जमीन में हिस्सा मिलना चाहिए।

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बिहार राज्य के जमुई ज़िला से रंजन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि जब से महिलाओं को भूमि का अधिकार दिया जाना प्रारंभ हुआ है तब से महिलाओं के जीवन में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पुरुष प्रधान समाज में पहले महिलाओं को जमीन अधिकार नहीं मिलता था पर अब महिलाओं को जमीन मिलने लगा है। इससे महिलाओं का सम्मान बढ़ रहा है। इससे महिलाएं समझ रही है कि अगर भूमि महिला के नाम होगा तो इन्हे भी जीने का अधिकार दिया जाएगा। महिलाएं विशेष परिस्थिति में ही उस भूमि को इधर उधर करती है अन्यथा वो कभी भी अपने भूमि के टुकड़े को हटाना नहीं चाहती है। घर की सारी जिम्मेदारी महिलाएं बखूबी निभाती थी और जब से जमीन का अधिकार मिलना शुरू हुआ है तब से महिलाएं और अच्छे से अपनी जिम्मेदारियाँ निभा रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से सायरा बानो मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि समाज महिलाओं को जमीन में अधिकार नहीं देना चाहता है

हरियाणा राज्य के अम्बालाा से अशोक कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला हो या पुरुष ये मायने नही रखता है। घर के योग्य व्यक्ति को प्रॉपर्टी में हिस्सा मिलना चाहिए।जो परिवार को संभाल सके। अयोग्य व्यक्ति को हिस्सा नही मिलना चाहिए।महिलाओं को प्रॉपर्टी में सिर्फ हिस्सा देने से ही गरीबी दूर नही होगी।शिक्षा भी जरुरी है।महिलाएं सशक्त होंगी तो उनको अधिकार मिल पाएगा

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घरेलू हिंसा और कार्यस्थल पर उत्पीड़न से सुरक्षा। हिंसा से महिला संक्षण अधिनियम। दूसरा है- यौन अपराधों और तस्करी के खिलाफ कानूनी संरक्षण। तीसरा है- लौंगिक भेदभाव के बिना जीवन जीने का अधिकार।