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बिहार राज्य के मुंगेर जिला के खड़गपुर से गौरीलाल मंडल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि नितीश कुमार जी खड़गपुर प्रखंड के गढ़बिहारी मैदान में सभा को संबोधित करेंगे। एस. डी. एम. राजीव रोशन जीम बी. एस. पी. चाहर चंदन कुमार जी प्रशिक्षु जी. एस. पी. विकास कुमार तिवारी और एस. एस. एच. ओ. खड़गपुर और एस. एच. ओ. नितीश कुमार जी शामपुर सहित सभी लोग, पूरा प्रशासन लगा हुआ है और सभी मुंगेर से भी आ रहे हैं।लोग हर जगह मुख्यमंत्री के कल आने का इंतजार कर रहे हैं जिसमें मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उखलन सिंह जी के लिए प्रचार करेंगे। मान्ती साहब अधिक वोट मांगेंगे और एनडीए के सभी कार्यकर्ता भी वहां मौजूद रहेंगे।

कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से गोरी लाल मंडल , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि इस बार मतदान कम हुआ है।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से गोरी लाल मंडल , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सरकार को वृद्धा पेंशन को बढ़ा कर देना चाहिए।

बिहार राज्य के मुंगेर जिला से गोरीलाल मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे बिहार की माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमारी सभी जाति और पंथ से ऊपर उठकर बिहार का विकास कर रहे हैं।उनके कार्यकाल के दौरान कोई सांप्रदायिकता नहीं है वर्तमान सरकार कहीं मेडिकल कॉलेज देना है, कहीं स्कूल देना है, कहीं अस्पताल देना है, कहीं पॉलिटेक्निक कॉलेज देना है इस पर ध्यान दे रही है । सरकार के द्वारा शिक्षा पर भी बहुत जोर दिया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि हम ऐसा कोई काम नहीं करने जा रहे हैं जो संविधान के खिलाफ हो और कोई भी संविधान ऐसा नहीं कर सकता।

हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

हमारे देश में हर एक दिन की अपनी खास बात और महत्व है। जहां एक दिन किसी दिन को हम किसी की जयंती के रूप में मनाते हैं, तो किसी दिन को बेहद ही खुशी से। इसी कड़ी में 24 अप्रैल का दिन भी बेहद खास है।इस दिन पंचायतो में विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जो पंचायत की उपलब्धियों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में उनके योगदान को उजागर करते हैं। यह दिन 17 जून 1992 को संविधान में 73वें संशोधन के पारित होने और 24 अप्रैल 1993 को कानून लागू होने की याद में मनाया जाता है। पंचायती राज व्यवस्था का जनक लॉर्ड रिपन को माना जाता है अगर देश में किसी गांव में कोई दिक्कत है या उस गांव की हालत खराब है, तो उस गांव की इस समस्या को दूर करने और उसे सशक्त एवं विकसित बनाने के लिए ग्राम पंचायत ही उचित कदम उठाती है। तो आइये दोस्तों ,इस राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर हम सभी पंचायत के नियमों का पालन करे और पंचायती राज व्यवस्था का हिस्सा बन कर पंचायत के विकास में योगदान दे । मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।