बिहार के मुंगेर जिले के चंदनपुरा गांव से दीपक कुमार आर्य जी ने मुंगेर की आवाज की ओर से बात करते हुए वहां के गांव से पैसे की बचत के बारे में जाना।साथ ही उन्होंने गांव के ही सजिदानन्द सिंह जी से किसी ऐसी घटना के बारे में पूछा जिसमे उन्होंने पैसे घर में बचा कर रखा था और वे उसका लाभ नहीं उठा पाए।इस पर सजिदानन्द जी ने बताया कि उनके ही गांव के एक व्यक्ति ने पैसे अपने घर में एक घड़ा में करके जमीन के अंदर छिपा कर रखा था एवं बहुत दिनों बाद जब उस व्यक्ति के बेटे के द्वारा पैसे प्राप्ति के लिए जमींन से घड़ा निकाला गया ,पैसे पूरी तरह से सड़े हुए थे।बातचीत के दौरान सजिदानन्द जी ने कहा कि इस तरह के नुकसान से बचने के लिए पैसे को बैंक में ही बचत करके रखनी चाहिए और इसलिए वो भी अपने गांव के ही ग्रामीण बैंक में अपना खाता खुलवा कर पैसों की बचत कर रहे हैं।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार ने मुंगेर की आवाज पर चल रही वित्तीय जागरूकता अभियान के अंतर्गत अनौपचारिक रूप से पैसे घर पर क्यों नही रखनी चाहिए ,इस विषय पर मोहम्मद तुफे-आलम जी से बात की। मोहम्मद तुफे-आलम एक व्यापारी हैं। सवाल का जवाब देते हुए इन्होने कहा कि 2010 से 2013 के बीच इलेक्ट्रिक कार्य के बाद बचे दो-ढाई हज़ार रूपये एक डायरी में इन्होने रख दिया था ।समय के साथ ग्रामीणों के पैसे इनके पास है ,ये भूलते चले गए ,इस बीच नोटबंदी आई और ये रखे हुए पैसे इनके जहन से उतरता ही चला गया। 2017 में फार्म को भरने के लिए जब इन्होने डायरी खोली तो वो पैसे मिले ,मगर पुराने नोट होने के कारण ,अब वो किसी काम के नहीं थे। इनका कहना है कि है कि वही नोट अगर वो बैंक में रख दिए होते तो ,पैसा बर्बाद नही होता और उन पैसों से ग्रामीणों को फायदा होता। साथ ही इनका कहना है कि पैसों को सुरक्षित बैंक या पोस्टऑफिस में रखनी चाहिए। घर में पैसे रखने से उनका कोई उपयोग नही होता है ,बर्बाद हो जाता है।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार कटारिया गाँव में सरोज देवी जी से अनौपचारिक तरीके से पैसे रखने सम्बंधित विषय पर बातचीत की।सरोज देवी दया सोसाइटी में सुपरवाइजर का कार्य करती हैं।सवाल जवाब देते हुए इन्होने बताया कि पहले पैसा इनके पास कम होता था ,मगर फिर भी जब कुछ पैसा जैसे- सौ -दो सौ बच जाता था ,तो उसे डब्बे में रख देती थी।इनका कहना है कि अगर घर में पैसा होता है तो फिजूलखर्च हो जाता है। फिर जब समस्या आएगी या पैसों की जरुरत पड़ेगी तो पैसा कहाँ से आएगा? इस परिस्थिति में किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा। इसलिए पैसों को सही जगह रखनी चाहिए ,जहाँ पैसा सुरक्षित रहे और जरुरत पड़ने पर उन पैसों को निकाल सकें। बैंक पैसों को रखने के लिए सबसे सुरक्षित है। इसके लिए खाता खुलवाकर पैसा उसमें रखेंगी और जरुरत पड़ने पर वहाँ से निकाल लेंगी।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से दीपक कुमार आर्य मोबाइल वाणी के माध्यम से गांव के ग्रामीण मुंगियालाल दास से साक्षात्कार ले रहे है जिसमें मुंगियालाल दास जी अपनी घटना बता रहे है।उनका कहना है कि जब वे छोटे थे तो इनका घर पुस का था और उसमे आग लग गया और पानी घुस गया था जिससे सारी संपत्ति नष्ट हो जाती है।इसलिए ये अब पैसे को बैंक में रखते है तथा इनका कहना है कि लोगों को भी पैसा बैंक में रखना चाहिए।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से दीपक कुमार आर्य ने मोबाइल वाणी के माध्यम से संजय कुमार से बातचीत किया। जिसमें संजय जी से पूछा गया कि घर में अनौपचारिक रूप से पैसे रखने से क्या-क्या समस्या आती है ? जिसका जवाब देते हुए संजय जी कहते हैं कि घर में पैसे रखने से पैसे अनावश्यक खर्च होता है।पास में पैसा रहने से जरुरत नहीं रहने से भी पैसा खर्च हो जाती है। पैसे को बैंक में रखने से पैसा सुरक्षित रहती है। साथ ही कहते हैं कि श्रीराम कंपनी में काम करते हैं।और जो पैसे बचत करते हैं उसे सेविंग अकाउंट में जमा करते हैं।

मुंगेर मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता कहते हैं कि आजकल के दौर में लोग घर में पैसा नहीं रखते हैं।जिसके पास पैसा ज्यादा होता है वो लोग बैंक में पैसा रखते हैं और गरीब लोग के पास तो पैसा नहीं रहता है तो कहा रखेंगें ? लेकिन बैंक में ही पैसा रखने से फायदा होता है। क्योंकि जब चाहें तब बैंक से पैसा निकाल सकते हैं। अगर कभी बीमार पड़ गए या कुछ और काम पड़ गया या कुछ बिजनेस करना है तो बैंक में ही पैसा रखना अच्छा रहता है।

बिहार राज्य के मुंगेर जिले से राजीव कुमार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से कामकाजी महिला सोनी देवी जी से बातचीत की।जब सोनी देवी जी सवाल पूछा गया कि घर में पैसे क्यों नही रखने चाहिए तो जवाब में सोनी जी ने बताया कि घर पर पैसे रखने से अनाप-शनाप फिजूलखर्ची हो जाती है एवं पैसा सुरक्षित भी नही रहता है। साथ ही बैंक में पैसे रखने से उसका इंट्रेस्ट मिलता है और पैसा सुरक्षित भी रहता है। इनका कहना है कि घर में पैसा रखने पर डर रहता है चोरी होने का और जरुरत नही होने पर भी बिना मतलब का खर्च होने की सम्भावना भी रहती है। फेरीवाला आया नहीं कि महिलाओं का मन कुछ खरीदने को लालायित हो उठता है तथा दूसरी महिलाओं की देखा-देखी कुछ खरीद भी लेती हैं। इस प्रकार पैसा खर्च हो जाता है। अतः न घर में पैसा रखेंगे और न खर्च होगा। इसलिए सोनी जी अपना पैसा बैंक में रखती हैं।इनके अनुसार वर्तमान में पैसों की बचत की सही जगह बैंक है।

हमारे श्रोता मोबाईल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के लिए क्या करना होता है ? विस्तार से बताएँ।

बिहार राज्य के जिला मुंगेर से राजीव कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से नागेश्वर कुमार जो होमगार्ड में थे उनसे वित्तीय जागरूकता के बारे में साक्षात्कार लिया।जिसमें नागेश्वर जी कहते हैं कि वो अपने जीवन यापन के लिए गाय-भैंस चराते हैं। साथ ही कहते हैं कि हमको कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली है। घर ,शौचालय भी नहीं मिला है। पोस्ट ऑफिस के बारे में कहते हैं कि पोस्ट ऑफिस से चिठ्ठी आती है। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस के बारे में कोई और जानकारी नहीं पता।

मोबाइल वाणी के माध्यम से राजीव कुमार ने मुंगेर की आवाज से मोहमद आलम से वित्तीय जागरूकता के बारे में बातचीत किया जिसमें मोहमद जी कहते हैं कि ललन और छूटन के माध्यम से सरकारी जगह की जानकारी मिलती है। लल्लन और छूटन के द्वारा ही पोस्ट ऑफिस में चल रही पीपीएफ योजना के बारे में पता चला। और चाहते हैं कि पोस्ट ऑफिस में इन्वेस्ट करें और अपने फ्यूचर प्लानिंग को सँभालने की कोशिश करेंगें। और मुंगेर की आवाज से सन्देश देना चाहते हैं कि पीपीएक के माध्यम से अपनी बचत करें