समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव -जिला के स्वास्थ्य केंद्रों में हुई निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह की शुरुआत - 07 से 14 नवंबर तक स्वास्थ्य केंद्रों में हो रही है संभावित कैंसर मरीजों की जांच - समय पर जांच व इलाज कराने से कैंसर मुक्त हो सकते हैं मरीज : एनसीडीओ - शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार - कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए संतुलित खान-पान आवश्यक मुंगेर, 08 नवंबर। जिला के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर 07 से 14 नवंबर तक कैंसर रोग परामर्श सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान गैर संचारी रोगों की जांच के लिए आए सभी लोगों के कैंसर की संभावित लक्षणों की जांच करने के साथ ही चिकित्सकों द्वारा इससे सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक परामर्श भी दिया जा रहा है। मालूम हो कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है। समय पर इसकी पहचान होने पर इसका बेहतर इलाज किया जा सकता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित गैर संचारी रोग (एनसीडी) क्लीनिक में लोग कैंसर की जांच करा सकते हैं। जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट मेडिकल अस्पताल भेजा जाएगा, जहां लोग निःशुल्क अपना कैंसर का इलाज करवा सकते हैं। सदर अस्पताल परिसर में 07 से 14 नवंबर तक आयोजित है निःशुल्क कैंसर जांच एवम परामर्श सप्ताह : मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित एनसीडी क्लीनिक के सामने आयोजित निःशुल्क कैंसर जांच और परामर्श शिविर में गैर संचारी रोगों के इलाज के लिए उपस्थित लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग करते हुए जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. के. रंजन के द्वारा निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श सप्ताह की शुरुआत की गई। इस दौरान उपस्थित लोगों के मुँह, सर्वाइकल आदि की जांच करते हुए उन्हें कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक खान-पान का ध्यान रखने की सलाह दी गई। मौके पर जिला गैर संचारी रोग अधिकारी डॉ. के. रंजन साथ फिजियोथेरेपिस्ट नितिन आनंद, साईकोलोजिस्ट और राखी मुखर्जी उपस्थित थी। शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार : जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. के. रंजन ने बताया कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है। सामान्यतः लोग मुँह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या महिला वर्ग स्तन कैंसर के शिकार हो जाते हैं। शरीर के किसी भी अंग में सूजन का होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल/मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का न भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त निकलना, 03 सप्ताह के अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुँह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है। कैंसर के मरीजों को मुफ्त इलाज के लिए भेजा जाता है पटना : एनसीडी अधिकारी ने बताया कि समय पर कैंसर की पहचान होने के बाद व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाता है। मुंगेर या आसपास के जिलों में कैंसर के मरीज मिलने पर उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा जाता है। जहां इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, पीएमसीएच व महावीर कैंसर अस्पताल में मरीजों की आवश्यक जांच के साथ बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जाता है। कैंसर से बचाव के लिए सन्तुलित खान-पान जरूरी- एनसीडी विभाग में कार्यरत राखी मुखर्जी ने बताया कि वर्तमान समय में बाजार में पाए जा रहे अधिकतर खाद्य पदार्थ केमिकल्स के मिश्रण से बने होते हैं जिसका अधिक इस्तेमाल कैंसर को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके साथ ही बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का अत्यधिक सेवन करते जो मुँह कैंसर का कारण है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट- 2019 के अनुसार हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों के उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए। जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होता हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।