मुंगेर, अगस्त। सुरक्षित और सामान्य प्रसव हर गर्भवती महिला की पहली चाहत होती है लेकिन यह आसान नहीं होता। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक गर्भवती महिला को स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को तरह- तरह की शारीरिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इनमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण परेशानी हाई रिस्क प्रेग्नेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) भी है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी से पीड़ित होने के कई कारण हो सकते हैं किन्तु कम और अधिक उम्र में गर्भधारण करना और एनीमिया इसकी एक बड़ी वजह है। इससे बचाव के लिए सही समय पर आवश्यक प्रसव पूर्व जाँच (एएनसी) और सतर्कता बेहद जरूरी है। सही समय पर प्रसव पूर्व जाँच हाई रिस्क प्रेग्नेंसी की पहचान में काफी सहायक होती और शुरुआती दौर में ही परेशानी का पता चल जाता है। सही समय पर उच्य जोखिम गर्भावस्था का पता चलने से इस परेशानी से आवश्यक उपचार की बदौलत बचा जा सकता है।