सौंसर नगर में मोहगांव मार्ग स्थित एक लाॅज में आकर ठहरा ज्योतिषाचार्य लोगों का भविष्य बताते रहा लेकिन गुरूवार को उसके भविष्य में क्या होने वाला है वह नहीं जान पाया। तर्कशील विचार समिति के साथ ग्राम वाणी, मोबाइल वाणी और विवेकवादी कार्यकर्ताओं ने लाॅज में पहुंचकर ज्योतिषी का सच जाना और पुलिस को शिकायत की, जिस पर पुलिस ने ज्योतिषी पंडित अक्षद जोशी को अपने कब्जे में लिया। इस दौरान ज्योतिषी के सहयोगी साथी लाॅज से भाग गए। समिति की शिकायत पर ज्योतिषी के खिलाफ मामला कायम किया। अपने आप को शिर्डी शहर से आना बता कर ज्योतिषी ने लाॅज में कमरा लेकर यहा ज्योतिष्य देखना शुरू किया। प्रचार के लिए शहर और गांवों में पर्चे बांटे। इस में लिखा था कि ज्योतिषी हस्तरेखा, चेहरा व फोटो देखकर भविष्य बताते है। इस के अलावा जीवन में जुड़ी अन्य समस्याओं का भी निराकरण करते है। ज्योतिषी सिफ तीन सवाल का ही जबाब देंगे। और इस के लिए 51 रू. दक्षिणा देना होगा। ज्योतिष को मिल चुके लोगों की माने तो ज्योतिषी सिर्फ नाम की 51 रू फीस रखी थी, वह संबंधित को अंधविश्वास और जीवन का भय बता कर पुजा व अन्य क्रिया विधि की नाम में मनचाही रकम वसूल रहा था। गुरूवार को समिति कार्यकर्ताओं को इस की जानकारी मिली। इस पर शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने ज्योतिषी को ट्रैप करने का प्लान तैयार किया। समिति के अलावा विवेवादी संगठनों के कार्यकर्ता भी इस प्लान में शामिल हुए। ऐसे किया ट्रैप समिति के कार्यकर्ता अपना नाम व पहचान छुपाकर ज्योतिषी से मिलने पहुंचे। सबने तीन-तीन सवाल ज्योतिषी से पुछे। एक कार्यकर्ता ने मृत्य व्यक्ति का फोटो दिखा कर भविष्य पुछा तो ज्योतिषी ने उसे जींदा होना बताया। चेहरा देखकर भविष्य जानने की बात कहने पर ज्योतिषी बगले झटकने लगा। ज्योतिषी को सवाल कर रहे लोगों द्वारा झूठी जानकारी रखी जा रही यह भी ज्योतिषी जान नहीं पाया और अपने शब्दजाल में फंसाने लगा। मुझे ट्रैप किया जा रहा समझ में आने पर ज्योतिषी ने लाॅज से भागने का प्रयास किया लेकिन कार्यकर्ताओं से उसे घेरकर रखा और पुलिस को सूचना दी। कार्यवाही यह हुए शामिल तर्कशील विचार समिति के सचिव पीकेएस गुर्वे, ग्रामवाणी से मैनेजर दिनकर पातुरकर, तेली साहु महासंगठन दिल्ली की राष्ट्रीय अपर महामंत्री रत्नमाला पीसे, विवेकवादी कार्यकर्ता अभिजीत रंगारे, मोबाइलवाणी से जिला समन्वयक सुरभी यादव, विवेकवादी गणेश ढोके, अंकित धामनकर, विजय धुंडे, प्रांजली पातुरकर, मिराबाई भक्ते, एकनाथ गुर्वे, वासुदेव बुले और अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे।