कोई आधा पेट, तो कोई कर्ज लेकर मिटा रहा भूख यूं तो भारत में खाद्य सुरक्षा लागू है और इसके तहत भारत की केंद्र सरकार राशन कार्ड धारियों को जन वितरण प्रणाली के माध्यम राशन कार्ड धारियों को प्रती व्यक्ति 05 किलो अनाज अंतर्गत चावल या गेहूं की आपूर्ति करते हैं। और इस समय जन वितरण प्रणाली के विक्रेता हड़ताल पर हैं और राशन कार्ड धारीयों के बीच राशन वितरण बंद है और इस वजह से राशन कार्ड धारी को भारी परेशानियों का सामना करना पर रहा है इन्हीं परेशानियों पर मोबाइल वाणी संवाददाता एजाज़ ने समस्तीपुर के ग्रामीणों से बात की अपनी बातचीत में रामबाबू, अंजली, मनोज पासवान ने बताया राशन नहीं मिलने के कारण कर्ज लेकर पेट भर रहें हैं।( पूरी ऑडियो सुनें) राशन कार्ड धारियों के अनुसार समय का छोटा होने एवम कड़क ठंढी के वजह से लोगों को मजदूरी के लिए काम नहीं मिलता है छोटे व्यवसाय भी मंदी के दौर से गुजरते हैं और इसी विपरीत माैसम में जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं के हड़ताल की वजह से आम लोगों के संकट की व्याख्या कर पाना बहुत कठिन है।    भारत में लागु खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार भारत सरकार की जिम्मेदारी है की समाज के ऐसे कमजोर लोग जिन्हें खाने की अनाज की कमी से भूखे रहने की नौबत आ सकती है को निर्बाध रूप से भोजन मिल सके के लिए सभी महीने खाने के अनाज की आपूर्ति हो  इस खाद्य आपूर्ति का महत्व भारतीय कृषि मजदूरों के लिए अभी के मौसम में ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो जाता है क्योंकी हिंदी महीनों के अनुसार यह पौष महिना जिसमे खेतिहर मजदूरों के पास कोइ काम नहीं रहता है  हालांकि लोकतंत्र में सभी लोगों को अपनी बात सरकार के समक्ष रखने एवम उनके पूरे होने तक हड़ताल एवम विरोध प्रदर्शन का अधिकार तो है पर इस पूरी विकट परिस्थिति में सरकार की गैर संवेदन शीलता देखते हीं बनती है। पूर्व घोषित हड़ताल के बावजूद सरकार के द्वारा इस विपरीत परिस्थिति में राशन कार्ड धारियों को अनाज की आपूर्ती हो सके एवम खाने के अनाज की कमी की  चिंता से दूर हो मजदूर जीवन यापन कर सकें के लिए कोइ कदम नहीं उठाए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार  जनवरी माह के 12  दिन बीत जाने तक सरकार संवेदनहीन बनी रही  है। विगत 13 जनवरी को बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री के द्वारा डीलरों के मांग के मानने के आश्वासन पर हड़ताल तो ख़त्म हो गया है पर अब भी कई गाँव में राशन का वितरण शुरू नहीं हुआ है  इसका मतलब है की तब तक ये सभी गरीब मजदूर राशन कार्ड धारी सरकार और इनके संघर्ष के बीच पिस कर भूखी या कर्ज भरी रोटी खाने को मजबूर बनी रहेगी। आप इस पर क्या सोचते हैं क्या आपको भी इस हड़ताल की वजह से सामना करना पड़ा है ? अभी रिकॉर्ड कराएँ मोबाइल वाणी पर नंबर 03 दबाकर ।