शाहपुर पटोरी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा राजव्यापी प्रदर्शन के तहत शहर के स्टेशन चौक पटोरी से अंबेडकर चौक,सिनेमा चौक,चंदन चौक, पुरानी बाजार होते हुए शाहीदे आजम भगत सिंह चौक स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर धरना दिया। जिसकी अध्यक्षता मोहनपुर अंचल मंत्री प्रेम कुमार राय एवं संचालन एआईएसएफ जिला अध्यक्ष सुधीर कुमार ने किया। सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा जिला मंत्री सुरेंद्र कुमार सिंह मुन्ना ने कहा कि केंद्र सरकार के जन विरोधी फैसले की वजह से आज देश में बेरोजगारी चरम पर है खेत मजदूर के लिए बने मनरेगा मजदूरों का योजना से वंचित कर मजदूर के बजाय आज मशीनों से कम लिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने उपसहर्ता राजस्व एवं भूमि सुधार प्रियंका कुमारी को अनुमंडल क्षेत्र के सभी अंचलों में दाखिल-खारिज में अंचल कार्यालय द्वारा अनावश्यक विलम्ब एवं अवैध रूप से राशि की उगाही पर लगाम लगाने,सहारा इंडिया में लघु एवं सीमांत किसान एवं खेत मजदूरों द्वारा राशि जमा राशि की भुगतान करने,सरकारी भूमि पर वैसे भूमिहीनों को पुर्नवास की वैकल्पिक व्यवस्था करने,गंगा कटाव पीड़ितों को गंगा से बाहर आये भूमि का सरकारी स्तर पर भूमि की मापी कराकर रैयतों को कब्जा दिलाने,किसानों की फसलों को आवारा पशु से सुरक्षा,किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर खाद मुहैया कराने की व्यवस्था करने इत्यादि मांग शामिल है। मौके पर एआईवाईएफ जिला सचिव चितरंजन कुमार, रेखा कुमारी, कौशल्या देवी, सुशीला देवी मो असलम, अर्जुन कुमार राय, चंदन कुमार पंडित आदि मौजूद रहे।

कल्याणपुर प्रखंड के कल्याणपुर चौक पर मंगलवार को भाकपा माले ने बीते दिन दिल्ली में नमाज अदा कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा मारपीट और अपमान करनें एवं भाजपा सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के बिरोध में भाकपा माले द्वारा देशव्यापी विरोध दिवस के तहत प्रतिरोध सभा किया गया ।जिसकी अध्यक्षता माले नेता मोo दुलारे एवं संचालन माले प्रखंड सचिव दिनेश कुमार ने किया।सभा में भाकपा माले के रंजीत राम, वरिष्ठ नेता सुखलाल यादव,राजेंद्र पासवान, राजू पासवान, मोo हमाद,अवधेश राय,ललित कुमार, मोनू कुमार,प्रमिला देवी सहित कई लोग शामिल हुए।

विद्यापतिनगर प्रखंड के रसोइया संघ के सदस्यों ने शुक्रवार को बिहार राज्य रसोइया संघ के बैनर तले छह सूत्री मांगों के समर्थन में प्रखंड कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का नेतृत्व रसोइया संघ का जिला अध्यक्ष राजेंद्र रजक ने किया।

नमस्कार मै हरिओम शरण और आप सुन रहे हैं मोबाइल वानी पूसा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में जारी अनशन एसडीओ, कुलसचिव व उप कुलसचिव से वार्ता के बाद समाप्त विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चार माह के अंदर अनुकंपा की नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने का दिया आश्वासन चार माह के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो आवेदकों के साथ मिलकर भाकपा-माले करेगी चरणबद्ध आंदोलन रौशन पूसा, 23 फरवरी 2024 डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में कार्यरत मृतक पीठासीन अधिकारी शहीद विनोद कुमार राय की मृत्यु बिहार विधानसभा चुनाव के ड्यूटी के दौरान 2020 में हो गई थी। इसके बाद अनुकंपा पर नौकरी के लिए उनके आश्रित दर-दर भटकते रहे लेकिन न तो विश्वविद्यालय और न ही कोई विभाग व अधिकारियों ने सुधि ली। इसके बाद कहीं से कोई सुनवाई नहीं होने के बाद मृतक के आश्रितों ने गुरूवार को डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से सैकड़ों समर्थकों के साथ मार्च निकालकर विश्वविद्यालय परिसर में डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा के नजदीक गोलंबर के पास अनशन पर बैठ गए। इस दौरान डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर पहली दौर की वार्ता पूसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव, कुलपति के सचिव, उप-कुलसचिव (स्थापना), बीडीओ, थानाध्यक्ष के साथ हुई। जो विफल रही। इसके बाद शाम में समस्तीपुर एसडीओ अनशन स्थल पर पहुँचें। फिर उक्त लोगों की मौजूदगी में ही वार्ता शुरू हुई। जो सकारात्मक रही। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चार माह के अंदर अनुकंपा की नियुक्ति प्रक्रिया पूरा करने का आश्वासन दिया। तब जाकर अनशन समाप्त हुआ। आगे वार्ता के उपरांत पूर्व जिला परिषद् प्रत्याशी सह भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य रौशन कुमार ने कहा कि चार माह के भीतर विनोद कुमार राय के आश्रित मिथिलेश कुमार एवं जितने भी अनुकंपा के आवेदक हैं उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करके नौकरी नहीं दी गई तो भाकपा-माले नियुक्ति की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेगी। इस मौके पर भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार, किशोर कुमार राय, रामनरेश राय, महेश कुमार, सुरेश कुमार, केदार कुमार, सोनू कुमार, रजनीश कुमार, पंसस ताराचंद मेहता, मंजू देवी, रंजू देवी, किरण देवी, निकिता कुमारी समेत दर्जनों प्रतिनिधि एवं सैकड़ों प्रखंडवासी मौजूद थे।

CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

विद्यापतिनगर। अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ तथा बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के संयुक्त आह्वान पर शुक्रवार को विद्यापतिनगर प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में संघ से जुड़े कर्मचारियों ने अपने सात सूत्री मांगों के समर्थन में पीएचसी कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दे कर सरकार के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की। संघ से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि सरकार द्वारा 18 माह का डीए रोक कर रखा गया है, जिसका सरकार अविलम्ब भुगतान करें। धरना पर बैठे उत्कर्ष कुमार ने बताया कि राज्य कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर आज बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना एवं सत्याग्रह किया जा रहा है। इस हड़ताल के द्वारा संघ ने सरकार के समक्ष अपनी सात सूत्री मांग रखी है, इनमें 18 माह के बकाया डीए का भुगतान शीघ्र करने, पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने, संविदा पर बहाल कर्मियों को स्थायी करने, ठेका पर होने वाली बहाली को बंद करने, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करने सहित कई अन्य मांगें शामिल हैं। मौके पर उत्कर्ष कुमार, रवि कुमार, अमरेश अमर, एएनएम शुशीला कुमारी, पूजा रंजना, संगीत कुमारी, सविता कुमारी, मृदुला देवी, बड़ी संख्या में संघ से जुड़े कर्मचारी मौजूद थे।

सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की चेतावनी के बाद भी बिहार के नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा को लेकर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। नियोजित शिक्षक संघों ने 13 फरवरी को विधानसभा के घेराव को घोषणा की है। इस घोषणा के तहत इन शिक्षकों का आन्दोलन शुरू हो गया है। इस कड़ी में नियोजित शिक्षकों के द्वारा समस्तीपुर शहर में भी मशाल जुलूस निकाल कर विरोध जताया। इस कड़ी में ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा के विरोध में नियोजित शिक्षक ने समस्तीपुर शहर के पटेल मैदान से मशाल जुलूस निकाला। इस मशाल जुलुस में अपर मुख्य सचिव केके पाठक मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। ऑनलाइन समक्षता परीक्षा के विरोध में शिक्षक एकता मंच के राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के तहत सभी शिक्षक संघ मिलकर शहर के सड़को पर मशाल जुलूस निकाला।

चुनाव की ड्यूटी के दौरान मौत होने के करीब तीन वर्ष बाद भी मृतक कर्मी के आश्रित को अनुकंपा पर नियुक्ति का लाभ नहीं मिला है।इससे नाराज परिजन आगामी 22 फरवरी से समस्तीपुर जिले के राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्व विद्यालय पूसा परिसर में आमरण अनशन करेंगे।इस बाबत आश्रित परिवार ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्व विद्यालय के कुलपति समेत करीब दर्जनों विभागो,अधिकारियों को आवेदन दिया है।इसमें विवि कर्मी व हरपुर गांव निवासी स्व.विनोद कुमार राय की पत्नी चिन्ता देवी ने विवी मुख्यालय पोर्टिको में बैनर व ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ आमरण अनशन करने की सूचना दी है।