दरभंगा मोबाइल वाणी पर आज गोल्डन सर का विचार

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

कुलपति के आदेश से दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों एवं कर्मियों के तीन माह का हुआ वेतन भुगतान

Transcript Unavailable.

दरभंगा । दूरस्थ शिक्षा निदेशालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के बी.एड. (नियमित) में विख्यात कंपनी पिडीलाइट इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के सौजन्य से 4 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यशाला दिनांक 09 से 13 फरवरी 2024 तक चलेगा। इस कार्यशाला के उद्देश्य के सम्बन्ध में विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द कुमार मिलन ने कहा कि विभाग न केवल छात्र-छात्राओं में शिक्षण कौशल का विकास करता है, बल्कि साथ-साथ जीवन कौशल एवं सौन्दर्यात्मक कौशल के विकास का अवसर भी प्रदान करता है। छात्र-छात्राओं की विशेष रूचि से इसे आत्म-निर्भरता का कौशल भी बनाया जा सकता है । इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को ग्लास-पेंटिंग, म्यूरल आर्ट, मिथिला पेंटिग, टाई एंड स्टैंसिल वर्क का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आज ग्लास-पेंटिंग का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया लिया। यह प्रशिक्षण पिडीलाइट इंडस्ट्रीज़ के प्रियंका कुमारी तथा विशाखा कुमारी द्वारा दिया गया। इस अवसर पर पिडीलाइट इंडस्ट्रीज़ के रवि वर्मा, मार्केटिंग मेनेजर एवं विभाग के शिक्षक डॉ. शुभ्रा, डॉ. कुमारी स्वर्णरेखा, डॉ. मिर्ज़ा रूहुल्लाह बेग, उदय कुमार, गोविन्द कुमार, डॉ. जय शंकर सिंह, डॉ. रेशमा तबस्सुम, डॉ. कुमारी बबिता रानी, सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे।

21 फरवरी को पीजी बॉटनी विभाग में होगा मुख्य समारोह, जबकि 20 फरवरी को पीजी संस्कृत विभाग में होंगे क्विज एवं काव्य पाठ प्रतियोगिताएं दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में आगामी 21 फरवरी को आयोजित होने वाले "अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह- 2024" की तैयारी के उद्देश्य से मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो ए के बच्चन की अध्यक्षता में आयोजन समिति की विश्वविद्यालय मैथिली विभाग में बैठक हुई, जिसमें हिन्दी के वरीय प्राध्यापक प्रो चंद्रभानु प्रसाद सिंह, मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो दमन कुमार झा, हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो उमेश कुमार, संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो, उर्दू विभागाध्यक्ष डा गुलाम सरवर, मैथिली के वरीय प्राध्यापक प्रो अशोक कुमार मेहता, संस्कृत के प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया तथा मैथिली के प्राध्यापक डा सुरेश पासवान एवं डा सुनीता कुमारी आदि उपस्थित थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर मुख्य समारोह विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग में "अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की प्रासंगिकता" विषय पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें हिन्दी, मैथिली, संस्कृत तथा उर्दू के एक- एक कवि या कवयित्री अपनी प्रस्तुति देंगे। मुख्य समारोह के कार्यक्रम प्रभारी विश्वविद्यालय पेंशन पदाधिकारी डा सुरेश पासवान होंगे। वहीं अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की पूर्व संध्या पर 20 फरवरी को विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में 'क्विज प्रतियोगिता' तथा 'छात्र- छात्राओं का काव्य पाठ प्रतियोगिता' आयोजित की जाएगी। क्विज प्रतियोगिता के प्रभारी डा आर एन चौरसिया तथा काव्य पाठ प्रतियोगिता के प्रभारी प्रो उमेश कुमार बनाए गए। काव्य पाठ प्रतियोगिता हिन्दी, मैथिली, संस्कृत तथा उर्दू भाषा में होंगी, जबकि क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हिन्दी भाषा में होगा। काव्य पाठ प्रतियोगिता में भाषावार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे, जबकि क्विज प्रतियोगिता में समेकित रूप से प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे। वहीं प्रतियोगिताओं में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र मुख्य समारोह में दिनांक 21 फरवरी को दिया जाएगा। समारोह के संयोजक प्रो ए के बच्चन ने बताया कि मुख्य समारोह के उद्घाटन हेतु कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी से आग्रह किया जाएगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वित्तीय परामर्श तथा कुलसचिव उपस्थित होंगे। उन्होंने बताया कि छात्र- छात्राओं के बीच अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की पूर्व संध्या पर 20 फरवरी, 2024 को क्विज तथा काव्य पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। बैठक में उपस्थित प्राध्यापकों का स्वागत प्रो ए के बच्चन ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो दमन कुमार झा ने किया।

किसी भी नए कुलपति को विश्वविद्यालय के बुनियादी मुद्दे, मूलभूत समस्याओं एवं अन्य परेशानियों का पता लगाने में साल लग जाता है। जो मैंने एक हफ्ते में ही पता कर लिया, जिसके लिए मैं अपने विश्वविद्यालय के सीनेट, सिंडिकेट, अकादमिक परिषद्, वित्त समिति और बिक्री- खरीद समिति के सदस्यों, अधिकारियों, संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, मीडिया के लोगों का और दरभंगा के अन्य जिम्मेदार नागरिकों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करता हूं कि इन सब लोगों ने मुझे समय पर सारी मूलभूत समस्याओं से अवगत करा दिया। विश्वविद्यालय सकारात्मक सोच के साथ कार्य करेगा और सारी समस्याओं का समाधान नियमों के अनुसार संबंधित वैधानिक निकाय के साथ समन्वय करके करेगा। हम सब लोगों के लिए यह गौरव की बात है कि वर्तमान में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में बी प्लस प्लस ग्रेड पाकर राज्य का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बन चुका है। छात्र- छात्राओं, शिक्षकों- कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और समाज की उन्नति एवं उनके हित साधने में विश्वविद्यालय सभी समस्याओं को सकारात्मक रूप से निष्पादन करने हेतु तत्पर रहेगा। इसके लिए हमने विश्वविद्यालय के कुलसचिव को विभिन्न आदेश एवं निर्देश निर्गत किया है।

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।