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सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।

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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के थाना चौपारण, पोस्ट सिहावा, ग्राम पिपरा से राम कृष्ण साहू ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहें हैं कि इन्होने किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकरण करवाया था जिसके बाद इन्हें दो क़िस्त की राशि मिली इसके बाद तीन वर्ष होने को आया है ,इन्हें राशि मिलनी बंद हो गया है। जिसके बाद इन्होने केवाईसी भी करवाया लेकिन इन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अभी भी ऑनलाइन में आधार कार्ड लिंक नहीं दिखता है और इन्हें अब तक लाभ नहीं मिल रहा है ।

विशेष शिविर का आयोजन आधार को वोटर आईडी से जोड़ा जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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