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"आप हमें बताएं कि आज के इस दिखावे और चकाचौंध से भरी दुनिया में एक इंसान कम पैसों में खुद को कैसे खुश और स्वस्थ रख सकता है ? क्या आपने ऐसा अनुभव कभी अपने जीवन में किया है कि आपके पास इतने पैसे नहीं हो जितनी की आपको जरूरत हो और फिर भी आपने चीजों को अच्छे से मैनेज किया हो अगर हाँ तो कैसे? अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें। साथियों अकसर हमें यह सुनने को मिल जाता है कि जितना है उतना में खुश रहना सिखो लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है यार फिर यह सिर्फ एक कहावत ही बनकर रह जाता है ? आपके अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन में पैसा होना या न होना उसके मन मस्तिष्क को किस हद तक प्रभावित कर सकता है ? आज के विषय से जुड़ा आपके मन में कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवालों को जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिस करेंगे। "

गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू हरा मिर्च में लगने वाली बीमारी का उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।

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आप हमें बताए कि आपको क्या लगता है, क्या स्वस्थ रहने का मतलब सिर्फ अपना वजन घटाना है? या फिर इसमें और भी कुछ चीजें होती है? आप के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को किस प्रकार से प्रभावित करता है और क्या आप ने ऐसा होते हुए कभी देखा है ? अगर हाँ तो अपनी कहानी हमें बताएं।आपके अनुसार हमारे वे कौन कौन सी आदतें होती हैं जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं ? दोस्तों, अगर आज के विषय से जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम कोशिश करेंगे उनका जवाब ढूंढ के लाने की।

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दोस्तों सेल्फ लव के बारे में यह कहा जाता है कि दूसरों से पहले खुद से प्यार करना सीखो क्यूंकि जब एक इंसान खुद से प्यार करता है,खुश रहता है तो वो अपने आस पास के लोगों को भी खुश सकता है। पर क्या वास्तव में ऐसा होता है ?आपके नाज़रीय में सेल्फ लव का क्या मतलब है यानी की आप सेल्फ लव को कैसे देखते हैं और यह खुदगर्ज़ी से कैसे अलग है? अगर मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टि से देखा जाए तो सेल्फ लव यानि कि खुद से प्यार करना और सेल्फ फॉर गिवनेस यानि की खुद को माफ़ करना हमारे मानसिक स्वास्थ्य से कैसे जुड़ा है ?आखिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि लोग खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचते हैं ? क्या सच में ऐसा होता है ? इस पर राय, प्रतिक्रिया या फिर इससे जुड़ा आपके मन में कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड अपने फ़ोन में दबाएं नंबर 3 .

गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू हरा मिर्च में लगने वाली बीमारी के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।

आप हमें बताये कि क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप जल्दबाज़ी में कोई फैसला लेने ही वाले थे पर ऐन वक्त पर किसी ने आप को रोक लिया हो और बाद में आप को समझ आया हो की आप का लिया गया फैसला गलत होता ? ऐसे स्थिति में कैसा अनुभव था आप का ? और आप के अनुसार हमारे ज़िन्दगी के फैसलों में करीबी लोगो की क्या भूमिका होती है ? क्या सच में ज़िन्दगी के बड़े फैसले हमें खुद ही लेने होते है ? या यह केवल एक सुनी सुनाई बातें है ?इस पर अपनी राय, प्रतिक्रिया या फिर इससे जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो वो भी हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर।

गांव आजीविका और हम कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीब दास साहू धान की फसल में लगने वाला कंडवा रोग के उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।