*स्वीप कोर कमिटि के अध्यक्ष-सह-उप-विकास आयुक्त की अध्यक्षता में स्वीप कोर कमिटि की बैठक का हुआ आयोजन* *-----वृद्ध एवं असहाय मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक सुगमता से पहुंचाने हेतु की गयी समीक्षा* *मधुबनी: लोक सभा आम निर्वाचन 2024 के अवसर पर शनिवार को स्वीप कोर कमिटि के अध्यक्ष-सह-उप विकास आयुक्त, मधुबनी दीपेश कुमार की अध्यक्षता में स्वीप एवं पी0डब्ल्यू0डी0 कोषांग के प्रगति की समीक्षा की गयी।* *बैठक में स्वीप कोर कमिटि के अध्यक्ष-सह-उप-विकास आयुक्त के द्वारा जिले में स्वीप गतिविधियों को और तेज करने को लेकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। जिसमें मधुबनी लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आर0 के कॉलेज में दिनांक-19.04.2024, 24.04.2024 को मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ, दिनांक-27.04.2024 को जे0एन0कॉलेज, मधुबनी, 18.04.2024 को जे0एम0डी0पी0एल0, महिला कॉलेज, मधुबनी एवं आर0एन0 कॉलेज, पंडौल, दिनांक-19.04.2024 को अभियत्रण महाविद्यालय,पंडौल एवं बी0एम0 कॉलेज, रहिका, के0बी0एस0 कॉलेज उच्चैठ, बेनीपट्टी एवं दिनांक-20.04.2024 को एम0एल0एस0 कॉलेज, सरिसवपाही में मतदाता जागरूकता हेतु वातावरण निर्माण करने के उदेश्य से वाद-विवाद प्रतियोगिता/संवाद/निबंध लेखन/चित्रांकन/रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के द्वारा पोषक क्षेत्र में मतदाता जागरूकता हेतु मानव श्रृंखला का निर्माण, हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत, सेल्फी कॉर्नर एवं मतदान करने हेतु शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।* *पुनः झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र में दिनांक-25.04.2024 को भी0एस0जे0कॉलेज, राजनगर, 18.04.2024 को डी0बी0कॉलेज, जयनगर, दिनांक-25.04.2024 को सी0एम0बी0 कॉलेज, डेवढ़, घोघरडीहा, दिनांक-26.04.2024 को सी0एम0जे0 कॉलेज, दोनवारी हाट, खुटौना, दिनांक-27.04.2024 को एच0पी0एस0 कॉलेज, मधेपुर, दिनांक-26.04.2024 को एल0एन0जे0 कॉलेज, झंझारपुर, दिनांक-25.04.2024 को पॉलिटेक्निक कॉलेज, अररिया संग्राम, दिनांक-29.04.2024 को प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, घोघरडीहा, दिनांक-26.04.2024 को ए0एन0एम0 कॉलेज मधुबनी एवं अररिया संग्राम तथा दिनांक-19.04.2024 को डायट नरार में मतदाता जागरूकता हेतु वातावरण निर्माण करने के उदेश्य से वाद-विवाद प्रतियोगिता/संवाद/निबंध लेखन/चित्रांकन/रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। साथ ही सभी छात्र-छात्राओं के द्वारा पोषक क्षेत्र में मतदाता जागरूकता हेतु मानव श्रृंखला का निर्माण, हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत, सेल्फी कॉर्नर एवं मतदान करने हेतु शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।* *उप-विकास आयुुक्त के द्वारा पी0डब्ल्यू0डी0 कोषांग की समीक्षा के क्रम मे एन0सी0सी0 कमांडेंट से सभी मतदान केन्द्रों पर एन0सी0सी0 कैडेटों की प्रतिनियुक्ति कर दिव्यांग, वृद्ध एवं शारीरिक रूप से कमजोर मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक सुगमतापूर्वक लाने के बारे में विचार-विमर्श किया गया।* *जिसमें एन0सी0सी0 कमांडेंट द्वारा बताया गया कि जिले में सभी महाविद्यालयों को मिलाकर लगभग 800 कैडेट है। कॉलेज के प्रधानाचार्य से समन्वय स्थापित कर मतदान केन्द्रों पर कैडेटों की प्रतिनियुक्ति की जा सकती है। साथ ही दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने एवं पहुंचाने हेतु ई-रिक्सा आदि की व्यवस्था करने हेतु सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी से आवश्यक तैयारी करने का निदेश दिया गया।* *तत्पश्चात उप विकास आयुक्त द्वारा मतदान केन्द्रों पर मतदान के दिन भीषण गर्मी एवं हीट वेव की आशंका को देखते हुए मतदाताओं को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आंगनवाड़ी सेविकाओं की प्रतिनियुक्ति करने पर विचार-विमर्श किया गया।* *बैठक में नोडल पदाधिकारी, स्वीप कोषांग, सुजीत कुमार वरनवाल, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, मधुबनी, आशीष अमन, विनीता कुमारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आई0सी0डी0एस0, मधुबनी, वसीम अंसारी, डी0पी0एम0, जीविका, रजनीश कुमार, बी0एफ0, जिला पंचायत संसाधन केन्द्र तथा स्वीप कोषांग के मनोज कुमार, लिपिक, आनंद राज, लिपिक समेत अन्य कर्मी उपस्थित थे।

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

चुनावी बॉंड में ऐसा क्या है जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक होने से बचाने के लिए पूरी जी जान से लगी हुई है। सुप्रीम कोर्ट की डांट फटकार और कड़े रुख के बाद बैंक ने यह रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दी, अब चुनाव आयोग की बारी है कि वह इसे दी गई 15 मार्च की तारीख तक अपनी बेवसाइट पर प्रकाशित करे।

समस्तीपुर(कल्याणपुर)तीरा जटमलपुर पंचायत के रजपा गांव में एक सप्ताह पूर्व लगी भीषण आग में लगभग दो दर्जन से अधिक अग्नि पीड़ीत परीवारों के बिच डा मोहन चौधरी मेमोरियल फाउंडेशन एवं अंतर राष्ट्रीय की संस्था गुंज के द्वारा राहत वितरण किया गया। राहत वितरण में वस्त्र ठंड का कपड़ा मच्छ जाल बाल्टी मग चप्पल त्रीपाल सहित कई उपयोगी सामग्री उपलब्ध था

भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

दोस्तों, यह साल 2024 है। देश और विश्व आगे बढ़ रहा है। चुनावी साल है। नेता बदले जा रहे है , विधायक बदले जा रहे है यहाँ तक की सरकारी अधिकारी एसपी और डीएम भी बदले जा रहे है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन हमारे घर में और हमारे आसपास में रहने वाली महिलाएँ आखिर कितनी सुरक्षित हैं? आप हमें बताइए कि *---- समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *---- महिलाओं को सही आज़ादी किस मायनों में मिलेगी ? *---- और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?