जिले में कम प्रतिशत मतदान को लेकर मतदाता को जागरूक करने के लिए आईसीडीएस के द्वारा जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई डीपीओ मधुबनी आईसीडीएस ने बताई है कि लोगों में जागरूकता फैलाने को लेकर के यह है आईसीडीएस के सेविका सहाय का परिमेय का के द्वारा विभिन्न विद्यालयों एवं प्रखंड मुख्यालय में जागरूकता रैली की आयोजन की गई है।

जिले में स्वच्छ, निष्पक्ष एवम पारदर्शी निर्वाचन की प्रकिया को संचालित करने को लेकर समाहरणालय स्थित सभागार में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की उपस्थित में द्वितीय चरण के झंझारपुर लोकसभा के ईवीएम का रेण्डमाइजेशन किया गया। द्वितीय रेण्डमाइजेशन के उपरांत* *अब ईवीएम का आवंटन मतदान केन्द्रवार सम्पन्न हुआ।इसके पूर्व नोडल पदाधिकारी द्वारा सभी उपस्थित प्रत्याशियों एवम राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को पूरी* *रेण्डमाइजेशन की प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी।* *सामान्य प्रेक्षक-07 झंझारपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य प्रेक्षक पी. मधुसुधन रेड्डी* *निर्वाची पदाधिकारी-07 झंझारपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र शैलेश कुमार* , *नोडल पदाधिकारी ईवीएम कोषांग बालेन्दु नारायण पाण्डेय सहित चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी उपस्थित थे।

दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।

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2024 के आम चुनाव के लिए भी पक्ष-विपक्ष और सहयोगी विरोधी लगभग सभी प्रकार के दलों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिये हैं। सत्ता पक्ष के घोषणा पत्र के अलावा लगभग सभी दलों ने युवाओं, कामगारों, और रोजगार की बात की है। कोई बेरोजगारी भत्ते की घोषणा कर रहा है तो कोई एक करोड़ नौकरियों का वादा कर रहा है, इसके उलट दस साल से सत्ता पर काबिज राजनीतिक दल रोजगार पर बात ही नहीं कर रहा है, जबकि पहले चुनाव में वह बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर ही सत्ता तक पहुंचा था, सवाल उठता है कि जब सत्ताधारी दल गरीबी रोजगार, मंहगाई जैसे विषयों को अपने घोषणापत्र का हिस्सा नहीं बना रहा है तो फिर वह चुनाव किन मुद्दों पर लड़ रहा है।

-जिले के सभी विद्यालयों के पोषक क्षेत्र में मतदाता जागरूकता को लेकर कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन।-----------------------स्वीप गतिविधि के तहत निकली गयी प्रभातफेरी* *मधुबनी : जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी, मधुबनी अरविन्द कुमार वर्मा द्वारा दिए गए निदेश के आलोक में लोकसभा आम निर्वाचन 2024 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत मध्य विद्यालय भौआड़ा सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय भौआड़ा सहित जिले के सभी विद्यालयों में कई कार्यक्रम आयोजित किया गया।* *भौआड़ा विद्यालय में प्रधानाध्यापक श्री उमेश कुमार के नेतृत्व में सभी शिक्षक, शिक्षिका, शिक्षा सेवक, रसोईया तथा छात्रों के द्वारा विद्यालय पोषक क्षेत्र में प्रभात फेरी निकाली गई। सभी प्रतिभागियों के हाथ में मतदाता जागरूकता से संबंधित नारा लिखे तख्तियां एवं बैनर था। सभी प्रतिभागी मधुबनी ने ठाना है, मतदान प्रतिशत बढ़ाना है। डालें वोट बूथ पर जायें, लोकतंत्र का पर्व मनायें। अप्पन वोट अप्पन अधिकार, मतदान के लेल मधुबनी तैयार। बढ़ाये कदम दिखायें वोट का दम। आदि नारे लगा रहे थे। प्रभात फेरी से आम जनता में जागृति पैदा हुई।लोग मतदान के लिए तत्पर दिखाई दिए।* *तत्पश्चात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रहिका श्री योगेन्द्र कुमार के द्वारा आज ही विद्यालय परिसर में वोटर सेल्फी प्वाइंट तथा मेरा पहला वोट देश के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान का भव्य उद्घाटन किया गया।इस मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सभी लोगों को अवश्य मतदान करना चाहिए। मधुबनी में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक श्री उमेश कुमार द्वारा संचालित किए जा रहे कई कार्यक्रम सराहनीय कदम है। इससे आम लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता पैदा हो रही है।* *जिला शिक्षा पदाधिकारी मधुबनी द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान के तहत दैनिक कार्ययोजना के अनुसार जिले के सभी विद्यालयों के पोषक क्षेत्र में प्रभात फेरी निकाली गई।* *मध्य विद्यालय जितवारपुर, में प्रधानाध्यापक श्री सतीश कुमार सिंह के नेतृत्व में विशाल प्रभातफेरी निकाली गई। जिससे क्षेत्र में मतदाता जागरूकता का सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

दहेज में परिवार की बचत और आय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. वर्ष 2007 में ग्रामीण भारत में कुल दहेज वार्षिक घरेलू आय का 14 फीसदी था। दहेज की समस्या को प्रथा न समझकर, समस्या के रूप में देखा जाना जरूरी है ताकि इसे खत्म किया जा सके। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आपके क्या विचार है ? *----- आने वाली लोकसभा चुनाव में दहेज प्रथा क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

देश में इस समय माहौल चुनावी है और राजनीति हावी है। यह चुनाव अहम है क्योंकि पिछले कुछ साल भारतीय राजनीति के लिए अप्रत्याशित रहे हैं। इस दौरान ऐसा बहुत कुछ हुआ जो पहले लोकतंत्र के लिए अनैतिक कहा जाता था।