सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

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यहां जननी सुरक्षा योजना में घटते आधार का मतलब है सरकारी संस्था हो या प्राइवेट जननी सुरक्षा को लेकर कई प्रश्न उठना लाजिमी हो गया है। बताते चले की सरकारी अस्पतालों में सही ढंग से न तो उपचार संभव हो पता है और ना प्राइवेट में रूपों की बर्बादी होती दिख रही है जिससे लोगों में परेशानी हद से ज्यादा देखी जा रही है साथ ही जितना लाभ मिलता है उससे अधिक खर्च होती है जिससे लोग परेशान नजर आ रहे हैं सरकारी डॉक्टर शरीर में हाथ लगाना भी नहीं जानता सारे टेस्ट करवाए जाते हैं और प्रसव के समय गर्मियों के द्वारा पैसे लूट जाते हैं जिसका कई बार विरोध भी हुआ है।

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।

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