जिले में प्रचंड गर्मी का असर भू गर्भीय जलस्तर पर पड़ा है। बारिश नहीं होने से अप्रैल माह में ही जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। यह खुलासा पीएचईडी मोतिहारी के द्वारा जलस्तर की पैमाईश के बाद हुआ है। मोतिहारी ब्लॉक क्षेत्र में चार पांच जगह सरकारी हैंड पंप के जलस्तर की जांच की गई। इसमें सर्वाधिक 19 फीट तक भू गर्भीय जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। जबकि सबसे कम संग्रामपुर ब्लॉक में 8.8 फीट जलस्तर में कमी पाई गई है। पीएचईडी के अनुसार यदि प्रचंड गर्मी का सिलसिला जारी रहा तो जून जुलाई में भू गर्भीय जलस्तर में 2 से 3 फीट तक गिरावट आ सकती है। हालांकि विगत जुलाई माह में मोतिहारी में 19.5 फीट तक जलस्तर नीचे चला गया था। जिससे कई इलाकों में हैंड पंप के सूखने की शिकायत विभाग को मिली थी। लेकिन अभी तक पीएचईडी मोतिहारी अंतर्गत हैंड पंप सूखने की सूचना विभाग को नहीं मिली है। पीएचईडी मोतिहारी अंतर्गत 14 ब्लॉक में हुई जांच पीएचईडी मोतिहारी अंतर्गत 14 ब्लॉक में भू गर्भीय जलस्तर की जांच की गई। इसमें केसरिया में 11.2 फीट, बंजरिया 12.7 फीट, कोटवा 15.7 फीट, पहाड़पुर 15.9 फीट, अरेराज 10.1 फीट, कल्याणपुर 13.6 फीट, हरसिद्धि 12.2 फीट, तुरकौलिया 13.4 फीट, रक्सौल 15.4 फीट, रामगढ़वा 15.4 फीट, पिपरा कोठी 15.8 फीट व सुगौली ब्लॉक में 14 फीट तक भू गर्भीय जलस्तर में गिरावट आई है। विभाग के अनुसार 22 से 25 फीट तक भू गर्भीय जलस्तर में गिरावट आने पर हैंडपंप सूखने लगते हैं। पर आगामी दिनों में प्रचंड गर्मी पड़ने व बरसात नहीं होने पर भू गर्भीय जलस्तर नीचे जा सकता है। इससे हैंड पंप सूखने की समस्या खड़ी हो सकती है। भू गर्भीय जलस्तर की पैमाईश को लेकर विभागीय स्तर पर टीम गठित की गई थी। इसमें तीन जेई शामिल थे। इसके अलावा विभाग के वरीय अधिकारी भी निरीक्षण किए थे । इस प्रमंडल अंतर्गत भू गर्भीय जलस्तर की जांच की गई है। इस रिपोर्ट को सरकार को भेजी जाएगी।