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हमारे देश भारत में पर्वों और त्योहार की परम्परा अति प्राचीन काल से चली आ रही है जो विभिन्न ऋतुओं में भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सभी समुदायों के द्वारा पुरे हर्षो- उल्लास और प्रसन्नता के साथ मनाये जाते है। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे है रामनवमी की जो की आज देश प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनायी जा रही है। रामनवमी का त्योहार जो हमारी धरोहर है और हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है यह हमारे जीवन को खुशियों और उमंग से भर देता है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है।सनातन मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। इस अवसर पर मंदिरों में विधि विधान से पूजा पाठ किया जाता है ,और शहर में श्री राम से जुड़ी विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां निकाली जाती है। मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को रामनवमी की ढेर सारी बधाईयाँ।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

कुछ तस्वीरें स्वयं में पूरा महाकाव्य होती हैं। उससे आंख नहीं हटती... इस महान योद्धा के बारे में आप जितना पढ़ेंगे, उतना ही आश्चर्य में डूबते चले जायेंगे। लगभग सौ युद्ध और अधिकांश में विजय! शरीर के हर अंग पर युद्ध के चिन्ह सजाए इस रणकेसरी को खंडहर कहा गया,सैनिकों का भग्नावशेष...जैसे रणचंडी ने उन्हें अपने हाथों से पुरस्कार स्वरूप घावों के आभूषण पहनाए हों... कल्पना कीजिये, एक योद्धा की एक आँख चली गयी और फिर भी वह लड़ता रहा। किसी दूसरे युद्ध में एक पैर नाकाम हो गया, वह फिर भी लड़ता रहा। किसी युद्ध में एक हाथ कट गया, वह फिर भी उसी उत्साह के साथ लड़ता रहा... जैसे युद्ध युद्ध नहीं, उसकी पूजा हो, तपस्या हो... अद्भुत है न? ऐसी अद्भुत गाथाएं भारत में ही मिलती हैं... ऐसे योद्धा यहीं जन्म ले सकते हैं। कुछ योद्धाओं की भूख प्यास युद्ध से ही तृप्त होती है। उन्हें न शरीर के घाव विचलित करते हैं, न परिस्थितियों की विकरालता रोक पाती है। युद्ध उनके लिए आनन्द का उत्सव होता है। राणा सांगा वैसे ही योद्धा रहे... राजस्थान से बाहर के अधिकांश लोग महाराणा सांगा को बाबर से मिली पराजय के लिए जानते हैं। यह वस्तुतः भारतीय शिक्षा व्यवस्था की पराजय है। महाराणा को याद किया जाना चाहिये दिल्ली सल्तनत के इब्राहिम लोदी को दो दो बार हराने के लिए। उन्हें याद किया जाना चाहिये गुजरात सल्तनत वाले मुजफ्फर शाह को पराजित करने के लिए। उन्हें याद किया जाना चाहिये मालवा के शासक महमूद खिलजी को पराजित कर तीन महीने तक बांध कर रखने के लिए... उन्हें याद किया जाना चाहिये मालवा से जजिया समाप्त करने के लिए, बयाना के युद्ध में बाबर को पराजित करने के लिए... उन्हें याद किया जाना चाहिये बर्बर आतंकियों के विरुद्ध भारतीय शक्तियों का एक मजबूत संघ बनाने के लिए। पर क्या उनका नाम सुनते ही आपको इन युद्धों की याद आती है? नहीं आती होगी... महाराणा सांगा की मृत्यु की कहानी भी अद्भुत ही है। कहते हैं कि उन्हें उनके सामंतों ने ही विष दे दिया। क्यों? क्योंकि खानवा के युद्ध में बाबर से पराजित होने के तुरंत बाद ही उन्होंने पुनः युद्ध की तैयारी शुरू कर दी थी। वह भी तब,जब उनका शरीर पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। सामंत यह मानते थे कि अब इस युद्ध का कोई अर्थ नहीं,यह पराजय और सम्पूर्ण नाश का कारण बनेगा। जाने क्यों, मुझे इसपर भरोसा नहीं होता, किंतु यदि यह कहानी सच है तो क्या ही जुनून रहा होगा उनका... बुरी तरह घायल होने और सेनाविहीन हो जाने के बाद भी युद्ध में उतर जाने का साहस युगों में किसी एक के भीतर होता है। किसी योद्धा को रोकने के लिए उसके प्रिय लोगों को ही उसे विष देना पड़े, तो आप उसकी भावनाओं का अंदाजा लगा सकते हैं। योद्धा का आकलन उसकी राजनैतिक/कूटनीतिक विजयों पराजयों से कम, उसके शौर्य से अधिक होना चाहिए। उसमें राष्ट्र के लिए लड़ने रहने का जुनून कितना है, उसके भीतर युद्धलालसा कितनी है... कोई भी राष्ट्र किसी एक युद्ध में हार जाने से समाप्त नहीं होता, राष्ट्र पराजित तभी होता है जब उसके नायकों का शौर्य चूक जाय। हजार वर्षों के संघर्ष की यात्रा में भारत अनेक युद्ध हारा है,पर उसके नायक शौर्य की कसौटी पर कभी भी असफल नहीं हुए... और यही कारण है कि भारत हार कर भी नहीं हारा... #IncredibleIndia #top #mahadev #explorepage #Amazing #इतिहास #रिपोस्ट #बुद्धिजीवी #संगठितहिन्दूश्रेष्ठभारत #ट्रेंडिंग #भारत #knowledge #एक_शब्द #सनातनधर्म #प्रसंग #विचारणीय #साभार #history #सांगा #दाहिर #highlights #गजबे #ATYourSpace #top #invedars #TalkToUs #everyone #hindustan #beauty #happy

अवैध कच्ची शराब के साथ एक अभियुक्त गिरफ्तार,शराब बनाने के उपकरण भी बरामद मोबाइल वाणी की खबर पर हुआ असर,.खबर चलने पर जागी खुटार पुलिस खुटार से मोबाइल वाणी संवाददाता अभिषेक प्रताप सिंह सूर्यवंशी की ग्राउंड रिपोर्ट

गीत- धीरे-धीरे लड़ते जाएं, जीवन के संग्राम। इसी तरह फिर आ जायेगी, कोई सिंदूरी शाम।। माना कि रास्ता मुश्किल है, छांव नहीं है कोई। चलते-चलते रुकने की भी, ठाँव नहीं है कोई। दर्द भरी बस्ती हैं सारी, नहीं खुशी की बातें, है आशा,जलते दिन ढलते, होंगी अच्छी रातें। कोई तो प्यासे होंठों पर, रख जाएगा जाम।। रोती आंखों को तो कब, खुशियों के स्वप्न मिले हैं। कब नाउम्मीदी से कोई, गहरे से जख्म सिले हैं। उम्मीदों के पौधों में ही, आशा फूल खिलेंगे। जब अच्छा ही सोचेंगे तब, सच्चे रंग मिलेंगे। तब ही तो निकलेंगे आख़िर, मनचाहे परिणाम।। वायव्य कवि अभिषेक प्रताप सिंह सूर्यवंशी

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गेँहू की फसल को चूहों के आक्रमण से होने वाले नुकसान एवं उपचार सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

उत्तरप्रदेश राज्य के शाहजहांपुर से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि जिन व्यक्तियों के पास छत नहीं है , उनके पास केवल एक झोपड़ी और तीन बिस्तर हैं । अगर वे लोग सूर्योदय योजना का लाभ उठाना चाहते हैं , तो क्या सरकार उनका लाभ देने के लिए तैयार है या नहीं ?

जैसा की आपको पता है की बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाये जा रहे है जिससे बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे। हर साल 10 फरवरी को भारत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाता है।इस दिन सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर एवं सभी प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों में कीड़ों के असर को खत्म करने की दवा खिलायी जाती है। देश भर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। दोस्तों हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक खास थीम बनाई गयी है.,इस साल यानी 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम देश को कृमि मुक्त कैसे करें,यह समझने में मदद करने के लिए बनायीं गई है। कृमि रोग बच्चों में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए आइये हम सब मिलकर एक संकल्प ले और इस अभियान का हिस्सा बन कर देश को कृमि मुक्त बनाये और बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाये और सुरक्षित करें। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

सुनिए एक प्यारी-सी लोरी। हमारे देश के अलग-अलग राज्यों में कई भाषाओं की लोरियां गाई जाती है। इनकी मदद से आप अपने बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास को बेहतर कर सकते है।आज की लोरी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये लोरी सुनी? क्या आपके पास भी कोई प्यारी-सी लोरी है? तो अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड करें, फ़ोन का नंबर 3 बटन दबाकर।