सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
राखपंचमपुर के पास से निकली रेललाइन पर मिला अज्ञात का शव दस्ताबेजों के अभाव में नहीं हो सकी शिनाख्त मृतक की जेब से मिले सिर्फ तीस रुपयों की नगदी ललितपुर। झांसी-बीना रेल लाइन पर जनपद की सीमा में क्षत-विक्षित अवस्था में किसी अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा हुआ राहगीरो ने देखा, तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई । घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया । मृतक के पास से कोई ऐसा दस्तावेज बरामद नहीं हुआ जिससे उसकी शिनाख्त हो सके, मृतक की जेब से कुछ नगदी भी बरामद हुई है। मिली जानकारी के अनुसार थाना जखौरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम राखपंचमपुर के पास से निकली हुई अप रेलवे लाइन पर स्थित खंभा नंबर 1052/01-03 के बीच किसी अज्ञात व्यक्ति का क्षत-विक्षित अवस्था में शव पड़ा हुआ वहां से निकलने वाले स्थानीय राहगीरों ने देखा, तो इसकी सूचना तत्काल जखौरा पुलिस को दी। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची जखौरा पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लिया और उसके कपड़ों की तलाशी ली, तो उसके पास से कोई ऐसा दस्तावेज बरामद नहीं हुआ जिससे उसकी शिनाख्त हो सके। हालांकि मृतक की शर्ट की जेब से सिर्फ 30 रुपये की नगदी बरामद हुई। शव के आसपास कोई ऐसा सामान भी बरामद नहीं हुआ जिससे मृतक की पहचान हो सके। इसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया और उसकी शिनाख्त में जुट गई है । बताया गया है कि मृतक की उम्र लगभग 50 वर्ष के आसपास होगी और वह चेक की शर्ट व एवं हरे रंग का पैंट पहने हुए था। अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रेन में यात्रा करते समय हो सकता है कोई यात्री ट्रेन के गेट पर खड़ा हो और ठंड लगने के कारण वह गिरकर मौत के मुंह में समा गया हो फिलहाल पुलिस मृतक की शिनाख्त करने में जुटी हुई है।
ललितपुर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने जल जीवन मिशन के तहत हर-हर-घर जल योजना के अंतर्गत बालाबेहट ग्राम समूह पेयजल योजना का औचक निरीक्षण किया, संबंधित अधिकारियों को दिया आवश्यक निर्देश
गांधी जयंति के ठीक एक दिन बाद घटे एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में सरकारी जांच एजेंसी ईड़ी ने देश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘न्यूजक्लिक’ पर कार्रवाई करते हुए संस्थान से जुड़े कई लोगों के घरों में छापेमारी की, इस छापेमारी के बाद न्यूजक्लिक के प्रमोटर और उनके सीए को गिरफ्तार कर लिया गया, इसके अलावा संस्थान के कई लोगों को पूछताछ के लिए भी बुलाया गया। दो गिरफ्तारियों और तमाम लोगों से पूछताछ के अलावा करीब पचास लोगों के लैपटॉप और फोन जब्त कर लिये। ऐसा मान भी लिया जाए कि न्यूजक्लिक ने ऐसा किया है तो फिर सरकार को भी तो चीन के साथ अपने संबंधों को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि चीन सीमा से लेकर भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता ही रहता है, रही बात केवल फंड प्राप्त करने की तो सरकार ने कोविड के दौरान बनाए गये पीएम केयर फंड में चीन की तमाम कंपनियों से फंड प्राप्त किया। पीएम केयर में फंड देने के बाद वे सभी कंपनिया भारत में व्यापार कर रही हैं। और उनमें से ज्यादातर कंपनिया लगातार अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी कर रही है? ऐसे में क्या सरकार को भी चीन समर्थक माना जाएगा? अगर हां तो फिर सरकार को भी इस्तीफा दे देना चाहिए, और जांच एजेंसियों को पीएम केयरफंड के नाम पर पैसा पाने वाले लोगों की भी जांच करनी चाहिए? इस मुद्दे के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय जरूर रिकॉर्ड करें .