दोस्तों 5 सितंबर भारतीय कैलेंडर में एक स्मारक दिवस है, जो एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है । इस दिन शिक्षकों द्वारा की गई उन सभी अथक सेवाओं को याद किया जाता है जो युवा भावी पीढ़ियों के दिमाग को आकार देती हैं। तो आइये साथियों आज के दिन हम और आप सभी मिलकर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए कोटि कोटि धन्यवाद कहें। और साथ ही समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.
यू . पी . बोर्ड और यू . पी . बोर्ड का अध्ययन कैसा रहा । नमस्कार दोस्तों , आप यू . पी . बोर्ड की अध्ययन स्थिति राजीव की दारी के विशेष पृष्ठ को सुन रहे हैं । मैं आपका मित्र विकेश प्रजापति तोता हूँ दोस्तों , यूपी बोर्ड की परीक्षाएँ आ रही हैं , कुछ ही दिन बचे हैं , बच्चों द्वारा की गई तैयारी बेहतर है या उस तैयारी में शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा ? भविष्य में बच्चों को सफल बनाने के लिए सभी बदलाव कितने प्रभावी होंगे या कोई नकारात्मक परिणाम होंगे क्योंकि आज के समय में शिक्षा को उस स्तर तक ले जाने के लिए मोबाइल की एक मर्मस्पर्शी प्रणाली है । ऐसा हो गया है कि हर बच्चा जिसके हाथ में मोबाइल है , चाहे वह यूपी बोर्ड का इंटरमीडिएट या हाई स्कूल का छात्र हो , वह अभी भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहा है और उसके हाथ में मोबाइल है । क्या शिक्षा में मोबाइल के इंटरनेट का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है , जो बदलते आधुनिक युग में आया है , क्रांति युग बोर्ड के परिणामों में क्या होगा ? भविष्य में , परिणाम कब आएंगे , तभी उस परिणाम को इस आधार पर बताया जा सकता है कि तब क्या हुआ था , बच्चों या शिक्षकों द्वारा आधुनिक क्रांति का उपयोग या दुरुपयोग कैसे किया गया था । उन्होंने कितना नियंत्रित करने की कोशिश की , क्या वे सफल हुए या असफल रहे और माता - पिता ने भी इस पर कितना प्रयास किया , इन सभी परिणामों का जवाब उसी दिन दिया जाएगा जब यूपी बोर्ड के परिणाम आएंगे , यानी पेपर कब प्रकाशित होगा ।
Transcript Unavailable.
उत्तरप्रदेश राज्य के झांसी ज़िला से विकेश प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि आज की शिक्षा बच्चों को संस्कृति से दूर कर रहे है । भागमभाग की दौर में संस्कृति दूर हो रही है। आज हमारी संस्कृति हमारी विरासत इस दौड़ में पीछे छूट रही है । सरकार ने शिक्षा नीति में परिवर्तन किया है लेकिन आज भी स्थिति जस की तस है। बच्चे इतिहास ,अपनी संस्कृति के बारे में बात नहीं कर पा रहे हैं
2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?
सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।
हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.