शक्ति मनोविज्ञान में विश्वास करते है। इसीलिए शिक्षा के द्वारा बच्चों की मानसिक शक्तियों,स्मरण , विवेक और निर्णय आदि के विकास पर बल देते है

विद्यार्थियों को मानव समाज का पूरा ज्ञान दिया जाना चाहिए ताकि वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें ।बच्चा प्रकृति और मानव समाज दोनों से जुड़ा हुआ है

वास्तववादी भौतिक जीवन को वास्तविक नहीं मानते हैं । उनके अनुसार , शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो मनुष्य को इस भौतिक जीवन के लिए तैयार करे ।

शिक्षा का अर्थ केवल पढ़ने - लिखने या साक्षरता से नहीं है

मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति है। ईश्वर की प्राप्ति के लिए सत्यम शिवम और सुंदरम की प्राप्ति आवश्यक है । शिक्षा के उद्देश्य के अनुसार उपरोक्त तीन तत्वों को प्राप्त करना है , जो क्रमशः मनुष्य की शारीरिक , नैतिक और कलात्मक गतिविधियों के आध्यात्मिक मूल्य हैं ।

गाँधी जी अपने समय के शिक्षा प्रणाली से असंतुष्ट थे। ऐसी प्रणाली नवीय , सामाजिक , राजनीतिक और नागरिक गुणों का विकास नहीं करती थी। देश की गरीबी हटाओ पर इसका कोई योगदान नहीं था

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.