गाँधी जी अपने समय के शिक्षा प्रणाली से असंतुष्ट थे। ऐसी प्रणाली नवीय , सामाजिक , राजनीतिक और नागरिक गुणों का विकास नहीं करती थी। देश की गरीबी हटाओ पर इसका कोई योगदान नहीं था