शक्ति मनोविज्ञान में विश्वास करते है। इसीलिए शिक्षा के द्वारा बच्चों की मानसिक शक्तियों,स्मरण , विवेक और निर्णय आदि के विकास पर बल देते है

विद्यार्थियों को मानव समाज का पूरा ज्ञान दिया जाना चाहिए ताकि वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें ।बच्चा प्रकृति और मानव समाज दोनों से जुड़ा हुआ है

वास्तववादी भौतिक जीवन को वास्तविक नहीं मानते हैं । उनके अनुसार , शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो मनुष्य को इस भौतिक जीवन के लिए तैयार करे ।

शिक्षा का अर्थ केवल पढ़ने - लिखने या साक्षरता से नहीं है

मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति है। ईश्वर की प्राप्ति के लिए सत्यम शिवम और सुंदरम की प्राप्ति आवश्यक है । शिक्षा के उद्देश्य के अनुसार उपरोक्त तीन तत्वों को प्राप्त करना है , जो क्रमशः मनुष्य की शारीरिक , नैतिक और कलात्मक गतिविधियों के आध्यात्मिक मूल्य हैं ।

गाँधी जी अपने समय के शिक्षा प्रणाली से असंतुष्ट थे। ऐसी प्रणाली नवीय , सामाजिक , राजनीतिक और नागरिक गुणों का विकास नहीं करती थी। देश की गरीबी हटाओ पर इसका कोई योगदान नहीं था

शहरों की सड़कें हमेशा व्यस्त रहती है। साइकिल रिक्शा , कार , मोटरसाइकिल , तिपहिया , बसें , ट्रक आदि इस पर चल रहे हैं , कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है ।सड़क यातायात व्यापार की दृष्टि से बहुत महत्वपुर्ण होता है

उत्तर प्रदेश राज्य के आज़मगढ़ जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से स्वीटी कुमारी बाढ़ आने के कारन के बारे में बता रही हैं

पुराने दिनों में सड़के कच्ची होती थी ,जिससे आवागमन में दिक्कत होती थी। पर अब सड़कों की स्थिति सुधर गई है। लोगों को आवागमन में सहूलियत हो रही है। सड़कों का अच्छा रहना ज़रूरी है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला आज़मगढ़ से मोबाइल वाणी के माध्यम से स्वीटी कुमारी बता रही हैं की प्राचीन काल में नारी शिक्षा की स्थिति कैसी थी