प्रशासनिक अनदेखी के कारण सौंदर्यीकरण पर लाखों रूपए खर्च कर स्वच्छता की दुहाई दी गई थी लेकिन तालाब में फैली गंदगी को सही मायनों में साफ करने की पहल कभी नहीं हुई।