समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए किसान पंजीयन की तिथि पूर्व में 1 मार्च निर्धारित की गई थी ।जिसे बढ़ाकर बाद में 6 मार्च कर दिया गया था ।लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों का पंजीयन बहुत कम हुआ है ।लिहाजा सतना जिले के बाकी किस भी पंजीयन कर सके इसके लिए पंजीयन की तारीख बढ़ाकर अब 10 मार्च कर दी गई है।

स्मार्ट सिटी सतना सिर्फ नाम की स्मार्ट रह गई है ।पिछले 8 वर्षों में शहर के विकास के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। लेकिन शहर में एक भी ऐसी सड़क नहीं है जिसे देखकर कहा जा सके कि यह स्मार्ट सिटी सतना है ।शहर की हर गली हर मोहल्ले में नालियां जाम है सड़कों में गड्ढे हैं। लेकिन इन्हें दुरुस्त करने का काम नहीं किया जा रहा है। स्वच्छता के नाम पर कचरा गाड़ी चलाई जा रही है। इसके बाद भी हर गली चौराहे में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इंदिरा कॉलेज के सामने नाली जाम होने के कारण गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। छात्र-छात्राएं मजबूर होकर गंदे बदबूदार पानी के ऊपर से गुजर रहे हैं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा टेली काउंसलिंग के माध्यम से बच्चों को मनोवैज्ञानिक सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए योग्य और परामर्शदाओं का एक नेटवर्क बनाया गया है ।

टाइफाइड का एकमात्र प्रभावी इलाज एंटीबायोटिक्स है। सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला सिप्रोफ्लोक्सासिन (गैर- गर्भवती वयस्कों के लिए) और सेफ्ट्रिएक्सोन है। एंटीबायोटिक दवाओं के अलावा, पर्याप्त पानी पीना और खानपान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। अधिक गंभीर मामलों में, पेट में नुकसान पहुंचता है और सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।टाइफाइड के दौरान क्या खाएं-पीएं उबला हुआ पानी गाय का दूध नारियल पानी लौंग का पानी अगला लेख सेब, मौसम्बी, अनार, अंगूर, पपीता, मनुक्का दाना दलिया, चावल, मूंग की दाल की पतली खिचड़ी ऐप पर पढ़ें उबली हुई मूंग की दाल और चपाती सब्जियों में पालक, लौकी, गिलकी, करेला। पूरी तरह आराम करें नहाएं नहीं

हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं। जिसका मुआवजा दिलाए जाने की मांग करते हुए चित्रकूट क्षेत्र के किसानों ने तहसीलदार बिरसिंहपुर को ज्ञापन सौंपा है। किसानो ने भाजपा सरकार के संकल्प पत्र में की गई घोषणा अनुसार गेहूं 2700 रूपये तथा धान 3100 रूपये के रेट से खरीदी किए जाने की मांग की है।

पलटवार भी करता है टाइफाइड...डॉ. अजय मोहन के अनुसार, बुखार बना रहता है, लेकिन कोई बड़ी समस्या न आए तो तीन से चार हफ्तों में बीमारी अपने आप ठीक होने लगती है। जो लोग एंटीबायोटिक्स से ठीक हो जाते हैं, उनमें बीमारी के लौटकर आने की आशंका बनी रहती है। सावधानी न बरती जाए तो एक से दो हफ्ते बेहतर महसूस करने के बाद 10 फीसदी लोगों में बीमारी लौट आती है। अगला लेख अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.myupchar.com/disease/typhoid- fever

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मैहर जिले में 12 घंटे के अंदर दो अलग-अलग सडक़ दुर्घटनाओं में साइकिल सवार श्रमिक समेत 2 लोगों की मौत हो गई, जिस पर अपराध दर्ज कर पुलिस ने जांच प्रारंभ कर दी है।थाने के सामने ट्रक ने मजदूर को मारी टक्कर मैहर नगर में नो-एंट्री प्रभावी नहीं होने का दुष्परिणाम रविवार को फिर देखने को मिला, जिसमें थाने के ठीक सामने एक ट्रेलर ट्रक की चपेट में आने से श्रमिक को जान गंवानी पड़ी। पुलिस ने बताया कि रामफल पुत्र वृन्दावन केवट 50 वर्ष, निवासी पथरहटा, थाना उचेहरा, रविवार सुबह साइकिल से मजदूरी करने मैहर जा रहा था। तकरीबन 11 बजे जब वह मैहर कोतवाली के सामने पहुंचा, तभी पीछे से आए ट्रक क्रमांक एनएल 01एएच 5371 ने टक्कर मारते हुए अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। यह देखकर आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो आरोपी ड्राइवर ट्रक खड़ा कर भाग निकला। तब लोगों ने नीचे फंसे रामफल को किसी तरह बाहर निकाला और सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां कुछ देर तक चले उपचार के बाद दम तोड़ दिया, जिस पर मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया, तो मृतक के परिजन की शिकायत पर अपराध दर्ज कर ट्रक को कब्जे में ले लिया गया है।बड़ी खबरें दुनिया देश राज्य शहर राजनीति खेल मनोरंजन व्यापार टेक्नोलॉजी शिक्षा जुर्म जीवन शैली राशिफल धर्म रेसिपी अजब गजब फर्जी खबरें करंट अफेयर्स अन्य DOWNLOAD APP FROM FOLLOW US ON Home /राज्य /अलग-अलग सडक़ हादसों में श्रमिक समेत... टक्कर: अलग-अलग सडक़ हादसों में श्रमिक समेत 2 की मौत By - ANAND VANI 4 Mar 2024 9:26 AM थाने के सामने ट्रक ने मजदूर को मारी टक्कर पुलिया के पास अज्ञात वाहन ने ठोका ट्रक को कब्जे में ले लिया गया डिजिटल डेस्क, भोपाल। मैहर जिले में 12 घंटे के अंदर दो अलग-अलग सडक़ दुर्घटनाओं में साइकिल सवार श्रमिक समेत 2 लोगों की मौत हो गई, जिस पर अपराध दर्ज कर पुलिस ने जांच प्रारंभ कर दी है। यह भी पढ़े -मैहर जिले के 7 आदिवासी बच्चे निकले, सिकलसेल कॅरियर, 3 वयस्क भी शामिल थाने के सामने ट्रक ने मजदूर को मारी टक्कर मैहर नगर में नो-एंट्री प्रभावी नहीं होने का दुष्परिणाम रविवार को फिर देखने को मिला, जिसमें थाने के ठीक सामने एक ट्रेलर ट्रक की चपेट में आने से श्रमिक को जान गंवानी पड़ी। पुलिस ने बताया कि रामफल पुत्र वृन्दावन केवट 50 वर्ष, निवासी पथरहटा, थाना उचेहरा, रविवार सुबह साइकिल से मजदूरी करने मैहर जा रहा था। तकरीबन 11 बजे जब वह मैहर कोतवाली के सामने पहुंचा, तभी पीछे से आए ट्रक क्रमांक एनएल 01एएच 5371 ने टक्कर मारते हुए अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। यह देखकर आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो आरोपी ड्राइवर ट्रक खड़ा कर भाग निकला। तब लोगों ने नीचे फंसे रामफल को किसी तरह बाहर निकाला और सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां कुछ देर तक चले उपचार के बाद दम तोड़ दिया, जिस पर मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया, तो मृतक के परिजन की शिकायत पर अपराध दर्ज कर ट्रक को कब्जे में ले लिया गया है। यह भी पढ़े -मैहर पुलिस की सूचना पर क्राइम ब्रांच भोपाल ने पकड़ा २५.९० लाख का नशीला कफ-सिरप पुलिया के पास अज्ञात वाहन ने ठोका दूसरी घटना रामनगर थाना क्षेत्र के गैलहरी में सामने आई, जहां शनिवार रात को तकरीबन 11 बजे बाइक से निमंत्रण के लिए गए रामलाल पुत्र भोला प्रसाद पटेल 53 वर्ष, निवासी गैलहरी, सुबह तक वापस नहीं आए। परिजनों ने फोन पर काफी सम्पर्क किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी बीच रविवार की सुबह गैलहरी-नईबस्ती में पुलिया के पास रामलाल की लाश और क्षतिग्रस्त बाइक पड़ी मिली। ग्रामीणों से सूचना मिलने पर परिजनों के साथ ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। प्रारंभिक जांच-पड़ताल में अज्ञात वाहन के द्वारा बाइक को टक्कर मारने की बात सामने आई, जिस पर मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस अब वाहन का पता लगाने में जुट गई

पश्चिम बंगाल में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को सतना शहर में रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया ।इस दौरान विद्यार्थी परिषद ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर सतना को सौंपा और पश्चिम बंगाल में हो रहे महिला अत्याचार पर तत्काल रोक लगाए जाने तथा वहां की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। यह बात अलग है कि मणिपुर में महिलाओं पर इतना अत्याचार हुआ लेकिन विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता चुप्पी साधे रहे किसी ने भी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटाई।