मंगलवार को जारी आदेश में प्रधान आरक्षक हशरत अली को मुकुंदपुर चौकी से एसडीओपी कार्यालय अमरपाटन, मैहर से उपेन्द्र तिवारी को अमदरा, लक्ष्मीनारायण कोल को अमरपाटन, राजेन्द्र कुमार शर्मा को ताला से पुलिस लाइन, अशोक सिंह को अमदरा से मैहर, विजय कुमार शर्मा को अमदरा से रामनगर भेजा गया है।

जिला पंचायत सीईओ की कुर्सी भी रह गई खाली, डॉ शेर सिंह को बनाया गया म्युनिसिपल कमिश्नर। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

मेरा नाम मनीष चौधरी है । मैं गली नंबर एक , राजेंद्र नगर से बोल रहा हूँ । हम लंबे समय से पानी की समस्या का सामना कर रहे हैं । दो - तीन दिन पानी आया और फिर भी दो - तीन दिन पानी नहीं आता और मैं बहुत परेशान हूँ । जितनी जल्दी हो सके मुआल वाणी पर मेरी आवाज़ रिकॉर्ड करवाएँ और मेरी समस्या का समाधान करें ।

विशेष रूप से महिलाओं की भूमिका की चर्चा करने वाले साहित्य के स्रोत बहुत ही कम हैं ; 1730 ई. के आसपास तंजावुर के एक अधिकारी त्र्यम्बकयज्वन का स्त्रीधर्मपद्धति इसका एक महत्वपूर्ण अपवाद हैभक्ति आंदोलन के कुछ ही समय बाद सिक्खों के पहले गुरु, गुरु नानक ने भी पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता के संदेश को प्रचारित किय ऐतिहासिक प्रथाएं कुछ समुदायों में सती, जौहर और देवदासी जैसी परंपराओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और आधुनिक भारत में ये काफ़ी हद तक समाप्त हो चुकी हैं। हालांकि इन प्रथाओं के कुछ मामले भारत के ग्रामीण इलाकों में आज भी देखे जाते हैं। कुछ समुदायों में भारतीय महिलाओं द्वारा परदा प्रथा को आज भी जीवित रखा गया है और विशेषकर भारत के वर्तमान कानून के तहत एक गैरकानूनी कृत्य होने के बावजूद बाल विवाह की प्रथा आज भी प्रचलित है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध यौन उत्पीड़न संपादित करें 1990 में महिलाओं के विरुद्ध दर्ज की गयी अपराधों की कुल संख्या का आधा हिस्सा कार्यस्थल पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न से संबंधित था।[22] लड़कियों से छेड़छाड़ (एव टीजिंग) पुरुषों द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक चालबाज तरकीब (युफेमिज्म) है। कई कार्यकर्ता (एक्टिविस्ट) महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के लिए "पश्चिमी संस्कृति" के प्रभाव को दोषी ठहराते हैं दहेज प्रथा 1961 में भारत सरकार ने वैवाहिक व्यवस्थाओं में दहेज़ की मांग को अवैध करार देने वाला दहेज निषेध अधिनियम पारित किया।[42] हालांकि दहेज-संबंधी घरेलू हिंसा, आत्महत्या और हत्या के कई मामले दर्ज किये गए हैं। 1980 के दशक में कई ऐसे मामलों की सूचना दी गयी थीबाल विवाह संपादित करें भारत में बाल विवाह परंपरागत रूप से प्रचलित रही है और यह प्रथा आज भी जारी है। ऐतिहासिक रूप से कम उम्र की लड़कियों को यौवनावस्था तक पहुँचने से पहले अपने माता-पिता के साथ रहना होता था। पुराने जमाने में बाल विधवाओं को एक बेहद यातनापूर्ण जिंदगी देने, सर को मुंडाने, अलग-थलग रहने और समाज से बहिष्कृत करने का दंड दिया जाता था।[20] हालांकि 1860 में बाल विवाह को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था लेकिन आज भी यह एक आम प्रथा है।[ कन्या भ्रूण हत्या और लिंग के अनुसार गर्भपात भारत में पुरुषों का लिंगानुपात बहुत अधिक है जिसका मुख्य कारण यह है कि कई लड़कियां वयस्क होने से पहली ही मर जाती हैं।[22] भारत के जनजातीय समाज में अन्य सभी जातीय समूहों की तुलना में पुरुषों का लिंगानुपात कम है। ऐसा इस तथ्य के बावजूद है कि आदिवासी समुदायों के पास बहुत अधिक निम्न स्तरीय आमदनी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं।[22] इसलिए कई विशेषज्ञों ने यह बताया है कि भारत में पुरुषों का उच्च स्तरीय लिंगानुपात कन्या शिशु हत्या और लिंग परीक्षण संबंधी गर्भपातों के लिए जिम्मेदार है।

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10 मार्च को उथली हीरा खदान मेंबृजपुर थाना क्षेत्र के आदिवासियों के साथ सतना वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने जमकर मारपीट की थी। जिससे एक आदिवासी के पैर में गंभीर चोटें आई है। जिसकी शिकायत करने पीड़ित व ग्रामीण पन्ना में सांसद कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। जिसके बाद सांसद वीडी ने सतना के डीएफओ को फोन पर जमकर फटकार लगाई। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस मामले पर मैं मुख्यमंत्री से बात करूंगा।

राज्य मध्यप्रदेश, जिला सतना कोटेदार द्वारा खाद्यान्न की जा रही कालाबाजारी मामला शासकीय उचित मूल्य की दुकान पडखुरी का। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मझगवां थाना अंतर्गत पटनी मोड़ के पास अज्ञात कारणों से एक मोटरसाइकिल में आग लग गई. चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मझगवां थाना अंतर्गत पटनी मोड़ के पास एक मोटरसाइकिल में अज्ञात कारणों से आग लग गई. बता दें कि यहां बाइक जलकर राख हो गई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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मैहर कलेक्टर रानी बॉटम ने गुरुवार को अमरपाटन क्षेत्र का भ्रमण किया इस दौरान कलेक्टर ने नगर के गढ़ों तालाब का निरीक्षण किया जहां गंदगी का ढेर लगा हुआ था। गंदगी देखकर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की और नगर पालिका अधिकारी सुषमा मिश्रा को निर्देशित किया है कि तालाब के चारों ओर जाली लगाई जाए साथ ही एक बोर्ड लगाया जाए जिसमें यह सूचना अंकित चरण की तालाब के आसपास गंदगी फैलाना प्रतिबंधित है यदि कोई व्यक्ति गंदगी फैलायते हुए पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।