नामांतरण साइबर तहसील की नई व्यवस्था को लेकर शासन का बड़ा दावा प्रदेश के सभी जिलों में 29 फरवरी से शुरू होगी साइबर तहसील व्यवस्था* वर्तमान में नामंतरण कराने तहसील कार्यालय के चक्कर काटने के साथ देनी पड़ती है रिश्वत
स्ट्रीट लाइटें खराब होने से नगर के अधिकांश मुख्य मार्गों व गलियों में अंधेरा कायम पवित्र नगरी के अंधेरे नगरी जैसे हालात हीरों वीरों झीलों मंदिरों और बाघों के लिए विश्व विख्यात पवित्र नगरी पन्ना को लगभग डेढ़ दशक पूर्व प्रदेश के मुखिया के द्वारा पवित्र नगरी घोषित किया गया था। लेकिन अब यह पवित्र नगरी अंधेर नगरी की राह पर चल पड़ी है। नगर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब होकर बंद हो चुकी हैं, और कुछ लपलपा रही हैं। गिनी चुनी लाइटें ही सलामत हैं। नगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों, विद्यालयों, बैंकों, हॉस्पिटल, बस स्टैंड, पार्क सहित अधिकांश मुख्य मार्गों एवं चौराहों के भी यही हाल हैं। घरेलू एलईडी वल्व में भी कम से कम एक वर्ष की गारंटी मिलती है। फिर सरकारी पैसों से खरीदी जाने वाली महंगी स्ट्रीट लाइटें महीने भर में क्यों खराब हो जाती हैं। अगर खराब हो भी जाती हैं तो समय पर सुधारी या बदली क्यों नहीं जाती। विद्युत व्यवस्था के लिए लगे नगर पालिका के कर्मचारी और वाहन किस उपयोग में लिए जा रहा हैं। सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले नगर के आराध्य भगवान श्री जुगल किशोर मंदिर प्रांगण, बस स्टैंड और अस्पताल प्रांगण की लाइटें भी खराब हैं। सिविल लाइन क्षेत्र जहां जज, मजिस्ट्रेट, जिला पंचायत सीईओ सहित कई प्रमुख अधिकारियों के आवास, सांसद सुविधा केंद्र और विधायक कार्यालय है। यहां भी यही हाल देखे जा रहे हैं। शाम होते ही नगर के मुख्य मार्ग चौराहे और गालियां अंधेरे में डूब जाती हैं। ऐसे में पैदल राहगीरों का रास्ते में चलना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस अव्यवस्था एवं लापरवाही को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस प्रकार पवित्र नगरी अब अंधेर नगरी की राह पर चल पड़ी है।
तीन दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम 05 मार्च से 07 मार्च 2024 तक। स्थल- सुदर्शन बनवासी बालक छात्रावास परिसर चटाकुआ इंद्रपुरी कॉलोनी पन्ना। आयोजक- भक्त श्रीमती वंदना विजय जड़िया एवं श्री रावतपुरा सरकार भक्त मंडल पन्ना (म.प्र)। एंकर- श्री रविशंकर जी महाराज रावतपुरा सरकार जी का 15 साल बाद पन्ना नगर में आगमन हो रहा है जिसमे तीन दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम किया जा रहा है जिसके आयोजक पन्ना नगर से भक्त श्रीमती वंदना विजय जड़िया जी है। कार्यक्रम 5 मार्च से 7 मार्च तक होगे। प्रथम दिवस श्री राज राजेश्वरी लक्ष्यार्चन (एक लाख अर्चन) द्वितीय दिवस श्री रामाचार्या यज्ञ एवं तृतीय दिवस श्री हनुमतॄ सहस्रार्चन होगे जिसमें सभी श्रद्धालु भक्तगण सपरिवार उपस्थित होकर धर्म लाभ उठाएं कार्यक्रम स्थल सुदर्शन बनवासी बालक छात्रावास परिसर इंद्रपुरी कॉलोनी पन्ना। भक्त ने क्या कहा आप भी सुनिए। वाईट- विजय जड़िया (आयोजक भक्त)
मृत चीतल का सिर कच्चा मांस खाल एवं आंतरिक अंगों को किया बरामद मुखबिर से मिली सूचना के बाद परिक्षेत्र पन्ना कोर में बीट दक्षिण बांधी के कक्ष क्रमांक पी 409 से लगे ग्राम भरतपुर में जय हिंद सिंह s/o सोने सिंह निवासी बांधीकाला तहसील अमानगंज जिला पन्ना के घर पर वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल पुरोहित के नेतृत्व में वन स्टाफ सहित दविश दे कर मृत चीतल का मांस एव सिर मिलने पर आरोपियों की निशानदेही पर चीतल के अन्य अंग जैसे खाल, आंतरिक अंगों, सींग आदि की जपती कर मौके की कार्यवाही कर अवैध शिकार का प्रकरण दर्ज किया गया । आरोपियों द्वारा बताए गए अन्य आरोपियों के घर भी दविश दी गई परंतु अन्य आरोपी मौके से फरार होने में सफल रहे।
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अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले पर बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने उठाए सवाल अल्प प्रवास पर पन्ना पहुंचे बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील क्षेत्र में केन नदी के घाटों, खेतों और शासकीय भूमि में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सर्किट हाउस पन्ना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि अब तक वह पन्ना जिले के अजयगढ़ क्षेत्र की केन नदी में चल रहे अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के बारे में सुना करते थे लेकिन अब उन्होंने इसे अपनी आंखों से देख लिया है। श्री मुंजारे ने बताया कि जब वह रात में छतरपुर जिले के चंदला से होते हुए अजयगढ़ से पन्ना की ओर आने के लिए छतरपुर और पन्ना जिले की सीमा के बीच केन नदी के वीरा पुल से गुजरे तो पुल के दोनों तरफ दर्जनों की संख्या में दैत्याकर प्रतिबंधित एलएनटी पोकलेन मशीनों से अस्थाई पुल बनाकर नदी की धारा को रोक कर रेत का उत्खनन किया जा रहा था। पुल में और पुल के आसपास भारी संख्या में रेत से लोड डंफर और ट्रक खड़े हुए थे जिनसे गिरता हुआ पानी भी बता रहा था कि यह रेत सीधे नदी की धारा से निकाली गई है। उन्होंने बताया कि पन्ना जिले की रेत का कोई ठेका नहीं है छतरपुर के ठेके पर पन्ना और छतरपुर दोनों जगह पर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। कलेक्टर खनिज विभाग सहित पूरा प्रशासन और नेता रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को अनदेखा कर रहे हैं। जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहां के नेता और अधिकारी रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में संलिप्त हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार रेत की चोरी कर एक ओर जहां नदी को तबाह किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व को प्रतिदिन कम से कम 20 से 25 लख रुपए की क्षति पहुंचाई जा रही है। बताया कि वह शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर केन नदी में चल रहे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के मामले की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग करेंगे। कार्यवाही नहीं हुई तो पन्ना जिले में विशाल आंदोलन करेंगे।
हीरों वीरों झीलों मंदिरों और बाघों के लिए विश्व विख्यात पवित्र नगरी पन्ना को लगभग डेढ़ दशक पूर्व प्रदेश के मुखिया के द्वारा पवित्र नगरी घोषित किया गया था। लेकिन अब यह पवित्र नगरी अंधेर नगरी की राह पर चल पड़ी है। नगर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब होकर बंद हो चुकी हैं, और कुछ लपलपा रही हैं। गिनी चुनी लाइटें ही सलामत हैं। नगर के प्रमुख धार्मिक स्थलों, विद्यालयों, बैंकों, हॉस्पिटल, बस स्टैंड, पार्क सहित अधिकांश मुख्य मार्गों एवं चौराहों के भी यही हाल हैं। घरेलू एलईडी वल्व में भी कम से कम एक वर्ष की गारंटी मिलती है। फिर सरकारी पैसों से खरीदी जाने वाली महंगी स्ट्रीट लाइटें महीने भर में क्यों खराब हो जाती हैं। अगर खराब हो भी जाती हैं तो समय पर सुधारी या बदली क्यों नहीं जाती। विद्युत व्यवस्था के लिए लगे नगर पालिका के कर्मचारी और वाहन किस उपयोग में लिए जा रहा हैं। सबसे अधिक भीड़भाड़ वाले नगर के आराध्य भगवान श्री जुगल किशोर मंदिर प्रांगण, बस स्टैंड और अस्पताल प्रांगण की लाइटें भी खराब हैं। सिविल लाइन क्षेत्र जहां जज, मजिस्ट्रेट, जिला पंचायत सीईओ सहित कई प्रमुख अधिकारियों के आवास, सांसद सुविधा केंद्र और विधायक कार्यालय है। यहां भी यही हाल देखे जा रहे हैं। शाम होते ही नगर के मुख्य मार्ग चौराहे और गालियां अंधेरे में डूब जाती हैं। ऐसे में पैदल राहगीरों का रास्ते में चलना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस अव्यवस्था एवं लापरवाही को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस प्रकार पवित्र नगरी अब अंधेर नगरी की राह पर चल पड़ी है।
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वन कर्मियों को धमकी देकर आरोपियों को छुड़ाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज पन्ना। जिले के उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र विश्रामगंज के बीट सरकोहा- ए कक्ष क्रमांक पी- 333 में अतिक्रमण कर अवैध रूप से निर्माण करते पाए जाने पर आरोपी गंगू कुशवाहा पिता तांतू कुशवाह निवासी सरकोहा एवं कमलेश आदिवासी पिता टांगी आदिवासी निवासी कल्याणपुर को मना करने के बाद भी जब वह नहीं माने तब डिप्टी रेंजर काशी प्रसाद अहिरवार एवं वनरक्षक आदेश चौधरी के द्वारा आरोपियों के खिलाफ पीओआर काटकर दोनों आरोपियों को पड़कर वन परिक्षेत्र कार्यालय विश्रामगंज पन्ना लाया जा रहा था। तभी रास्ते में धीरू यादव पिता गोविंद यादव के द्वारा रास्ता रोककर वन कर्मियों के साथ अश्लील अभद्र एवं जाति सूचक गाली गलौज एवं जान से मारने की धमकी देते हुए दोनों आरोपियों को छुड़ा कर ले जाया गया। वन कर्मियों के द्वारा डीएफओ गर्वित गंगवार, एसडीओ दिनेश गौर एवं रेंजर नितिन राजोरिया को सूचना दी गई। कुछ देर बाद तत्काल फॉरेस्ट टीम के द्वारा सरकोहा पहुंचकर आरोपियों की तलाश की गई लेकिन तब तक तीनों आरोपी फरार हो चुके थे। पीड़ित वन कर्मियों के द्वारा आजाक थाना पन्ना में शिकायती आवेदन सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई। जिस पर आजाक थाना में आरोपी धीरू यादव पिता गोविंद यादव निवासी ग्राम सरकोहा गंगू कुशवाहा पिता ताऊ कुशवाह निवासी करकोहा एवं कमलेश आदिवासी पिता टांगी आदिवासी निवासी कल्याणपुर के खिलाफ धारा 353, 294, 323, 506, आईपीसी एवं एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। एवं फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।