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शेखपुरा।। इन दोनों जिले के विभिन्न गांव में धान की फसल में उखड़ा रोग लग जाने से किसान काफी परेशान और चिंतित नजर आ रहे हैं। इस दौरान प्रखंड के विभिन्न गांव कपासी, धारी, करंडे, महेशपुर , धमसेना, कुरमुरी, लोहान, लहना, सियानी, केमरा ,बेलछी सहित अन्य गांव में धान की फसल जैसे-जैसे पक कर तैयार हो रही है वैसे-वैसे उसमें उखड़ा लोग लग रहा है और धान का बाली पूरे पौधा सहित खेत में ही सुख जा रहा है। इस बात कपासी गांव के किसान रामबालक सिंह, राममूर्ति सिंह ,अनिल सिंह, बेलछी गांव के किसान सरबिल सिंह, लाली सिंह, मोहन सिंह, धमसेना गांव के किसान महेश मिस्त्री, परमेश्वर मिस्त्री, करंडे गांव के किसान विलास सिंह, राजेंद्र सिंह सहित अन्य गांव के बहुत सारे किसानों ने बताया कि लगातार 2 साल से किस सुखाड़ की मार झेल रहे हैं। किसी तरह से समरसेबल से धान की फसल को बचा पाये तो एन वक्त पर जब धान की फसल पककर तैयार होने को आई तो फसल में उखड़ा रोग लग रहा है। स्थिति यह है की बाली सहित धान का पूरा पौधा सूख जा रहा है इस वजह से धान खखरी में तब्दील हो जा रहा है । किसान बताते हैं कि शायद अब किसान के ऊपर काला साया मंडरा रहा है बहुत मेहनत करने के बाद भी किसान धान की फसल को बचा नहीं पा रहे हैं तो ही दूसरी ओर किसानों द्वारा लगाए गए रवि फसल मशहूर चना के पौधे को भी कीड़ा काट रहे हैं। किसान सुखाड़ की मार से काफी परेशान नजर आ रहे हैं। हर साल किस को खेती में घाटा ही हो जा रहा है। किसान बताते हैं कि उन्हें कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिल पा रही है अब तो ऐसा प्रतीत होता है की खेती-बाड़ी करना ही छोड़ना पड़ जाए।

अरियरी प्रखंड के कसार गांव के एक डेंगू से पीड़ित मरीज की हालत बिगड़ी पावापुरी मेडिकल हॉस्पिटल रेफर किया गया है इस संबंध में कसर गांव के पंचायत समिति सदस्य रोहित राज ने बताया कि हमारे गांव में एक युवक का सदर अस्पताल में जांच करने के उपरांत डेंगू निकला था जिन्हें इलाज सदर अस्पताल शेखपुरा में चल रहा था वही सुधार नहीं रहने के कारण बेहतर इलाज के लिए चिकित्सकों ने पावापुरी मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया है अभी तक डेंगू के मरीज की हालत चिंताजनक बताई जा रही है

देश के सभी नागरिको को सही स्वास्थय मिले , इसे लेकर सरकार ने 2018 आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की। यह भारत सरकार की एक हेल्थ स्कीम है, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर नागरिको को देश के अस्पतालों में 5 लाख रु तक की मुफ्त में इलाज की सुविधा दी जाती है. इसके तहत पहली अगस्त 2023 तक 24.33 करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। ज़ाहिर है , सरकार ने इस योजना प्रचार बहुत व्यापक तौर पर किया। नेताओ के साथ साथ सरकारी जनता ने भी देश के नागरिको को समझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सरकार गरीबो की मसीहा है। लेकिन आज 5 साल बाद अब इसी आयुष्मान भारत योजना की हकीकत अब लोगो के सामने आ रही है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. कैग ने इस योजना को लेकर जारी की अपनी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है इस योजना के तहत ऐसे मरीज भी लाभ उठा रहे हैं, जिन्हें पहले मृत दिखाया गया था. यहीं नहीं इस योजना के तहत 9 लाख से ज्यादा लाभार्थी तो सिर्फ एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए हैं. प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक मध्य प्रदेश में ही हैं. यहीं पर सबसे ज्यादा लापरवाही देखी जा रही है. ---------------तब तक आप हमें बताइए दोस्तों कि आपके गांव या जिला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज़ की स्थिति क्या है ? ---------------वहां पर आपको किस तरह की सुविधाएँ मिल रही है ? ---------------क्या आपके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड है और क्या आप उसका लाभ उठा पा रहे है ? ----------------इस बढ़ती महँगाई के कारण स्वास्थ्य पर होने वाला खर्चा आपका कितना बढ़ा है ? दोस्तों इस मुद्दे पर अपनी बात को जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर या मोबाइल वाणी एप्प में ऐड का बटन दबाकर।