सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के झिल्ला गांव स्थित आंगनबाड़ी के बच्चे पिछले 15 वर्ष से फूस की झोपड़ी में पढ़ने को विवश हैं। सुपौल जिले के सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी के 145 केंद्र संचालित है जिसमें से कम ही के पास अपना भवन है। जिन आंगनबाड़ी केदो को अपना भवन नहीं है उसमें से अधिकांश का संचालन कहीं सेविका के आंगन में तो कहीं सहायिका के आंगन में हो रहा है। झोपड़ी में चलते आंगनबाड़ी को लेकर अब गांव के लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है।

लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने और बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 10 फरवरी से अगले 17 दिन तक जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) का आयोजन किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सेंटर फार एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से सदर अस्पताल परिसर में एकदिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डा. ललन कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सभी मीडिया कर्मियों से मीडिया के माध्यम से लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने और सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की गई। मीडिया कार्यशाला में डीआईओ डा. अजय कुमार झा, भीडीसीओ विपिन कुमार, पीसीआई के जिला कोार्डिनेटर प्रिंस कुमार, सीफार के स्टेट मीडिया कोार्डिनेटर अमन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। सिविल सर्जन ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अंडकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है। जिला वेक्टर नियंत्रण रोग पदाधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि लोगों को फाइलेरिया संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए आशा व आंगनबाड़ी सेविका द्वारा लोगों को घर-घर जाकर अपनी उपस्थिति में डीइसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। एमडीए कार्यक्रम के दौरान जिले के 13 लाख 99 हजार 216 लोगों को यह दवा खिलाई जाएगी। अभियान जिले के सदर सुपौल, सदर अर्बन, किशनपुर, सरायगढ़, राघोपुर, त्रिवेणीगंज, निर्मली के 331 वार्ड में चलाया जाएगा। जिसमें 2-5 वर्ष के 1,25,933 बच्चे 5-15 वर्ष के 3,35,809 बच्चे तथा 15 वर्ष से ऊपर के 9,37,474 लोगों को दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए 736 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर टीम, 74 सुपरवाइजर लगाया गया है। उन्होंने बताया 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा सभी लोगों को दवा खिलाई जानी है। जिसके लिए 34 लाख 98 हजार 40 डीईसी तथा 13 लाख 99 हजार 216 अल्बेंडाजोल की दवा उपलब्ध कराई गई है।

राघोपुर थाना क्षेत्र के सिमराही बाजार एनएच 57 पर मंगलवार की रात एक अनियंत्रित कार की ठोकर से एक अधेड़ की इलाज के क्रम में मौत हो गई। जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है। बताया जाता है कि सरायगढ़ भपटियाही की और से आ रहे एक तेज रफ्तार कार बीआर 50 जे 2030 चालक अचानक सिमराही बाजार में अपना नियंत्रण खो दिया। जिस कारण सड़क पार कर रहे दरभंगा जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के मट्ठराही वार्ड 11 निवासी अमल मंडल (50) और उत्तर प्रदेश के बलिया थाना क्षेत्र निवासी मुन्द्रिका प्रसाद गंभीर को जोरदार ठोकर मार दिया। ठोकर की आवाज सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने गंभीर रूप से घायल अमल मंडल और मुन्द्रिका प्रसाद को इलाज के लिए राघोपुर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर ने अमल मंडल को मृत घोषित कर दिया। वहीं दूसरा घायल मुंद्रिका का प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया है। घटना के बाद मौके से कार चालक फरार बताया जाता है। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। प्रभारी थानाध्यक्ष रितिका कुमारी ने बताया कि जांच पड़ताल की जा रही है। आवेदन अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सुपौल-पिपरा मुख्य मार्ग में पथरा के समीप तेज रफ्तार से आ रही एक ट्रक ने बाइक सवार को पीछे से टक्कर मार दिया। जिसमें बाइक सवार युवक की इलाज के क्रम नेपाल के एक नर्सिंग होम में मौत हो गई। इधर स्थानीय लोगों ने ट्रक और उसके चालक को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया है। वहीं युवक की मौत पर परिवार वालों में कोहराम मच गया है। मृतक जिले के पिपरा थाना अंतर्गत निर्मली वार्ड नंबर 2 ब्रह्मदेव मंडल का पुत्र पप्पू कुमार के रूप में पहचान हुई है। मृतक के चाचा ईश्वर मंडल ने बताया कि मेरा भतीजा मैट्रिक की परीक्षा इस वर्ष देने वाला था। जिस मैट्रिक परीक्षा के एडमिट कार्ड को निकालने के लिए घर से बाइक पर सवार होकर सुपौल जा रहा था। इसी दौरान सुपौल-पिपरा मुख्य मार्ग में पथरा के समीप पीछे से तेज रफ्तार में आ रही एक ट्रक ने उसे जबरदस्त ठोकर मार कर मौके से फरार हो गई। हालांकि स्थानीय ग्रामीणों ने उसका पीछा करते हुए उसे ट्रक को सुपौल सदर थाना क्षेत्र के गौरवगढ़ के समीप रोकवाया और चालक समेत ट्रक को पिपरा पुलिस के हवाले किया। मृतक तीन भाई और एक बहन में दूसरे स्थान पर था। सड़क हादसे में जख्मी होने के उपरांत उसे शहर के निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए जख्मी को हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहीं नेपाल के नर्सिंग होम में इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई। इधर मौत से घर में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। पिपरा थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सड़क हादसे में एक युवक की मौत हुई है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जायेगा। मामले में विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन के बिना हाल बेहाल है। 25 फीसद केंद्रों को भी अब तक अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण भवन के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होना है। परिणाम है कि ऐसे केंद्रों में नामांकित बच्चे झोपड़ी में बैठकर अक्षर ज्ञान प्राप्त करने और कुपोषण से लड़ने का जतन कर रहे हैं। बताते चलें कि जिले के सभी 11 परियोजनाओं में कुल 2427 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से महज 584 केंद्रों का ही अपना भवन बन पाया है। शेष बचे केंद्र या तो किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं या फिर किसी स्कूल में या फिर अन्य सरकारी भवन व सेविका के दलानों में संचालित हो रहे हैं। इसमें पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण केंद्र पर आने वाले बच्चे व आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र आज भी अपने भवन की बाट जोह रहे हैं। इसके जिम्मेदार लोग वर्षों से यह कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि जमीन ही नहीं उपलब्ध हो पा रही है। इधर ग्रामीण भी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। यहां सवाल उठता है कि आखिर कब तक नौनिहाल झोपड़ी में पढ़ने को विवश होंगे। यदि जमीन दान में नहीं मिल रही है तो फिर इसका विकल्प तो अब तक निकल जाना चाहिए। जब केंद्र के पास अपना भवन ही नहीं है तो इसमें कार्यरत सेविका-सहायिका विभागीय नियमों का कितना पालन करती होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। ----------------------------------- शहरी क्षेत्र में भी हालत खराब ग्रामीण क्षेत्र की बात कौन कहे जिले के शहरी क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल भी काफी दयनीय है। जिले में जो 2427 केंद्र संचालित हो रहे हैं उनमें से 181 केंद्र शहरी इलाके में अवस्थित है। इनमें से मात्र 14 केंद्रों को ही अपना भवन है। दिलचस्प बात है कि सदर प्रखंड के नगर परिषद क्षेत्र में अवस्थित जो 54 केंद्र संचालित हैं उनमें से एक भी केंद्र को अपना भवन नहीं है। त्रिवेणीगंज के शहरी क्षेत्र में संचालित 54 में से 8, पिपरा के 12 में से तीन, राघोपुर के 36 में से तीन केंद्र को ही अपना भवन है। ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित 2446 केंद्रों में से 570 केंद्र को ही अपना भवन है। --

सिमराही बाजार के रामनगर रोड स्थित प्रिया पॉली एंड इमरजेंसी केयर का उद्घाटन मुख्य अतिथि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान एवं शंकर झा बाबा ने फीता काट कर किया। प्रिया पॉली क्लिनिक के व्यवस्थापक सजल झा ने बताया कि  सिमराही बाजार में पहली बार भव्य तरीके के साथ प्रिया इमरजेंसी केयर, प्रिया पॉली क्लिनिक का उद्घाटन किया गया। जिसमें सभी प्रकार के मरीजों का इलाज किया जाएगा। इमरजेंसी मरीज का भी इलाज डॉ .नीरज कुमार के द्वारा किया जाएगा। इस क्लिनिक के खुलने से अब मरीजों को बाहर इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा। सभी सुविधाएं यहां मिलेंगी। मरीजों के लिए 24 घंटे इमरजेंसी की सेवा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि  डॉ. नीरज कुमार निरंतर पांच वर्ष तक अपना योगदान पटना के आईजीएमएस में भी दिए हैं। 4 फरवरी से सिमराही बाजार के रामनगर रोड में प्रिया पॉली इमरजेंसी क्लिनिक में सेवा बहाल होने के बाद क्षेत्र के मरीजों के इलाज में वो तत्पर रहेंगे।

सीएस के निर्देशानुसार प्रखंड मुख्यालय स्थित विभिन्न क्लीनिक व जांच घर की धाबा दल द्वारा जांच की गई। जहां जांच शुरू होते ही फर्जी क्लीनिक के संचालक क्लीनिक का बोर्ड हटाकर बंद कर फरार हो गए। जांच टीम में शामिल डा. अभिषेक कुमार सिन्हा, राजस्व अधिकारी रविकांत एवं पुलिस पदाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा विभिन्न नर्सिंग होम एवं जांच घर की जांच की गई। जहां कई अल्ट्रासाउंड, पैथोलाजी के अलावे अन्य क्लीनिक व जांच घर पर ताला लगा हुआ था। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि बाजार स्थित कुल 16 नर्सिंग होम व जांच घर की जांच की गई। बताया कि बंद क्लीनिक व जांच के संचालक द्वारा बोर्ड तक हटा दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जा रही है।

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

सुपौल के निर्मली स्थित एचडीएफसी बैंक के समीप लाल पैथलेब्स ऑथराइज्ड कलेक्शन सेंटर का शुभारंभ हुआ।जिसका उद्घाटन लैब संचालक के पूज्य पिता भरत साह और माता सुशीला देवी ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।इस दौरान पूजा अर्चना करते हुए वैदिक मंत्रोचारण भी किया गया।इस मौके पर निर्मली और मरौना प्रखंड क्षेत्र के गण्यमान व अन्य मौजूद रहे।उद्घाटन के बाद लैब का संचालक राजेश कुमार व सरोज कुमार ने बताया कि लैब में लोगो को बीमारी से संबंधित खून, यूरिन,ब्लड शुगर सहित अन्य की जांच किया जाएगा और सैंपल लेकर बाहर भेजा जाएगा।कहा कि मरीजों का जांच रिपोर्ट दरभंगा के डायग्नोस्टिक सेंटर से बनकर आएगा।

निर्मली(सुपौल) : नगर में अवैध तरीके से चल रहे नर्सिंग होम, क्लीनिक,जांच घर पैथोलैब सेंटर आदि पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम छापेमारी करने पहुंचा ।छापेमारी टीम में अनुमंडलीय अस्पताल निर्मली के उपाधीक्षक डॉक्टर शैलेंद्र प्रसाद यादव सहित कई चिकित्सक व अन्य शामिल थे।लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि छापेमारी दल के पहुंचने से पहले ही नगर में संचालित सभी फर्जी अस्पताल और जांच घर बंद पाए गए ।लिहाजा स्थानीय लोगों में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के मिली भगत से फर्जी अस्पताल व जांच घर संचालक अपना अस्पताल और जांच घर बंद कर भाग गया है। हालांकि लोगों का सवाल लाजमी है चुकी कहीं ना कहीं सवाल यह जरूर उठता है कि आखिर जांच टीम के पहुंचने से पहले ही नगर के सभी फर्जी अस्पताल और जांच घर बंद कैसे हो गए,कहीं ना कहीं या जांच का विषय बनता है। इधर छापेमारी टीम में शामिल अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर नगर में संचालित नर्सिंग होम,क्लिनिक अन्य का जांच करने हेतु छापेमारी किया गया लेकिन जांच टीम पहुंचने से पहले ही फर्जी तरीके से चल रहे नर्सिंग होम, क्लीनिक आदि के संचालक फरार हो गए। उन्होंने कहा कि मैं खुद इस बात को लेकर हैरान हूं कि छापेमारी अभियान अचानक शुरू किया फिर कैसे सभी फरार हो गया।उपाधीक्षक ने कहा कि नगर में कूल 36 नर्सिंग होम, क्लिनिक सहित जांच घर व अन्य संचालित है।जिसमे से मात्र 07 का निबंधन है,और बांकी से सभी अवैध है।वही कहा कि नगर में अवैध तरीके से संचालित सभी क्लीनिक,और जांच घरों को बंद करने हेतु नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस का अवहेलना करने वालों के खिलाफ अग्रतर की कारवाई की जाएगी।