जाम की शहर कहे जाने वाले त्रिवेणीगंज के लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। विडंबना यह है कि प्रतिदिन जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। बाजार के मध्य से गुजरने वाली 327 ई के अलावे शहर के अन्य मार्गों पर भी लोग जाम की समस्या से परेशान रहते हैं। एनएच 327 ई के किनारे दो पहिया व चार पहिया वाहनों को खड़ा करना जाम का प्रमुख कारण है। इसके बावजूद भी इस समस्या पर न तो नगर परिषद और न ही अनुमंडल प्रशासन ध्यान देना मुनासिब समझते हैं। जिससे जाम की समस्या और गंभीर होती जा रही है। शहर में न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही ट्रैफिक की। जिसके कारण बाजार के मध्य से गुजरने वाली एनएच 327 ई पर पुरानी बैंक चौक से लेकर दुर्गा मंदिर तक करीब घंटे भर जाम लगा रहा। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जाम की समस्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया।

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प्रतापगंज के सुखानगर पंचायत स्थित दिव्य ज्योति आवासीय संस्थान में ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के बैनर तले स्थापना दिवस के मौके पर सेवा कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न किया गया। इस मौके पर नि: सहाय व गरीबों के बीच कम्बल का भी वितरण किया गया।

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बिहार का चर्चित कांड डांसर सुभाष,इस मामले में पुलिस ने अंतिम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।जिसे पुलिस ने गुरुवार को न्यायिक हिरासत में भेजा है।न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी सुपौल के मरौना थाना क्षेत्र का चंदन यादव है। मालूम हो कि 03 मई 2023 को बिहार के सुपौल जिले के मरौना थाना क्षेत्र इलाके में डीजे पर डांस कर रहे डांसर को दूल्हे राजा का भाई सहित अन्य ने गोली मार मौत का नींद सुला दिया था।जिसके बाद घटना मीडिया की सुर्खियों में आते ही चर्चा का विषय बना था।हालंकि पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना के 24 घंटे के भीतर मुख्य आरोपी दूल्हे का भाई विपिन सहित एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया ।बाद में पुलिस ने घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों को भी धीरे धीरे गिरफ्तार कर लिया ।लेकिन घटना के एक आरोपी चंदन पुलिस से फरार चल रहा था।जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और गुरुवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।तो इस प्रकार सुपौल के मरौना पुलिस सुभाष को 09 महीने बाद इंसाफ दिलाने में सफलता हासिल कर लिया।

अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय आह्वान पर गुरुवार को शहर के डिग्री कालेज चौक पर धरना-प्रदर्शन किया गया। इसका नेतृत्व खेग्रामस और एक्टू के जिलाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने किया। धरना को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव जय नारायण यादव ने कहा कि मोदी सरकार जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलते हुए देश को अडानी अंबानी के हाथों बेच देना चाहती है। खेग्रामस के जिला सचिव जन्मजय राय ने कहा कि देश के खेत मजदूरों को साल में दो सौ दिन काम और 600 रुपये दैनिक मजदूरी, दो कमरे वाला पक्का मकान के साथ निश्शुल्क शिक्षा वे इलाज की व्यवस्था की जाय। एक्टू के जिला सचिव अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार तमाम गरीब हितैषी योजनाओं को खत्म करने की साजिश कर रही है। निर्माण श्रमिकों के निबंधन और योजना लाभ का भुगतान में भ्रष्टाचार चरम पर है। बिना घूस लिए जनता का कोई भी काम किसी भी कार्यालय में नहीं हो पा रहा है। देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हम तमाम मेहनतकश मजदूर किसानों, छात्र नौजवानों, अमन और इंसाफ पसंद लोगों से अपील करना चाहते हैं कि सभी लोग एकजुट होकर मोदी सरकार के खिलाफ सड़क से संसद तक आंदोलन तेज कर 2024 में सत्ताच्युत करने का काम करें। धरना सभा को किसान महासभा के जिलाध्यक्ष अच्छेलाल मेहता, खेग्रामस के जिला उपाध्यक्ष चंदा देवी, मुस्लिम रहमान, मन्नान, गुणेश्वर मंडल, किसान नेता रामप्रसाद यादव, जयप्रकाश चौधरी, नवल किशोर मेहता, सुरेश मंडल आदि ने संबोधित किया। धरना-प्रदर्शन उपरांत राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया।

इस वर्ष धान खरीदारी मामले में सुपौल शुरू से ही अपना दबदबा कायम किया हुआ है। इसका परिणाम रहा कि अब तक लक्ष्य का लगभग 80 फीसद धान की खरीदारी कर ली गई है। इस विपणन वर्ष जिले को 116135 एमटी धान खरीद का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इस लक्ष्य को 1 नवंबर से 15 फरवरी तक में पूरा किया जाना है। इसमें से विभाग ने विभिन्न समितियों के माध्यम से 92019.006 9 एमटी की खरीदारी कर ली है जो लक्ष्य का लगभग 80 फीसद है। धान खरीदारी को लेकर मिला लक्ष्य को अब जब विभाग प्राप्त करना चाहतक है तो शेष बचे दिनों में 1607 एमटी धान का क्रय प्रतिदिन करना होगा। उसमें भी तब जब जिले के अधिकांश किसान अपना धान या तो खुले बाजार में बेच चुके हैं या फिर सरकारी क्रय समिति के हाथों। फिलहाल जिले में धान खरीदारी की स्थिति कुछ इसी प्रकार की है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदारी के लिए निर्धारित की गई अंतिम तिथि में महज 14 दिन का समय शेष रह गया है। इस तरह यदि विभाग सरकार द्वारा लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है तो शेष बचे दिनों में लक्ष्य का 20 फीसद धान की खरीद करनी होगी। दरअसल इस वर्ष धान खरीदारी मामले में विभाग शुरुआती दिनों से ही सजग रहा है। जहां विभाग निर्धारित समय से धान की खरीदारी शुरू कर दी वहीं किसानों ने भी पैक्सों के हाथों धान खरीदने में रुचि ली। हालांकि शुरुआती एक माह तक भुगतान प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होने के कारण किसानों से खरीदे गए धान का भुगतान लंबित रहा। इधर धान का बाजार भाव भी एमएसपी के करीब पहुंच गया। बावजूद जिले के किसानों ने समितियां के हाथों धान बेचने में दिलचस्पी दिखाई। परिणाम रहा कि धान खरीदारी मामले में जिला लगातार सूबे में अपना दबदबा कायम रखा। सरकार द्वारा की गई धान अधिप्राप्ति की व्यवस्था के प्रति किसानों का रुझान का पता इससे चलता है कि इस बार जिले के 25765 किसानों ने निबंधन कराया। आवेदन में से 12969 किसानों से धान की खरीदारी संभव हो पाई है। दरअसल पिछले कुछ वर्षों से जिले में धान खरीदारी के प्रति विभाग सजग दिख रहा है। इससे पहले जब किसानों की फसल उनके खलिहान में होती थी तो उस समय धान खरीदारी की सुगबुगाहट तक नहीं होती थी। जबकि उस समय किसानों के पास रबी की बोआई के लिए पैसे की दरकार होती है। इसके अलावा साहूकारों का तगादा या फिर बच्चों की पढ़ाई उन्हें खुले बाजार में उन्हें औने-पौने दाम पर धान बेचने की मजबूरी होती थी। स्थिति ऐसी होती थी कि जब छोटे और मझौले किसान अपना धान बेच चुके होते थे तो विभाग की सुगबुगाहट ही शुरू होती थी। परिणाम होता था कि जिले को मिला लक्ष्य बड़ा दिखने लगता था। परंतु इस बार सब कुछ समय से शुरू होने के कारण सरकार के इस योजना का फायदा जिले के किसानों को हुआ है तथा जिला लगभग लक्ष्य के करीब है। सरकारी दरों पर धान खरीद करने को लेकर विभाग की ओर से जिला को लक्ष्य निर्धारित किया जाता है जो लक्ष्य फसल के क्रॉप कटिंग के आधार पर होता है। क्रॉप कटिंग के कर विभाग पहले जिले में हुए पैदावार का आकलन करता है, जिसके बाद कुल उपज का 40 फीसद उत्पादन को विक्रय की सूची में रखकर जिला को लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। इसी आधार पर इस वर्ष जिला को 116135 एमटी धान का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आदित्य नारायण राय ने बसंतपुर ई किसान भवन में विभागीय कर्मियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद जिला कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कुंदन कुमार, प्रखंड कृषि समन्वयक धर्मेन्द्र कुमार एवं राजीव रंजन के साथ बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र के हृदयनगर, सीतापुर, रानीपट्टी के किसानों की जमीन पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि कृषि विभाग के सचिव के द्वारा हाल के दिनों में बसंतपुर को अलग प्रकार की खेती जैसे चाय, अनानास, नींबू आदि की खेती के लिए प्रोत्साहित किये जाने की बात कही गई थी। इसी खेती के तहत संयुक्त निदेशक का दौरा बसंतपुर प्रखंड में हुआ था। उन्होंने क्षेत्र के प्रगतिशील किसान श्रीलाल गोठिया, भिखारी मेहता, अभय कुमार सिंह, महेंद्र मेहता, नारायण भिंडवार आदि किसानों के खेतों पर जाकर खेती की जानकारी ली और योजनाओं की जानकारी दी। इसी क्रम में सहायक निदेशक उद्यान द्वारा इच्छुक व नवाचार में अभिरुचि लेने वाले किसानों के साथ ई- किसान भवन बसंतपुर में बैठक भी की गई। जिसमें चाय की खेती की संभावना और विभागीय सहयोग, अनुदान, तकनीक, समस्या और समाधान पर विशेष चर्चा की गई। इस क्रम में प्रगतिशील किसानों से सुझाव भी प्राप्त किया गया।

सीएस के निर्देशानुसार प्रखंड मुख्यालय स्थित विभिन्न क्लीनिक व जांच घर की धाबा दल द्वारा जांच की गई। जहां जांच शुरू होते ही फर्जी क्लीनिक के संचालक क्लीनिक का बोर्ड हटाकर बंद कर फरार हो गए। जांच टीम में शामिल डा. अभिषेक कुमार सिन्हा, राजस्व अधिकारी रविकांत एवं पुलिस पदाधिकारी धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा विभिन्न नर्सिंग होम एवं जांच घर की जांच की गई। जहां कई अल्ट्रासाउंड, पैथोलाजी के अलावे अन्य क्लीनिक व जांच घर पर ताला लगा हुआ था। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि बाजार स्थित कुल 16 नर्सिंग होम व जांच घर की जांच की गई। बताया कि बंद क्लीनिक व जांच के संचालक द्वारा बोर्ड तक हटा दिया गया था। जिसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जा रही है।

बीएनएमयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में 30 जनवरी, 2024 (मंगलवार) को पूर्वाह्न 11:45 बजे से सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कुलपति ने कहा कि राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से दिए गए निदेशों का ससमय अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों की प्रोन्नति की प्रक्रिया तेज करने के निदेश दिए।