सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। श्रोताओं की क्या राय है, चलिए सुनते हैं। इस बारे में बचपन मनाओ... सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

बिहार राज्य के पश्चिम चम्पारण जिला से हमारी एक श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से एक लोरी प्रस्तुत कर रही है

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

मसवास पंचायत से सभी को नमस्कार , खबर आई है कि फाइलेरिया की जो दवा खिलाई जा रही है उससे बच्चों एवं लोगों के स्वास्थ्य बहुत खराब हो रहा है । इस समस्या का समाधान हो या उसके लक्षण बताए जाने चाहिए क्योंकि माता - पिता बहुत चिंतित हैं और अस्पताल में बहुत सारे बच्चे बीमार पड़े हैं ।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.

जैसा की आपको पता है की बच्चों के पेट में होने वाले कृमि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेशभर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान चलाये जा रहे है जिससे बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे। हर साल 10 फरवरी को भारत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाता है।इस दिन सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो पर एवं सभी प्राथमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 1 से 14 वर्ष तक के बच्चों में कीड़ों के असर को खत्म करने की दवा खिलायी जाती है। देश भर में बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। दोस्तों हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी कृमि रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक खास थीम बनाई गयी है.,इस साल यानी 2024 की थीम है “एसटीएच हटाएं: बच्चों के स्वस्थ भविष्य में निवेश करें”। यह थीम देश को कृमि मुक्त कैसे करें,यह समझने में मदद करने के लिए बनायीं गई है। कृमि रोग बच्चों में होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चो के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। इसलिए आइये हम सब मिलकर एक संकल्प ले और इस अभियान का हिस्सा बन कर देश को कृमि मुक्त बनाये और बच्चों के भविष्य को सुंदर बनाये और सुरक्षित करें। मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

दोस्तों, 7 फरवरी आ चुकी है और आज हम मना रहे हैं वर्ल्ड रीड अलाउड डे... और हमारे पास पहुंच चुकी हैं आपकी बहुत सारी कहानियां... सुंदर-सुंदर कविताएं और किस्से भी... तो चलिए फिर आपकी रिकॉर्ड की गई कुछ अच्छी कहानियों और किस्सों को यहां सुनाते हैं. इस खास दिन पर आप भी बच्चों को कहनियां पढकर सुनाएं और उन्हें भी कहानियां सुनाने और रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित करें. अपनी कविता, कहानियां रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.