मेरा नाम मोनी देवी लाल मोनी देवी है एक लकड़ी बनाने वाली मारिया ब्लॉक है स्का हट्या सुजा भवानी कुरभुला पटनीचंद प्राराम देती है मेरा ट्रबल है मारा बाल बच्चा को रफ्फान मिला ही नहीं रफ्फान मिला है ना मौसम आती है अभी बीज पैसा नहीं मिला है दे पा जरी है चारजा रुपया आते है अकाउंट में बस हुई है । हम इंदिरा दास को लेते हैं , बच्चों को बताते हैं कि उनके तीन , तीन , पांच बच्चे हैं , उन्हें भी कोई लाभ नहीं मिला है , हम नौकरी में रहते हैं , किसान भी किसान है , उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है , उन्हें कोई पैसा नहीं मिला है , मैंने दो हजार रुपये खर्च किए हैं । अभी मत आओ , इसे अपने पास रखो , यही मरने की कुंजी है । ये बदाल दिया मां वा बदाल दिया आगवान ले लिए तो कहां ये जाओ बातें मो मैं हाला ये जाओ बातें धरम ले सबूह मारा । हम कीड़े में पैसे उठाते हैं और अपनी खुद की दुकान चलाते हैं , नौ सा माफ है विधवा है और मारा कोई देखने वाला तो नहीं राशन मिल्ता है पीला वाला कार्ड है मिल्ता है राशन बीस किलो चावल , सात किलो गहू , चेरी वाला मिल्ता है । पैसा नहीं लगता है जो बेटा है उसका बहू भी है तिल बाल बचा दिया है उसका राशन नहीं मिलता है बच्चे के आधार राशन कार्ड में नाम था तो काट भी गया है राजेश का नाम है उसका बहू है तिल बाल बचा दिया है ।