महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

गौनाहा ,मटिआरिया ,मनरेगा के तहत नहीं मिला है वेतन

गौनाहा ,बड़हवा ग्राम,नरेगा में काम करने पर तनख्वा नहीं मिल रहा है।

Transcript Unavailable.

नमस्कार थरोवत मोबाइल बारी आप सभी का स्वागत है । मैं विमलेश का जी थरोवत मोबाइल बारी हूं जो गवनहा से गवनहा ब्लॉक तक बैठा हूं । सांडी पंचायत में दो साल पहले मनरेगा के तहत मजदूरों द्वारा काम किया जा चुका है , लेकिन उन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है । मजदूरों की मजदूरी का भुगतान एक सप्ताह के भीतर करना होता है । आओ , हमारे साथ कुछ मजदूर हैं । चलो उनसे बात करते हैं । हां , घर की तकाना मणिर मिया । हमारी या पंचायत दर्शंडी मजदूर मनरेगा में मजदूरी होगा हाँ कहो दूस साल पहले अच्छा तो वैसे अभी नहीं से मिला नहीं से मिला है अभी हाँ सारा जब कटवा कीना बा कहाँ बा जब का गीला रंग है अच्छा आप तक वदर राख ले बड़े ये मजदूरी अभी नहीं सा लोग देना है ये नहीं सैमी कितना दिन काम के लिए बड़े सर एक दिन की मजदूरी लिखें , इस प्रकार सात दिन एक मजदूरी से काम किया गया है , लेकिन उनकी मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है । इसके लिए मैं मोबाइल फोन के माध्यम से ब्लॉक के मनरेगा पीओ और मुखिया से बात करूंगा ।

हम खरोटोला पंचायत की बात नहीं कर रहे हैं । आज , तनाज अबना सदर पोर सी जमुनियां अब इसके जुनून का केंद्र नहीं रहा है , न ही विदा के बाद से इसकी दो पीढ़ियाँ हुई हैं ।

जब मेरा जीवन समाप्त हो गया , तो मुझे दूसरा टीचू नहीं मिला , न ही मैंने अपनी किटी पर आग देखी , अगर मुझे याद है , तो मैं एक लड़की को अपने से पहले ले गया होता ।

हमारा माला देवी नाम हमारा पिप्ती का पैसा मिला ना हमने कहा इंदिरा आवास ना बिला हमने कहा गरीब आदमी बानी हमनखाई का मैनी बन से हमने कहा पुराना राजकुमार राज तक ली ना मिलो ना कुछ ना काटा ।

इक्कसठ साल होने के बाद भी नही मिल रहा है पेन्शन