उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से उर्मिला से साक्षात्कार लिया। उर्मिला ने बताया कि पैतृक संपत्ति में महलाओं को भी हिस्सा मिलना चाहिए। माता और पिता के लिए बेटा और बेटी सब बराबर है। अगर बेटे नहीं है तो मायके में बेटियों के हिस्सा बनता है।
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से परशुराम से साक्षात्कार लिया। परशुराम ने बताया कि महिलाओं संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। इससे भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक हरिश्चंद्र से साक्षात्कार लिया। हरिश्चंद्र ने बताया कि कुछ हद तक महिलाओं को अधिकार दिया जाना चाहिए जैसे पढ़ने का अधिकार और नौकरी का अधिकार। संपत्ति का अधिकार अगर बेटियों को दे दिया जाये , तो उससे बुराइयां फैलेगी। अगर बहन को जमीन में हिस्सा मिल गया तो उससे बेच भी सकती है और बेच कर के दूसरे जगह भी जा सकती है। इसमें भाई और बहन के रिश्तो के बीच दरार आ सकता है। संपत्ति में हिस्सा पाकर बहन या बेटी अपने भाई या परिजनो के आज्ञा के बगैर किसी के साथ रह भी सकती है
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कृष्णा सिंह से साक्षात्कार लिया। कृष्णा सिंह ने बताया कि महिलाओं को पैतृक सम्पत्ति में अधिकार सम्मानपूर्वक मिलना चाहिए। बेटा और बेटी का सम्पत्ति में बराबर का हक़ है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार प्राप्त करने के लिए उन्हें शिक्षित होना जरूरी है।क्योंकि बिना शिक्षा प्राप्त महिलाओं के लिए संपत्ति का अधिकार प्राप्त करना असंभव प्रतीत होता है।क्षेत्र के लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोग कहते हैं कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए और कुछ लोग कहते हैं कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अगर देखा जाए तो इसमें सबसे बड़ी बाधा आ रही है अशिक्षा ,जिसके कारण महिलाएं अपना अधिकार नहीं मांग पाती हैं। साथ ही उन्हें अपने अधिकार के बारे में जानकारी भी नहीं है जिसके वजह से विकाश कार्य ठण्डे बस्ते पर है
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। क्योंकि पैतृक संपत्ति मिलने से महिलायें आत्मनिर्भर बनती हैं। अगर बेटियां बेटों के बराबर हैं बेटों से कम नहीं हैं इसलिए बेटों को हिस्सा मिलना चाहिए। कहा जाता है कि बेटी और बेटों में कोई भेद भाव नहीं है तो बेटियों को भी संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम सेनम्रता शुक्ला से बातचीत की। बातचीत में नम्रता शुक्ला ने बताया कि महिला संपत्ति में हिस्सा तभी मिलना चाहिए जब बेटियों के ससुराल में कोई सुविधा ना रहे। साथ ही उनके कोई भाई ना हो और वे अपने माता पिता की सेवा करें उनका ध्यान दें। माँ बाप पढ़ाते लिखाते हैं और शादी विवाह कर देते हैं इसलिए बेटियों को ससुराल में हिस्सा मिलना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से अखिलेश त्रिपाठी से बातचीत की। बातचीत में अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि पिता की संपत्ति में बेटियों को हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। यदि पिता अपने बेटियों को सम्पत्ति में अधिकार देते हैं तो भाई बहन के रिश्ते में खटास हो जाएगा और लड़कियों का मायके और ससुराल में अनबन बना रहेगा। जिस प्रेम भाव के साथ वे रहती हैं वो खतम हो जाएगा। शादी हो जाने के बाद उनका अधिकार ससुराल में रहता है उनके पति के संपत्ति में ही उनका अधिकार रहता है। यदि उन्हें कोई दुःख मुसीबत होती है तो वे अपने भाई के घर में आके रह सकती हैं उनके भाई उनकी रक्षा करेंगे
