उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से केशी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अजय कुमार चौधरी से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार ना दिया जाए इससे भाई-बहन में दरार आ सकती है।इसलिए उन्हें सम्पत्ति का अधिकार ना दिया जाए
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से सरोज चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को भूमि का अधिकार नहीं मिल रहा क्यूंकि उनमे इसकी जागरूकता ही नहीं है ।लेकिन ग्रामीण उद्योगों में महिलाओं को भूमि और कृषि विभाग में शामिल करने , विस्तार सेवाओं और भंडारण सुविधाओं सहित भूमि और अन्य संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना। अनुभवी किसानों के लिए डेयरी और पशुपालन जैसी फसलों के लिए समर्पित नेटवर्क का आयोजन करना कृषि क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को पहचानते हुए युवा और महत्वाकांक्षी किसानों के साथ जुड़ने के लिए भारतीय महिलाओं को धन्यवाद।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बबिता मिश्रा से साक्षात्कार लिया। बबिता मिश्रा ने बताया कि बेटियों को संपत्ति में पूरा अधिकार मिलना चाहिए। समाज केवल बेटो को ही सारे अधिकार देता है, इसलिए बेटियों को भी भूमि में अधिकार मिलना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से उमाशंकर चौधरी से साक्षात्कार लिया। उमाशंकर चौधरी ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देना बुरा नहीं है। पिता के सभी संतान का उनके संपत्ति में बराबर का अधिकार है। शादी के बाद जब बहन अपने ससुराल जाती है और उसका पति लालची हो हुआ तो , इन शर्तों में कि उसे संपत्ति का अधिकार देना उचित नहीं है, इससे भाई और बहन के संबंध भी खराब हो सकते हैं। भाई बहन के बीच मनमुटाओ जानलेवा भी हो सकता है।इस स्थिति में उनके लिए संपत्ति का अधिकार देना उचित नहीं है
नमस्कार आदाब साथियों ,मोबाइल वाणी लेकर आया है रोजगार समाचार। सीआईएसएफ द्वारा कांस्टेबल/फायर के कुल 1130 पदों पर भर्ती निकाली गई है। न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 23 वर्ष के उम्र वाले वैसे पुरुष उम्मीदवार जिन्होंने साइंस विषय से 12वीं की कक्षा उत्तीर्ण किया हो ,वे इस पद के लिए आवेदन कर सकते है। आयु सीमा में छूट निर्धारित की गई है। उम्मीदवारों का चयन फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट ,फिजिकल स्टैण्डर्ड टेस्ट ,लिखित परीक्षा ,दस्तावेज़ जाँच प्रक्रिया व चिकित्सीय जाँच के आधार पर किया जाएगा। याद रखिए इस पद पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2024 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी। https://cisfrectt.cisf.gov.in/
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रामप्रकाश पाठक से साक्षात्कार लिया।रामप्रकाश पाठक ने बताया कि महिअलों को सम्पत्ति का अधिकार तभी देना चाहिए जब पिता का वारिस न हो। पत्या का वारिस है और बेटी की शादी हो गई है तब सम्पत्ति में बेटी को अधिकार देना उचित नही है। बेटी का ससुराल में अधिकार मिलना चाहिए। विवाहित महिला को पिता के माध्यम से नही , बल्कि पति के माध्यम से अधिकार मिलना चाहिए ।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा के अभाव में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिल रहा है। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसके लिए महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक है। जब तक महिलाओं को संपत्ति के बारे में जागरूक नहीं किया जाता है,तब तक महिलाएं पीछे रह जाएंगी। भले ही सरकार कहती है कि महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं और महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी कई पिछड़े लोग हैं जो संपत्ति के अधिकार और अन्य अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रद्धा उपाध्याय से साक्षात्कार लिया। श्रद्धा उपाध्याय ने बताया कि बेटियों को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए। माता - पिता बेटी को पढ़ते हैं और उनकी शादी करते हैं। ससुराल में अगर कोई दिक्कत होगी तो, भूमि में अधिकार होने से हिम्मत मिलेगा एवं जीवन में कुछ कर पाएंगी। साथ ही माता - पिता के बुढ़ापे में उनकी सेवा और देखभाल भी कर पाएंगी
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से पप्पू अग्यारी से बातचीत कर रहे। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं का संपत्ति का अधिकार वर्तमान में जैसे चल रहा है कि जब तक शादीशुदा नहीं होते हैं तब तक उनका भाइयों के साथ बराबर का हक होता है वह सही है लेकिन शादी होने के बाद जैसे चल रहा है कि शादी होने के बाद उसका अधिकार खत्म हो जाता है। इसी तरह से यह सही है। अगर इसके विपरीत किया जाता है शादी के बाद भी अधिकार रहे यह बात गलत है। जिसके पास भाई नहीं हैं उनका तो अधिकार है ही शादी के पहले भी और शादी के बाद भी लेकिन जिनके पास भाई है उनका अधिकार शादी से पहले मायके में होता है शादी के बाद जब वह अपने घर चली जाती है, तो पति के घर की मालकिन हो जाएगी यहां की संपत्ति में पति का अधिकार नहीं है।जो कानून चल रहा सरकार के तरफ से वो सही है।उनका कहना है जब विवाह के बाद ही महिला अधिकार जताती है , तो भाई-बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगी स्वाभाविक रूप से। कि वे वहां भी अधिकारी हो यहां भी अधिकारी हों तो रिश्ते में दरार आएगा ही।एक दिन ऐसा आएगा कि कोई भी एक-दूसरे को देखना पसंद नहीं करेगा। झगड़ा कर बैठेगा रोड पे जहां तहाँ।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय मोबाइल वाणी के माध्यम से सरिता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि अगर लड़की का भाई नहीं है तो उन्हें पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है और अगर उनके है तो पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिल सकता है। जहाँ उनका शादी होगा वही उनको हिस्सा मिलेगा। जब तक बेटी की शादी नहीं हो जाती तब तक माता पिता उनकी सेवा करते ही है। लड़की की शादी में भी दान दहेज़ देना पड़ता है।