उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आमतौर पर बेटियों को पिता की सम्पत्ति में अधिकार मिलता है। मगर कुछ मामलों में बेटी को पिता की सम्पत्ति में हिस्सा नही मिल सकता है। यदि पिता ने अपनी इच्छा से अपनी अर्जित की हुई सम्पत्ति बेटों के नाम कर दिया है तो इस परिस्थिति में बेटी को उस सम्पत्ति में अधिकार नही मिल सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि महिला समाज अभी भी अपने अधिकारों की लड़ाई में पीछे है क्योंकि उन्हें अभी तक शिक्षा का ज्ञान नहीं है। यह अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है कि वे संपत्ति के अधिकार से लाभान्वित होंगे या उन्हें हानि होगा। पुरुष वर्ग का कहना है कि जब महिलाओं को संपत्ति का अधिकार पहले से नहीं दिया गया तो उन्हें अब क्यों दिया जाये। अगर पुरुष वर्ग महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के लिए सामने नहीं आएगा , तो महिलाएं पीछे रह जाएंगी। महिलाओं को अधिकार सिर्फ कागजों में दिया जा रहा है। सरकार को महिलाओं को पहले शिक्षित करना होगा, छोटे गाँवों और कस्बों में ऐसे स्कूल होने चाहिए जिनमें महिलाओं को उच्च स्तर तक प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा मिल सके। तभी महिलायें जागरूक हो सकेंगी और आगे बढ़ेंगी
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज के आधुनिक युग में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलना महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज महिलाओं और पुरुषों को समान दृष्टि से देखा जा रहा है जितना शिक्षा और नौकरियों में पुरुष हैं,महिला भी तो महिलाओं के लिए संपत्ति पर समान अधिकार होना आवश्यक है। इसके लिए महिलाओं को आगे आना चाहिए और अपनी बेटियों को अपने अधिकारों के बारे में सिखाना चाहिए। आजकल देखा जाता है कि महिलाएं अनपढ़ हैं, निरक्षरता के कारण उन्हें समाज में आने वाली विभिन्न प्रकार की जानकारी नहीं मिल पा रही है, हालांकि अब कुछ महिलाओं को गूगल के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारी मिलती है\ कौन सा नियम है कि कौन सा कानून कहाँ है, लेकिन अगर जागरूकता होती तो वे खुद इसके बारे में जानती। उन्हें अपने अधिकारों की लड़ाई में आत्मनिर्भर बनना चाहिए और संपत्ति का अधिकार प्राप्त करें। जब तक महिला आत्मनिर्भर नहीं होंगी देश पूरी तरह से विकसित नहीं हो सकता।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि हमारे देश में तमाम ऐसी ग्राम सभाओं में महिलाएं प्रमुख होती हैं, लेकिन उन्हें पीछे कर दिया जाता है। सारा काम उनके पति करते हैं। महिलाएं ज्यादातर ब्लॉक या गांव में नहीं देखी जाती हैं। न ही बैठकों में उन्हें देखा जाता है। जहां भी ग्राम सभा की खुली बैठक होती है वहां , कभी-कभी वे बुलाते हैं। जबकि महिलाओं का ही अधिकार होना चाहिए, जब उन्हें प्रधान या मुखिया बनाया गया है, तो उन्हें ही ग्राम सभा में भेजा जाना चाहिए। महिलाओं को जब तक जानकारियां नहीं होती है, तब तक महिलाएं पीछे ही रहती है। अगर महिलाओं को ग्राम सभा स्तर पर, समाज के बीच में भेजा जा रहा है, तो इसका महिलाओं पर बहुत प्रभाव पड़ता है। क्योंकि महिलाएं ही महिलाएं जुड़ती हैं।अधिक महिलाओं को ग्राम सभाओं में भेजा जाना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि हमारे देश में नारी शक्ति की पूजा की जाती है। लेकिन हमारे देश में लोग स्त्रियों को उनके हक़ दिलाने में पीछ रह जाती है। जबकि नारियों को उनका हक़ मिलना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि पैतृक संपत्ति के अधिकार को लेकर क्षेत्र के लोगो की अलग अलग राय आ रही है। कुछ लोगो का मानना है की महिलाओ को पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया जाये तो कुछ का मानना है की उन्हें अधिकार नहीं दिया जाये। अगर महिलाएं विधवा हो जाती हैं तो उन्हें अधिकार जरूर मिलने चाहिए। अधिकतर महिलायें शिक्षा के अभाव के कारण अपने घरो से बाहर नहीं निकलती है। महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना ही चाहिए लेकिन कुछ लोग का मानना है की उन्हें अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को सम्पत्ति में अधिकार देना चाहिए या नही इस विषय पर क्षेत्र के लोगों की राय अलग - अलग है। कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा होने से महिलाएं सशक्त होंगी। वहीं कुछ लोगों के अनुसार ऐसा होने से भाई - बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगा। बहन - बेटी की शादी में दहेज़ देने में भी परिवार को दिक्कत होगी। महिला -पुरुष को बराबरी का अधिकार दिलवाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। मगर यह प्रयास कितना सफल होगा यह वक्त बताएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटियों को पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए।सम्पत्ति पर दावे,अधिकार और प्रावधानों के लिए एक कानून 1956 में बनाया गया था। इस कानून के अनुसार बेटी का पिता की संपत्ति पर उतना ही अधिकार है जितना बेटे का अधिकार होता है।हिंदू सक्सेशन ऐक्ट, 1956 में साल 2005 में एक संशोधन कर बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के बराबर हक का कानूनी अधिकार दिया गया है
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