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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए बहुत सारे योजनाएं लेकर चल रही है और तमाम महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं के साथ छेड़ छाड़ करने वालो के खिलाफ योगी जी तुरंत कार्यवाही करते है, सरकार इस पर विशेष ध्यान दे रही है। महिलाओं को शिक्षा के आभाव से निकलना होगा और आगे बढ़ना होगा। महिलाओं और बच्चो को शिक्षा से जोड़ना होगा और उस पर विशेष ध्यान देना होगा , तभी समाज का विकास हो पायेगा
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाएं शिक्षा से वंचित हैं और जब तक वे शिक्षित नहीं होंगी वो आगे नहीं बढ़ेंगी। क्योंकि महिलाओं को अधिक देखा जा रहा है, तब तक महिलाएं जो भी काम कर सकती हैं, कर रही हैं। महिलाओं को अधिक देखा जा रहा है सरकारी विभागों में काम कर रही है और स्कूलों में शिक्षक के रूप में अपना जीवन यापन कर रही है। महिलाओं को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है।जब महिलायें शिक्षित होंगी तभी महिलाएँ काम कर सकती हैं, चाहे वे निजी स्कूल में हों या नर्सरी मे कार्य करके अपना जीवन यापन कर सकती है। ज्यादातर महिलाएं घर से बाहर नहीं जाना चाहती हैं, केवल खेतों में काम करना चाहती हैं और ज्यादातर महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती हैं। महिलाओं को हर तरह के कार्य करते देखा गया है। महिलाओं और बच्चियों को शिक्षा से जोड़ने की जरूरत है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राजीव की डायरी हमें बहुत पसंद है क्योंकि राजीव जी महिलाओं को जागरूक करने के लिए ऐसा उद्देश्य देते हैं की महिलाएं जागरूक होती है, क्योंकि अधिकांश ग्राम सभाओं में महिलाएं ग्राम सभा की मालिक होती हैं, लेकिन मालिक होने के बाद भी पुरुष ही अधिक काम देखते है। महिलाओं को ब्लॉक स्तर तक भी नहीं भेजा जाता है और कभी नहीं देखा गया है। महिलाओं को घरो से बाहर निकलना चाहिए और सरकारी योजनाओ को जानना चाहिए। महिलाओं को पुरुषो के दबाओ में नहीं आना चाहिए। महिलाओं को ब्लॉक स्तर तक निकलना चाहिए और आगे बढ़ाना चाहिए
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि राजीव जी की डायरी बहुत अच्छी लगती है क्योंकि उन्होंने महिलाओं को जागरूक करने के लिए बहुत अच्छी बातें कही है। महिलाएं जब तक शिक्षित नहीं होंगी तब तक वे पीछे रहेंगी क्योंकि उन्हें समाज में समानता का अधिकार नहीं मिलेगा, क्योंकि महिलाएं भी खेतों में काम करती हैं तो उनको घर से कोई लाभ नहीं मिलत है क्योंकि परिवार नहीं सोचता है। महिलाएं ज्यादातर सोचती हैं कि अगर वे दूसरों के खेतो में काम करती हैं, तो उन्हें पैसा मिलता है, जिससे वे अपने बच्चो का पालन पोषण कर सकती है और कुछ चीजें ऐसी हैं कि महिलाएं बहुत पीछे रह जाती हैं, घर से बाहर नहीं निकलना चाहती हैं और हमेशा दबाव में रहती हैं। पुरुषचाहते है की महिला बहुत कम बाहर निकले।अधिकतर देखा जा रहा है की उत्तर प्रदेश में ऐसे कई जिले हैं जैसे सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, महाराजगंज जहाँ की महिलाएं बहुत पिछड़ी हुई हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से सरोज चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भूमि के अधिकार को प्राप्त करने के लिए, हमारी कानूनी नीतियों को बदलना होगा ताकि महिलाओं के उत्तराधिकार कानून बन सकें। कानूनों में सुधार को ऐसी प्राथमिकता दी जाती है कि विरासत में महिलाओं का समान हिस्सा होना चाहिए। महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए, चाहे वे अपने पिता या पति की भूमि पर हों। महिलाओं को भूमि का अधिकार होना चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों के बारे में पूरी तरह से जागरूक हो सकें और सामाजिक धाराओं को बदल सकें।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से सरोज चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव किया जाता है। सामाजिक भेदभाव तब होता है जब, किसी व्यक्ति या लोगों के समूह को उनकी सामाजिक पहचान एवं अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। महिलाओं को कई प्रकार के शोषण का सामना करना पड़ता है। जैसे - लैंगिक भेदभाव, उत्पीड़न,शिक्षा की कमी , दहेज़ उत्पीड़न,इत्यादि ।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की लोग समानता का दावा करते हैं यह समाज में देखा गया है कि लोग महिलाओं और पुरुषों को समान नाम देते हैं कि महिलाओं और पुरुषों को समान रूप से शिक्षित किया जाता है। सभी सामान रूप से कार्य कर रहे है। लेकिन यह देखा गया है कि महिलाएं संपत्ति के अधिकार में बहुत पीछे हैं, महिलाओं को अधिकार नहीं मिलेगा तो महिलायें कैसे आत्मनिर्भर बनेंगी। सरकार शक्ति मिशन के तहत महिलाओं को समान दर्जा देने की बात करती है, लेकिन जब संपत्ति के अधिकारों की बात आती है तो पुरुष वर्ग पीछे हटकर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं देने की बात करते हैं। सोचा जाये तो अगर महिलाओं को संपत्ति का समान अधिकार नहीं दिया जाएगा, तो महिलाएं कैसे आत्मनिर्भर होंगी और समानता की दर कैसे बढ़ेगी।इसपर सभी को चिंतन करने की जरुरत है।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं का सम्पत्ति के अधिकार पर कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं समाज से मिल रही है।कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार दिया जाए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार नही मिलना चाहिए। सरकार जब महिलाओं को समानता का अधिकार दे रही है फिर सम्पत्ति का अधिकार उन्हें नहीं दिया जाता है, तो उन्हें समानता का भी अधिकार नहीं दिया जा रहा है। शक्ति मिशन के तहत महिलाओं को जागरूक किया जाता है लेकिन जागरूकता केवल सीमित समय के लिए रह गया है। इसका कारण यह है कि महिलाओं के बीच शिक्षा अभी भी पर्याप्त नहीं है। अब तक, महिलाएं इतनी जागरूक नहीं हो पाई हैं जिसके कारण उन्हें अपने अधिकारों की मांग करने का अधिकार सही रूप से नहीं मिल रहा है। सरकार को भी कड़ा रुख अपनाना चाहिए, जिससे महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए और महिलाओं को भी संपत्ति का अधिकार उसी तरह दिया जाना चाहिए जैसे महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नौकरी कर रही है उसी प्रकार उन्हें भूमि का भी अधिकार मिलना चाहिए
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