किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें
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दरौदा प्रखंड के सिरसव नया टोला में माले कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित किया गया जिसको संबोधित करते हुए पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने कहा कि सावन रामगढ़ की टोला में महिलाओं ने कहा कि हम लोगों के साथ हमेशा बदतमीजी छेड़छाड़ बकरी खेत में ले जाने पर मारपीट सारकरी फील्ड में खेलने पर बच्चों के साथ मारपीट कम कर कर मजदूरी नहीं देना मजदूरी मांगने पर मारपीट करना सामना गांव की आम बात है
बिहार के सिवान जिला से सदर की रिपोर्ट: साक्षमता परीक्षा के विरोध मशाल जुलूस में शामिल शिक्षक नेता का डीपीओ ने रोका वेतन
इंटख के प्रदेश संयुक्त महासचिव अखिलेश पांडे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मजदूरों की कई प्रकार के लाभ मिलते हैं लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण हुए लाभ नहीं उठा पाते हैं तथा इसे वंचित रह जाते हैं उन्होंने कहा कि इंटक द्वारा लगातार इसके संबंध में मजदूरों को जागरूक किया जा रहा है तथा उनके लाभ के प्रति बताया जा रहा है
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार बीस तीन सालों में दुनिया के पांच बड़े व्यापारियों की संपत्ति में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिस समय इन अमीरों की दौलत में इजाफा हो रहा था, ठीक उसी समय पांच मिलियन लोग गरीब से और ज्यादा गरीब हो रहे थे। इससे ज्यादा मजे की बात यह है कि हाल ही में दावोस में हुई वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में शीर्ष पांच उद्योगपतियों ने एक नई रणनीति पर चर्चा और गठबंधन किया।
सिवान जिले के आंदर नगर पंचायत के सफाई कर्मियो ने बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ (एक्टू) के राज्य सचिव अमित कुमार गोंड के नेतृत्व बुधवार को आक्रोश मार्च निकाला. आक्रोश मार्च नगर पंचायत के विभिन्न मार्ग होते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचा जहां अमित कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुवे बताया की करोना काल में सफाई कर्मियो ने अपनी जान का परवाह किए बिना पूरे समाज की गंदगी को साफ करने का कार्य किया उसी सफाई कर्मियो का 2 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है जबकि सरकार का गाइड लाइन(श्रम संसाधन) है की 400 रुपया से कम किसी अकुशल कर्मी को नहीं देना है उसके बावजूद भी यहां का ठेकेदार और चेयरमैन मिल के सफाई कर्मियो के वेतन से दलाली कर रहे है. और 12 हजार में से काट के 7000 हजार रुपिया दे रहे है और जब कर्मी इसका विरोध कर रहे है तो उनको यहां के स्थानीय चेयरमैन के द्वारा मारने पीटने और उनको कार्य से निकालने की धमकी दिया जा रहा है.
सिवान: शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर विद्यालय की जांच में लापरवाही बरतने पर सिवान के 14 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है। साथ ही 30 कर्मियों के वेतन निकासी पर भी रोक लगा दी गई है। बता दें कि शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके ने बीते सप्ताह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रत्येक विद्यालयों की जांच का निर्देश दिया था। निर्देश देने के बाद भी जिले के 14 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने अपने कार्य में लापरवाही बरती। जिसको लेकर शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने तत्काल प्रभाव से इन सभी 14 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने कहा कि 15 दिन के अंदर सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कम से कम 10 विद्यालय की जांच कर उसकी रिपोर्ट जिला शिक्षा विभाग में जमा करना था। उसके बाद भी सिसवन, बसंतपुर, दरौंदा, हसनपुरा समेत14 शिक्षा पदाधिकारी ने कार्य में लापरवाह और विद्यालयों में जांच नहीं की।
दोस्तों, दुनिया भर में काम के घंटे घटाए जाने की मांग बढ़ जा रही है, दूसरी तरफ भारत काम के घंटों को बढ़ाए जाने की सलाह दी जा रही है। भारत में ज्यादातर संस्थान छ दिन काम के आधार पर चलते हैं, जिनमें औसतन 8-9 घंटे काम होता है, उस हिसाब से यहां औसतन पैंतालिस घंटे काम किया जाता है। जबकि दुनिया की बाकी देशों में काम के घंटे कम हैं, युरोपीय देशों में फ्रांस में औसतन 35 घंटे काम किया जाता है, ऑस्ट्रेलिया में 38 घंटे औसतन साढ़े सात घंटे काम किया जाता है, अमेरिका में 40 घंटे, ब्रिटेन में 48 घंटे और सबसे कम नीदरलैंड में 29 घंटे काम किया जाता है। दोस्तों, बढ़े हुए काम घंटों की सलाह देना आखिर किस सोच को बताता है, जबकि कर्मचारियों के काम से बढ़े कंपनी के मुनाफे में उसका हक न के बराबर या फिर बिल्कुल नहीं है? ऐसे में हर बात पर देशहित को लाना और उसके नाम पर ज्यादा काम की सलाह देना कितना वाजिब है? इस मसले पर अपना राय को मोबाईल वाणी पर रिकॉर्ड करें और बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, आप भले ही मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में, इसे रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन
सिवान जिला मुख्यालय के गोपालगंज मोड़ स्थित अंबेडकर पार्क पर शनिवार को ग्राम रक्षा दल संघ के आह्वान पर पुलिस मित्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे पुलिस मित्रों का कहना था कि हम सभी लोगों ने 12 साल तक सरकार की योजना ग्राम रक्षा दल के रूप में काम किया। लेकिन यह सरकार हम सभी को आज तक नियमित वेतनमान के रूप में नहीं रखी। ग्राम रक्षा दल संघ के सदस्यों ने मांग किया कि सरकार उन्हें नियमित करें, उनको सरकारी वेतनमान दिया जाएं। इसके साथ ही सरकारी कर्मियों को मिलने वाला लाभ भी उनको दिया जाएं।