दोस्तों 5 सितंबर भारतीय कैलेंडर में एक स्मारक दिवस है, जो एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है । इस दिन शिक्षकों द्वारा की गई उन सभी अथक सेवाओं को याद किया जाता है जो युवा भावी पीढ़ियों के दिमाग को आकार देती हैं। तो आइये साथियों आज के दिन हम और आप सभी मिलकर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए कोटि कोटि धन्यवाद कहें। और साथ ही समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।

ऑक्सफोर्ड पब्लिक एकेडमी गोसाईडीह में धूमधाम से मनाया गया 17 वा वार्षिकोत्सव। हंटरगंज प्रखंड के गोसाई डी गांव स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक एकेडमी मैं शुक्रवार को 17वां वर्षगांठ धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुभारंभ बैंक ऑफ़ इंडिया गोसाईडीह के मैनेजर एवं सांसद भावी प्रत्याशी आशुतोष कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष सेवानिवृत शिक्षक द्वारका प्रसाद वह संचालन स्वाति कुमारी के द्वारा किया गया, वशिष्ठ अतिथि में गुरुकुल एवं सेक्रेड हार्ट के डायरेक्टर एवम प्रिंसिपल पप्पू कुमार गौतम सूर्यभूषण कुमार उर्फ गुड्डू उपस्थित थे। बच्चों के द्वारा संस्कृत कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया बच्चों के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वृद्धा आश्रम एवं सोशल मीडिया के गलत प्रयोग के प्रभाव पर बहुत ही सुंदर नाटक का मंचन किया गया। बच्चे नृत्य एवं भाषण का प्रतियोगिता में भाग लेकर चार चांद लगा दिया। सभी अभिभावकों एवं दर्शकों ने इस कार्यक्रम की बहुत ही प्रशंसा की। अच्छे करने वाले बच्चों को शील्ड एवं मैडल देकर सम्मानित किया गया विद्यालय के संस्थापक प्रधानाध्यापक आनंद कुमार सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा की विद्यालय 17 वर्ष पूरा करते हुए बहुत ही गौरांवित महसूस कर रहा है। विद्यालय परिवार इस सत्र में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए तकनीक प्रयोग के साथ शिक्षा देने की बात कही है। कार्यक्रम के सफल बनाने में शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का अहम भूमिका रहा

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

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2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

पत्थलगडा प्रखंड अंतर्गत नावाडीह पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय बाजोबार का हाल बदहाल है। यहाँ करीब 6 महिने से मात्र एक शिक्षक के भरोसे कक्षा एक से कक्षा पांच तक के बच्चे पढ़ रहे हैं। इन हलातो के कारण पत्थलगड़ा प्रखंड में भी सरकार की मनसा पर सवाल खड़े होने लगे हैं तथा यहाँ के ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लापरवाह बताते हुए नाराजगी जताई है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही शिक्षा विभाग के अधिकारी एक शिक्षक नियुक्त करे अन्यथा हम सभी आगे जाएंगे। उनलोगो ने बताया कि करीब 6 महीने से एक शिक्षक के भरोसे पर 75 से 80 बच्चो का भविष्य है। जिसके कारण पूरी तरह से बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारीयों की मनमानी की सजा यहाँ के सभी बच्चे भुगत रहे हैं। जबकी अधिकारियों को इस पर कोई ध्यान नहीं है। इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकी बच्चों के पढ़ाई से न हो खिलवाड़ और ना किया जाय खिलवाड़।

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