इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

झारखण्ड राज्य के छात्र जिला के पिपरवार से राजकुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, पिपरवार इलाके में कोल ट्रांसपोर्टेशन का रोड कॉलोनी के बीच से होकर गुजरता है,जिससे पूरे इलाके में धूल उड़ते रहता है, कुछ दिन से पानी छिड़काव नहीं करने के वजह से पुरे इलाके में धूल की समस्या हो गई है, जिससे लोग परेशान है।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिला के पिपरवार से राजकुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की, इन्होने दिनांक 25/01/2023 को मोबाइल वाणी पर एक समस्या रिकॉर्ड करवाया था। जिसमे उन्होंने बताया था की पिपरवार इलाके के ग्रामीण और कोल मजदूर धूल से परेशान थे, सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा था । जिसके बाद मोबाइल वाणी के संवाददाता राजकुमार ने इस खबर को सम्बंधित इंजीनियर और एसोसिएट को शेयर किया। सम्बंधित अधिकारी के द्वारा मामले को संज्ञान में लिया गया है और नियमित रूप से अब वहा पानी का छिड़काव किया जा रहा है । समस्या का समाधान होने से ग्रामीण बहुत खुश है और मोबाइल वाणी को धन्यवाद दे रहे है।

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दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।

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