मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया शहर के सरकारी गर्ल्स इंटर कॉलेज में वर्षगांठ समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें इस वर्ष हाई स्कूल और इंटर में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। चित्रकूट मोबाइल वाणी और आपके साथ मैं हूं कविता आइए समाचार सुनें सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों ने देशभक्ति और लोक गीत प्रस्तुत किए, जबकि इंटरमीडिएट कला श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा श्रिया द्विवेदी ने दूसरा संगीत श्री किया। रागनी तिवारी प्रथम आंचल सिंह द्वितीय आंचल सिंह तृतीय मुस्कान सिंह को विज्ञान श्रेणी में सम्मानित किया गया। हाई स्कूल की छात्रा प्रांत आरती आस्था सौम्या मिश्रा को भी सम्मानित किया गया। प्राचार्य डॉ. गौरी देवी ने कहा कि जिन छात्रों ने वह समर्पण और भक्ति के साथ अध्ययन करती है और एक दिन उसे एक पुरस्कार मिलता है। इस अवसर पर शिक्षिका लक्ष्मी देवी ससीम, डॉक्टर दीपिका सविता यादव, मनीष यादव, रुचि यादव आदि उपस्थित थे। थैंक यू।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

भारत में शादी के मौकों पर लेन-देन यानी दहेज की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है. पहले यह वधू पक्ष की सहमति से उपहार के तौर पर दिया जाता था। लेकिन हाल के वर्षों में यह एक सौदा और शादी की अनिवार्य शर्त बन गया है। विश्व बैंक की अर्थशास्त्री एस अनुकृति, निशीथ प्रकाश और सुंगोह क्वोन की टीम ने 1960 से लेकर 2008 के दौरान ग्रामीण इलाके में हुई 40 हजार शादियों के अध्ययन में पाया कि 95 फीसदी शादियों में दहेज दिया गया. बावजूद इसके कि वर्ष 1961 से ही भारत में दहेज को गैर-कानूनी घोषित किया जा चुका है. यह शोध भारत के 17 राज्यों पर आधारित है. इसमें ग्रामीण भारत पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है जहां भारत की बहुसंख्यक आबादी रहती है.दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- दहेज प्रथा को लेकर आप क्या सोचते है ? और इसकी मुख्य वजह क्या है ? *----- समाज में दहेज़ प्रथा रोकने को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *----- और क्यों आज भी हमारे समाज में दहेज़ जैसी कुप्रथा मौजूद है ?

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सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।

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