साथियों कई बार हमारे जीवन में ऐसे मोड़ आ जाते है जहाँ हम खुद को बहुत परेशान और अकेला महसूस करते हैं और मन में बहुत बुरे-बुरे ख्याल आते हैं . कई बार सारी उम्मीदें ख़तम होने लगती है। ऐसे में किसी को सहारा देने के लिए आप के अनुसार हमें क्या करना चाहिए ? क्या आपने कभी किसी ऐसे स्थिति का सामना किया है ? अगर हाँ तो कैसे उभरे उस स्थिति से ?
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला के साउ घाट प्रखंड से विजय पाल चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते है कि मन में आत्महत्या का विचार आना क्या एक प्रकार का गंभीर संकेत होता है ?
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 45 वर्षीय ममता श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहती है कि आत्महानि क्या होता है ?लोग आत्महत्या करते है तो आत्महानि से आत्महत्या किस प्रकार से अलग है या दोनों सामान है ?
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से 45 वर्षीय विजय ,मोबाइल वाणी के माध्यम से एक महिला से बात कर रहे है। ये कहती है कि बार बार अगर आत्महत्या के विचार आते है तो यह महत्वपुर्ण है कि आप तुरंत मदद लें। आत्महत्या के विचार एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या के संकेत हो सकते है। और इसका इलाज किया जा सकता है।कई देशों में आत्महत्या हेल्पलाइन है जो चौबीस घंटे चलता है।इसमें बात कर के आप सुरक्षित रह सकते है।ध्यान करना ,योग करना ,गहरी सांस लेने से आत्महत्या के विचार को कम किया जा सकता है .
लक्ष्य को ध्यान में रखें और इसका मजाक उड़ाने की कोशिश करें । खंड मुख्यालय में स्थित चांदतामार प्रभात महिला महाविद्यालय , मकौली ने प्राथमिक बी . आर . सी . परिसर में राष्ट्रीय सेवा का आयोजन किया । आप देखो विशेष शेर में मुख्य अतिथि पत्रकार अफोक श्रीवास्तव ने कहा कि छात्रों को कक्षाओं में आते समय अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए । इसे केंद्र में रखने के प्रयासों से परिणाम मिलते हैं । आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बारे में उन्होंने कहा कि आत्महत्या करने या किसी भी समस्या को हल करने का कोई मतलब नहीं है । क्योंकि आपको अपने धैर्य का निर्माण करके कड़ी मेहनत करनी चाहिए , सफलता मिलना निश्चित है । आत्महत्या एक बड़ी कायरता है । आदमी को मजदूर बनना चाहिए । आर . सी . लोग लोग हैं । वे सच्चाई का त्याग करते हैं और समाज में ऐसा बनना चाहिए कि माता - पिता का नाम उज्ज्वल हो और उन्हें किसी भी काम के लिए झुकना न पड़े । प्रधानाध्यापक रमजान यादव ने भी छात्रों से मोबाइल का कम उपयोग करने के लिए कहा क्योंकि मोबाइल का उपयोग करना शैक्षिक होने की तुलना में अधिक विनाशकारी है ।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से सकीना बानू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि आत्महत्या का मूल कारण क्या है । विचार बहुत आम हो गए हैं , आधुनिक जीवन के अथक दबावों के कारण , कुछ लोगों को अपनी व्यक्तिगत स्थिति पूरी तरह से निराशाजनक लगती है । वे खुद को पूरी तरह से अंधेरे और निराशा में डूबे हुए पाते हैं । आशा बहुत दुर्लभ है । ऐसी चरम निराशा अवसाद है । और आत्महत्या के विचारों के कारणों में भौतिक संपत्ति , सामाजिक और पी . ई . डी . दबाव , या जीवन के हर क्षेत्र में , चाहे वह स्कूल , कार्यालय और घर हो , जमा करना और प्राप्त करना शामिल है । हमारे संबंधों में संघर्ष की समस्या , अकेलापन , मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति , मानसिक बीमारी , या हमारे आसपास के वातावरण में अचानक परिवर्तन । इस अर्थहीन मामले पर हमारे साथियों के लगातार चिढ़ाने के कारण , मेरे अपने प्रियजन , सज्जन की तुलना में कम उत्पादक होने का आघात , स्कूल के काम पर या घर पर । बेरोजगारी , मानसिक या शारीरिक शोषण , नशीली दवाओं या नशीली दवाओं के दुरुपयोग , संबंध टूटने या इन चीजों की खोज से गुजरना देश की मन की शांति , स्थिरता और खुशी में बाधा डालता है , यही कारण है कि लोग आत्महत्या करते है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानि की NCRB के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 23,178 गृहिणियों ने आत्महत्या की थी। यानी देशभर में हर दिन 63 और लगभग हर 22 से 25 मिनट में एक आत्महत्या हुई है। जबकि साल 2020 में ये आंकड़ा 22,372 था। जितनी तेज़ी से संसद का निर्माण करवाया, सांसद और विधायक अपनी पेंशन बढ़ा लेते है , क्यों नहीं उतनी ही तेज़ी से घरेलु हिंसा के खिलाफ सरकार कानून बना पाती है। खैर, हालत हमें ही बदलना होगा और हमें ही इसके लिए आवाज़ उठानी ही होगी तो आप हमें बताइए कि *---- आख़िर क्या वजहें हैं जिनके कारण हज़ारों गृहणियां हर साल अपनी जान ले लेती हैं? *---- घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ? *---- और क्या आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा को होते हुए देखा है ?
