आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"

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आपके अनुसार महिलाओं को एक मंनोरंजन या लेनदेन के सामान जैसा देखने की मानसिकता के पीछे का कारण क्या है ? आपके अनुसार महिलाओं को एक सुरक्षित समाज देने के लिए क्या किया जा सकता है ? और किसी तरह के बदसलूकी के स्थिति में हमें उनका साथ किस तरह से देना चाहिए ?

यौन उत्पीड़न हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है और बहुत से लोग इसका शिकार भी हो जाते हैं . हम समझते है की केवल साबधानी बरतने से ही ऐसे परिस्थितिओं को हमेशा नहीं टाला जा सकता है बल्कि सामाजिक बदलाव से ही इस समस्या को जड़ से ख़तम किया जा सकता है। ऐसे में , आप को क्या लगता है की किस तरह का बदलाव हमारे समाज को एक सुरक्षित और बेहतर समाज बनने में मदद कर सकती है ? और क्या केवल कड़े कानून लागु करने से ही यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो को इन्साफ दिलवाया जा सकता है ? यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो के प्रति वर्तमान में दिखने वाले सामाजिक प्रतिक्रियों पे आप का क्या राय है ?

हमारे समझ में आज भी यौन शोषण के बारे में एक अनचाही चुप्पी साध ली जाती है और पीड़ित व्यक्ति को ही कहीं न कहीं हर बात के लिए जिम्मेदर बना देने की प्रथा चली आ रही है। पर ऐसा क्यों है? साथ ही इस तरह के सामाजिक दबावों के अतिरिक्त और क्या वजह होती है जिसके लिए आज भी कई सारे यौन शोषण के केस पुलिस रिपोर्ट में दर्ज नहीं होते हैं ? समाज में फैले यौन शोषण के मानसिकता के लिए कौन और कैसे जिम्मेदार है ? और समाज से इस मानसिकता को हटाने के लिए तुरंत किन - किन बातों पर अमल करना जरुरी है ?

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से संजना से हुई। संजना यह बताना चाहती है कि वह अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम को सुनकर यह फैसला ली है कि पैतृक संपत्ति में बेटियों को भी अधिकार देना चाहिए। जिससे वह अपने परिवार को अच्छे से रख सके और समाज में आर्थिक रूप से मजबूत बने।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जुनैद रजा से हुई। जुनैद रजा यह बताना चाहते है कि महिला की सुरक्षा को लेकर माता - पिता चिंतित रहते है। इसीलिए वह अपने बच्ची को घर से बाहर भेजना नहीं चाहते है। महिलाओं को शिक्षित होना बहुत जरूरी है। जिनके घर में पैसों की दिक्कत नहीं है उनके घर के लड़कियों को अपने माता - पिता की मदद से पढ़ना चाहिए और जो गरीब घर से आते है उनको कुछ रोजगार करके पढ़ना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कमरुद्दीन से हुई। कमरुद्दीन यह बताना चाहते है कि गरीब घर के बच्चियों को पढ़ाई करने में बहुत परेशानी आती है। अगर गांव के समीप सरकार द्वारा विद्यालय बना दिया जाए तो गरीब बच्चियां पढ़ सकती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमज़ान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विजय कुमार प्रजापति से हुई। विजय कहते है कि सरकार को महिलाओं की उच्च शिक्षा के लिए निशुल्क व्यवस्था करनी चाहिए। धन के आभाव में माता पिता लड़कियों को पढ़ा नहीं पाते है। साथ ही महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना चाहिए ताकि अच्छे से शिक्षा प्राप्त कर पाए। स्कूल भी पास नहीं रहता है कि लड़कियाँ स्कूल जा पाए। अगर लड़की शिक्षित नहीं होगी तो नौकरी नहीं कर सकती है क्योंकि इंटर पास करने के बाद नौकरी नहीं मिलता है। परिवार वाले लड़कियों को घरेलु काम में लगा देते है