उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से डॉ सुजीत भारती से हुई। सुजीत कहते है कि जब व्यक्ति तनाव मुक्त रहेंगे तो वो मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। लेकिन आज के दौर में किसी को बेरोज़गारी का तनाव है ,पढ़ाई का तनाव है ,परिवार का तनाव है तो ऐसे में तनाव मुक्त रहना बहुत मुश्किल है। यह चुनौती बन गयी है। लेकिन लोग कोशिश करे और तनाव मुक्त रहे। थोड़ा कमाए और उसी में गुज़ारा करें। परिवार के साथ मिलजुल कर रहे। बच्चे मोबाइल से दूर रहे
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से अरविन्द श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पहले के समय में लोगों का यह मानना था कि बेटियों की शादी में काफी खर्च होता है इसलिए बेटियों का पैतृक संवात्ति में कोई अधिकार नहीं होता है। लेकिन मोबाइल वाणी की पहल पर चलाया गया कार्यक्रम अपनी ज़मीन अपनी आवाज़ को लोगों ने सुना, और इसे काफी पसंद भी किया। साथ ही कई लोगों के सोंच में काफी बदलाव आया और लोगों ने अपनी बेटियों को संपत्ति में अधिकार देने का समर्थन किया। पैतृक संपत्ति में बेटी को उतना ही अधिकार होता है जितना की एक बेटे का। अगर बेटियों को संपत्ति में अधिकार दिया जायेगा तो वे आत्मनिर्भर और सशक्त बनेंगी। साथ ही परिवार और समाज का विकास होगा एवं महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से शाहरुख खान से हुई। शाहरुख खान यह बताना चाहते है कि अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम को सुनकर यह फैसला लिया है कि अपनी पैतृक जमीन में अपनी बेटी को भी हिस्सा देना चाहिए । जिससे वह अपनी परिवार को अच्छी तरीके से रख सके और समाज में आर्थिक रूप से मजबूत रहे।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद रिज़वान से हुई। मोहम्मद रिज़वान यह बताना चाहते है कि वह अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम को सुनकर यह फैसला लिया है कि अपनी पैतृक जमीन में अपनी बेटी को भी हिस्सा चाहिए । जिससे वह अपनी परिवार को अच्छी तरीके से रख सके और समाज में आर्थिक रूप से मजबूत रहे।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद फरहान से हुई। मोहम्मद फरहान यह बताना चाहते है कि अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम को सुनकर यह फैसला लिया है कि अपनी पैतृक जमीन में अपनी बेटी को भी हिस्सा देना चाहिए । जिससे वह अपनी परिवार को अच्छी तरीके से रख सके और समाज में आर्थिक रूप से मजबूत रहे।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बब्बू मिश्रा से हुई। बब्बू मिश्रा यह बताना चाहते है कि पिता बेटा और बेटी को एक निगाह से देखता है। लेकिन माँ बेटे के पक्ष में ज्यादा रहती है। शादी के बाद बेटी को उसके ससुराल में ही संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रमेश वर्मा से हुई। रमेश कहते है कि बहन को हिस्सा देने पर भाई ऐतराज़ करेगा पर बहन को हिस्सा मिलना चाहिए। अगर महिला के पास जमीन होगा तो उनपर होने वाली सताहट कम होगा। बेटा और बेटी एक सामान है तो बहन को बराबर का हिस्सा दे देना चाहिए। अगर महिला को हिस्सा नहीं होगा तो वो बेसहारा ही है। कानून तो बना है लेकिन उसपर लगने वाला शर्ते हटा देनी चाहिए।हर घर में बेटी को हिस्सा देनी चाहिए। कानून को ऐसा होना चाहिए की बेटी को जमीन में हिस्सा मिलना ही है तभी हर एक बेटी को अधिकार मिल पाएगा।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से गुड़िया से हुई। गुड़िया यह बताना चाहती है कि महिलाओं को लोग दबा का रखना चाहते है। अगर महिला को जमीन में अधिकार दिया जाए तो उनका आत्म सम्मान बढ़ जायेगा। जिससे वह अपने अधिकार के लिए लड़ सकती है। वह जमीन में खेती कर सकती है और इससे महिलाओं के उत्पीड़न में भी कमी आएगी। समाज में उनका स्थान और ऊपर हो जायेगा। आज महिलाओं को पढ़ाया जा रहा है और वह पढ़ - लिख कर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी महिला को पढ़ाया नहीं जाता है। कई चीज़ों का अधिकार पुरुषों को ही दिया जाता है। जिसके कारण पुरष महिला पर हावी हो जाते है। जिससे महिला असहाय हो जाती है। अगर उनको ससुराल से निकाला जाता है तो वह अपने मायके भी नहीं जा सकती है। इसीलिए महिलाओं को जमीन में अधिकार मिलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से कृष्ण प्रताप प्रेमचंद से हुई।कृष्ण प्रताप प्रेमचंद कहते है कि समाज में जागरूकता की कमी के कारण महिला शिक्षा में बाधा है। पुरुष प्रधान देश में महिला को पढ़ाया नहीं जाता है। अगर लोग जागरूक हो कर लड़कियों को पढ़ाए तो समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। महिला सशक्त होगी ,समाज में महिला पुरुषों के साथ कन्धा से कन्धा मिला कर चलेगी। रोजगार करेगी तो वो अपने स्वास्थ्य की देखरेख अच्छे से कर पाएंगी। महिला शिक्षित होगी तो समय से अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर इलाज करवा पाएगी । शिक्षा ही ऐसा साधन है जिससे उनका स्वास्थ्य अच्छा होगा ,आर्थिक दशा सुधरेगी और समाज में सकारात्मक बदलाव होगा। भारत सरकार या राज्य सरकार का सिलेबस में कानूनी शिक्षा को शामिल किया जाए ,जगह जगह नुकड़ नाटक,प्रखंड ,जिला स्तर में महिला जागरूकता को लेकर कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद अज़ीज़ से हुई। मोहम्मद अज़ीज़ यह बताना चाहते है कि उनके गाँव में लोग इंटर और हाई स्कूल के बाद लड़कियों की शादी करने लग जाते है। जिस तरह पुरुषों को उच्च शिक्षा का अधिकार है , उसी तरह महिलाओं को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए। माहौल को देखते हुए लोग बच्चियों को शिक्षा प्राप्त करने हेतु ज्यादा दूर नहीं भेजना चाहते है इसीलिए सरकार द्वारा जगह - जगह विद्यालय की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि गाँव की बच्चियां भी पढ़ - लिख सके।