उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से संस्कृति श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमें जीवित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दो चीज़े हैं जल और हवा। म सभी जानते हैं कि एक बार हम भोजन के बिना कुछ दिनों तक रह सकते हैं, लेकिन पानी के बिना नहीं। हमें खाने-पीने से लेकर खाना पकाने, नहाने और धोने तक हर चीज के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारी दिनचर्या में पानी का भी बहुत बड़ा योगदान है। हम सभी जानते हैं कि हमारा देश जल संसाधनों से समृद्ध है। हमारे देश को कई नदियों, कई जल स्रोतों का आशीर्वाद प्राप्त है, भगवान ने हमें बहुत अच्छे प्राकृतिक संसाधन दिए हैं। हमारे भारत में गंगा, यमुना और गोदावरी, कावेरी जैसी कई नदियाँ हैं जो वर्षों से हमारे घरों में पानी की आपूर्ति कर रही हैं। जीवन का आधार इस तरह से है कि मृत्यु के बाद भी यहाँ लोगों को गंगा में डाला जाता है, यानी हमारे जीवन में जीवन की शुरुआत से लेकर मृत्यु के अंत तक। पानी का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन क्या हम उस प्रकृति, उस पानी को बचाने के लिए कुछ भी कर रहे हैं, हम देख रहे हैं कि देश भर से आने वाला सारा कचरा, दुनिया भर से आने वाला सारा कचरा, कारखाने का सारा कचरा नदियों में बहाया जाता है। लेकिन हम उस पानी को बचाने के लिए क्या कुछ कर रहे हैं ? हमें कोशिश करनी चाहिए की जल को जितना हो सके बचा कर रखें और जल प्रदुषण होने से रोके

दोस्तों, हमारे आपके बीच ऐसी महिलाओं के बहुत से उदाहरण हैं, पर उन पर गौर नहीं किया जाता. अगर आपने गौर किया है तो हमें जरूर बताएं. साथ ही वे महिलाएं आगे आएं जो घंटों पानी भरने और ढोने का काम करती हैं. उनका अपना अनुभव कैसा है? वे अपने जीवन के बारे में क्या सोचती हैं? क्या इस काम के कारण उनका जीवन नरक बन रहा है? क्या वे परिवार में पानी की आपूर्ति के चक्कर में अपना आत्मसम्मान खो रही हैं? क्या कभी ऐसा कोई वाक्या हुआ जहां पानी के बदले उनसे बदसलूकी की गई हो, रास्ते में किसी तरह की दुर्घटना हुई हो या फिर किसी तरह के अपशब्द अपमान सहना पडा?

दोस्तों, राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अभी भी 2.5 किमी तक पैदल चलकर जाती हैं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने परिवार के लिए पीने का पानी लाने में औसतन दिन में 3-4 घंटे खर्च करती हैं, यानि अपने पूरे जीवन काल में 20 लाख घंटों से भी ज्यादा. क्या आपको ये बातें पता है ?और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें.

दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि अभी हर ग्रामसभा में पानी सप्लाई का काम हो रहा है। जिससे लोगों को पानी की समस्या न हो। इस सप्लाई होने से घर घर शुद्ध पानी मिल रहा है। सरकार की योजना लोगों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। लोगों को शुद्ध जल मिल रहा है जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से विजय पाल चौधरी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि नहर में पानी की कमी के कारण किसान परेशान हैं। गाँव की पंचायत अधर में है क्योंकि इस समय धारा में पानी नहीं है, हालाँकि किसानों को अब पानी की आवश्यकता है क्योंकि नर्सरी लगभग लोगों का प्यार बन गया है, अगर किसानों को नहरों में पानी मिल जाए तो वे धान लगा सकते हैं, लेकिन इस समय नहर में पानी नहीं है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बातना चाहते है कि आजकल जलवायु परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहा है। यह तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इसकी हर इकाई में जो हरे-भरे पेड़ हैं, उन्हें काटा जा रहा है और बहुत बड़ी मात्रा में काटा जा रहा है, जिन्हें सरकार द्वारा ही काटा जा रहा है , जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि इस साल जलवायु परिवर्तन से परेशान गर्मी से परेशान पूरे भारत को प्राकृतिक कारणों से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। जिन संसाधनों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है, जो घर बनाए जा रहे हैं, जो बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं, और जो जल संचयन कहीं दिखाई नहीं दे रहा है।अगर तालाब नहीं होंगे तो पानी का भंडारण नहीं होगा, तो बारिश की संभावना कम होगी। और बस्ती जिले में कुछ स्थानों पर देखा गया है कि कई स्थानों पर जल स्तर भी नीचे चला गया है क्योंकि हम तराई क्षेत्र हैं, इसलिए अब पानी की ज्यादा कमी नहीं है, लेकिन अगर स्थिति रही तो पानी की कमी हो जायेगा।