उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद रिज़वान से हुई। मोहम्मद रिज़वान यह बताना चाहते है कि वह अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम को सुनकर यह फैसला लिया है कि अपनी पैतृक जमीन में अपनी बेटी को भी हिस्सा चाहिए । जिससे वह अपनी परिवार को अच्छी तरीके से रख सके और समाज में आर्थिक रूप से मजबूत रहे।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद फरहान से हुई। मोहम्मद फरहान यह बताना चाहते है कि अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम को सुनकर यह फैसला लिया है कि अपनी पैतृक जमीन में अपनी बेटी को भी हिस्सा देना चाहिए । जिससे वह अपनी परिवार को अच्छी तरीके से रख सके और समाज में आर्थिक रूप से मजबूत रहे।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि बेटियां बेटों से कम नहीं है। वह अपनी संपत्ति में बेटों के साथ - साथ बेटी को भी हिस्सा देंगे। बेटियाँ अपने माँ और पिता की हर दुःख - सुख को समझती है। बेटी अपने पिता को दुःख में देख कर तुरंत चली आती है। बेटियां बुढ़ापे में अपने माता - पिता का सहारा बनती है।
उत्तप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से अरविन्द श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से मोहम्मद रिज़वान से बातचीत किया। बातचीत के दौरान मोहम्मद रिज़वान ने बताया कि उन्होंने मोबाइल वाणी पर अपनी जमीन अपना अधिकार कार्यक्रम सुना और यह कार्यक्रम उन्हें बहुत अच्छा लगा। साथ ही इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर वे भी अपनी बेटियों को संपत्ति में बराबर का अधिकार देना चाहते हैं।
उत्तप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से अरविन्द श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शिवशंकर चौधरी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान शिवशंकर ने बताया कि उन्होंने मोबाइल वाणी पर अपनी जमीन अपना अधिकार कार्यक्रम सुना और इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर वे भी अपनी बहन और अपनी बेटी को संपत्ति में अधिकार देना चाहते हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अंकुर वर्मा से हुई। अंकुर कहते है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है। अब कानून भी बना है कि पैतृक संपत्ति में बेटी भी उत्तराधिकारी है। अभी बेटियाँ हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। हर क्षेत्र में बेटियों को बराबरी का भागीदारी मिल रहा है। आजकल बेटियां अभिशाप नहीं है ,जितना बेटे काम करते है उससे कहीं अधिक बेटियां काम करती है। बाहर के काम के साथ घर के काम को भी बेटी संभालती है
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राहुल श्रीवास्तव से हुई। राहुल श्रीवास्तव यह बताना चाहते है कि अगर बेटी को पिता की संपत्ति में हिस्सा दिया जाए तो बेटों को ऐतराज़ नहीं करना चाहिए। बेटा और बेटी को बराबर हिस्सा मिलना चाहिए। महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। समाज में महिला आगे आ रही है।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनू से हुई। सोनू यह बताना चाहते है कि वह बेटा और बेटी को एक समान देखते है। बेटी को ससुराल में जमीन में हिस्सा मिलना चाहिए। शादी नहीं होने पर उनको मायके में जमीन पर हिस्सा मिलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अभिषेक से हुई। अभिषेक यह बताना चाहते है कि वह बेटा और बेटी को एक समान निगाह से देखना चाहिए। बेटी को शादी से पहले पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। विवाह ह जाने के बाद उनको पति के जमीन में हिस्सा मिलना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रमेश से हुई। रमेश यह बताना चाहते है कि अगर उनके बेटी को जमीन में हिस्सा दिया जाए तो बेटों को तो ऐतराज़ होगा ही। अगर उनकी बेटी सक्षम होगी तो उनको जमीन में हिस्सा नहीं दिया जायेगा। पिता अपनी बेटी की शादी के समय जितना पैसा या संपत्ति देना होता है वह दे देते है। अगर बेटी शादी के बाद सक्षम नहीं है आर्थिक रूप से तो उनकी मदद करनी चाहिए। महिला खुद ही सक्षम नहीं बनना चाहती है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।