उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से मोहम्मद इमरान ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि महिलाओं के साथ बैठक कर महिलाओं के जमीन अधिकार पर आधारित चल रहा कार्यक्रम को सुनाया गया। महिलाओं के अनुसार जमीन का अधिकार महिलाओं को देने से भाई बहन के बीच मन मुटाव की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। महिला की अगर शादी होती है तो वो अपने पति के घर ही रहेगी न की मायके आएगी। और हर बार ऐसा स्थिति हो जाता है कि महिला को जमीन बेचना ही पड़ जाता है। इस कारण परिवार में खटास भी आया है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी से हुई। सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी यह बताना चाहते है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।समाज जब तक कानून को स्वीकार नहीं करेगा , जबरदस्ती सरकार द्वारा थोपा जायेगा तो कभी भी वह अमल में नहीं आएगा। जहाँ तक महिलाओं को भूमि पर अधिकार देने की बात है इससे रिश्ते ख़राब होगा ,भाईचारा ख़राब होगा और जो रिश्ते बहुत दिनों से चला आ रहा है वह भी ख़तम हो जायेगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहते है कि राशन कार्ड सिर्फ महिला के नाम से बन रहा है जबकि पुरुष के नाम से भी बनना चाहिए। महिलाओं के नाम से जमीन नहीं होना चाहिए। महिला आगे बढ़ रही है जबकि पुरुष पीछे रह जा रहे है। महिला पुरुष की बात नहीं सुनती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माधयम से यह बताना चाहते है कि समाज या सरकार पुरुषों और महिलाओं को समान रखने की बात करे, लेकिन कहीं न कहीं खामियां हैं। गर्भावस्था में ही लिंग का पता लगा के लोग गर्भ में ही लड़कियों को मारना चाहते है। देखा जाये तो जन्म से पहले ही महिला हिंसा की शुरुआत हो जाती है और इसमें आगे चलकर बच्चे के जन्म होने के बाद कमियां देखने को मिलती है जैसे समय से भोजन नहीं देना , जब तक बच्ची रोयेगी नहीं तबतक उसको भोजन नहीं दिया जाता है , वहीँ लड़के के जन्म के बाद परिवार के सारे सदस्य बच्चे के पीछे लगे रहते है की कहीं वह रोने न पाए। इस प्रकार से शुरुआत से ही महिला हिंसा का होना शुरू हो जाता है। समाज में जैसे - जैसे बच्चियां बड़ी होने लगती है उनके पढ़ाई में प्रतिबंध लगाया जाता है और लड़कों को कहीं भी आने - जाने का छूठ दिया जाता है। इस प्रकार महिला को घरेलु शिक्षा दी जाती है। महिला को उनके अधिकार के बारे में अभी भी पता नहीं है। महिला खेत में काम तो करती है लेकिन जमीन पर मालिकाना हक़ नहीं मिलता है। पति के मृत्यु हो जाने पर या तालक होने पर ही महिला को जमीन मिलता है। महिला अपने पैतृक संम्पत्ति पर दावा ज्यादा नहीं करती है। अपना अधिकार पाने के लिए महिला आगे आना चाहती है। एक समाज होने के नाते पुरुष ही हर क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ाते रहते हैं, खासकर अगर रजिस्ट्री की बात आती है तो उन्हें भी इसमें अपना लाभ दिखाई देता है। महिलाओं के नाम पर पंजीकरण कराने में कम खर्च आता है। वे इस नाम से महिलाओं के नाम पर पंजीकरण करते हैं, लेकिन मानक अधिकार जो महिलाओं को मुक्त करने में सक्षम नहीं है और वे उस भूमि को अपनी इच्छानुसार नहीं बेचते हैं।

केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना पूरी तरीके से ठप हो गई है 5 माह से इस योजना में कार्य कर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है जिससे लाभार्थी भी परेशान हैं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पिछले 6 वर्षों से संचालित किया जा रहा था इसके सफल संचालन के लिए जिले स्तर पर कर्मियों की नियुक्ति जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से किया गया था जिसमें जिला कार्यक्रम समन्वय एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी की नियुक्ति किया गया था इस कार्यक्रम आगे चल रहा था लेकिन जून 2023 में प्रदेश के हाई लेवल की बैठक में प्रमुख सचिव के अध्यक्षता में या निर्णय लिया गया कि अब यह कमी महिला कल्याण विभाग में समायोजित होंगे ह ई व के अंतर्गत प्रावधानिक पड़ा जहां से उक्त कर्मियों को वेतन भी दिया जा रहा था लेकिन पिछले 5 माह से मुक्त कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है और ना ही बैठक के लिए कोई जगह दिया जा रहा है मुक्त कमी सांसद विधायक एवं उन अधिकारियों से वेतन दिलाने की मांग को लेकर पत्र भी दिया लेकिन अभी तक इन कर्मियों को वेतन नहीं मिला जिससे यह कमी और इनका परिवार भुखमरी के कगार पर है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि जब उनकी बातचीत महिलाओं से हुई तो महिला यह बताई कि महिला और पुरुष में भेद - भाव ख़त्म नहीं होगी। महिला को पूर्ण रूप से अधिकार नहीं मिल पायेगी। कुछ महिलाओं ने कहा की अगर हम पुरुष का सम्मान करेंगे तो वह भी महिला का सम्मान करेंगे।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता से हुई। श्रोता यह बताना चाहते है कि उनकी बहु झगड़ा करती है। वह ठीक से रहना नहीं चाहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से बृजेश से हुई थी । बृजेश ये बताए कि महिलाओं को पढ़ाया नहीं जाना चाहिए क्योंकि अगर वह पढ़ लेंगी तो पुरुष के सामन खड़ी हो जाएगी। आपस में लड़ाई होगी। अगर वे पढ़ते-लिखते हैं, तो वे होशियार होंगे, फिर वे अपने अधिकार मांगेंगे और जमीन मांगेंगे, तो लड़ाई होगी, ऐसी स्थिति में उन्हें बहुत ज्यादा नहीं पढ़ाया जाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से राम अवतार यादव से हुई। ये कहते है कि बाढ़ के समय खेत जाने में ,पशुओं का चारा व्यवस्था करने में दिक्कत होती है। आवागमन में समस्या हो जाती है। बाढ़ से फसल जो नुक्सान होता है ,उसका मुआवज़ा कभी कभार मिल जाता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से फौजदार जी से हुई। फौजदार जी यह बताना चाहते है कि महिला को जागरूक करना होगा कि उनके क्या अधिकार हैं और भारत के संविधान द्वारा उन्हें क्या विशेष अधिकार दिया गया है कि आज उनके पास जो है, उसके अनुसार उनका पचास प्रतिशत हिस्सा होना चाहिए। भागीदारी नहीं मिल रही है क्योंकि महिलाओं के लिए बनाए गए सभी संगठन अपर्याप्त हैं और उन्हें वह नहीं मिल रहा है जो उनके लिए सही है। जो कुछ भी है उसे यह जानने के लिए बनाया जाना चाहिए कि क्या आपका अधिकार है और जो अभी भी समाज में है वह प्रथा है, पर्दा प्रथा है, कुछ महिलाएं जो अपना घर नहीं छोड़ पाती हैं, चाहे उनका परिवार का दबाव हो या किसी और का दबाव हो। महिलाये आज भी अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है।