उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि हमारे समाज में पितृ सत्ता इतना हावी है कि महिलाओं को उनका अधियकर नहीं दिला पाते है। इस मसले में राजनीतिक मुद्दा भी सामंने आता है। महिलाओं का असली पहचान देने का सुधार बहुत कम है। महिलाओं को उनके सम्मान के बारे में उन्हें भी जागरूक करना होगा क्योंकि महिलाएं खुद को गुम मानती है ।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से रमजान अली , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि महिलाऐ को अब भी उन्हें फलाने की माँ ,बेहेन ,पत्नी आदि के नाम से पहचाना जाता है। बड़ी आबादी में महिलाओं को उनके नाम से नहीं जाना जाता है। इसी कारण ही समाज में मॉर्डन दिखने की कोशिश करते है। महिलाएं भी आप अपनी पहचान और संस्कृति खो रही है। महिलाओं का सांस्कृतिक पहनावा भी गुम होता जा रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि शनिवार को बादल छाए रहने के बाद भी उमस भरी गर्मी रही। इससे मतदाता काफी परेशान रहे

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से अरविन्द,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि रुधौली प्रखंड जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवार के लिए मनरेगा एक अच्छा विकल्प था जिसमे लोगों को रोजगार मिले। लेकिन इस क्षेत्र में मनरेगा में श्रमिकों से काम न लेकर मशीनों से करवाया जा रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय पाल ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि शाओघाट विकासखंड अंतर्गत गाँव में सड़कों की खुदाई कर पाइप डालने का कार्य चल रहा है। लेकिन कई जगह सड़कों को खोद कर छोड़ दिया गया है जिससे आनेजाने लोगों को दिक्कत हो रही है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि प्रखंड साव घाट के गाँव में सड़क बहुत ख़राब है। बरसात के मौसम में सड़क में पानी भरा रहता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती ज़िला से विजय ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि वर्तमान समय में भ्रूण हत्या जोरो पर है। बेटो की लालच में भ्रूण हत्या बढ़ा हुआ है। यह बहुत ही बड़ी समस्या है। बेटियों के बिना संसार की रचना सही नहीं है ,इसीलिए भ्रूण हत्या नहीं होनी चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि सरकार द्वारा चलाया गया योजना जल जीवन मिशन के तहत कई लोगों को पानी नहीं मिलता है। पानी के कनेक्शन के लिए लोगों से पैसे लिए गये थे लेकिन अभी तक पानी की सुविधा नहीं मिल पाया है।

मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी कम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। जिले में अब तक सृजित मानव दिवसों में महिलाओं की भागीदारी बामुश्किल पहुंच पाई है। रोजगार देने के उद्देश्य से संचालित मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार का जोर है। नियमों की माने तो महिलाओं को उनके आरक्षण के हिसाब से रोजगार दिया जाना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि कम से कम 33 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए। मनरेगा के संचालन के लिए जारी नियम और कानून का पालन जिले में सार्थक होता नहीं दिख रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मुस्ताक मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहे है कि समस्या यह है कि हमारे परसालाल साही गाँव के बाडेपुर से होकर जाने वाली सड़क, उत्तर की ओर जूली स्कूल, लगभग तीन से चार सौ मीटर दूर है, लेकिन वह खड़ी सड़क इतनी टूटी हुई है। बरसात के मौसम में कहीं दो फुट गहरे गड्ढे पानी से भर जाते हैं, कहीं एक फुट गहरे गड्ढे पानी से भर जाते हैं, बच्चों को आने-जाने में परेशानी होती है, बच्चे साइकिल से गिर जाते हैं। ऐसे में सरकार की खबर पहुंचनी चाहिए ताकि कम से कम जितना संभव हो सके सड़क की मरम्मत की जा सके। यदि आप पीछा करने में सक्षम नहीं हैं या हर पीछा दो से बेहतर है, तो इसे सुधारना बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए मैं अनुशंसा करता हूं कि सरकार को खबर भेजनी चाहिए और सरकार को यह काम करना चाहिए ताकि बच्चों का आना-जाना सुविधाजनक हो।